Pitrdosh Shanti StotramIn Hindi ॥ पितृ स्तोत्र हिन्दी अर्थ सहित ॥
अर्चितानाममूर्तानां पितॄनां दीप्ततेजसाम्।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषम्॥१॥
हिन्दी अर्थ- जो सबके द्वारा पूजित, अमूर्त, अत्यन्त तेजस्वी, ध्यानी तथा दिव्यदृष्टि सम्पन्न हैं, उन पितरों को मैं सदा नमस्कार करता हूँ ।
इंद्रादिनां च नेतारो दक्षमारिचयोस्तथा ।
सप्तर्षिणां तत्न्येषां तं नमस्यामि कामदान ॥२॥
हिंदी अर्थ - जो इंद्र आदि देवता, दक्ष, मारीच, सप्तर्षि और देवताओं के भी नेता हैं, उनकी कामना करने वाले उन पितरों को मैं प्रणाम करता हूं।
मन्वादीनां च नेताराः सूर्यचन्द्रमसोस्तथा।
तान नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युधावपि ॥३॥
हिंदी अर्थ - जो मनु आदि राजर्षियों, मुनिश्वरों तथा सूर्य और चन्द्रमाओं के भी नायक हैं, उन सभी पितरों को मैं जल और समुद्र में भी नमस्कार करता हूँ।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वायव्यगज्ञानोर्नभसस्तथा।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृतांजलिः॥४॥
हिंदी अर्थ - नक्षत्र, चिह्न, वायु, अग्नि, आकाश और द्युलोक तथा पृथ्वी के भी जो नेता हैं, उन पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं।
देवर्षीणां जनितॄश्च सर्वलोकनमस्कृतान्।
अक्षयस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृतांजलिः॥५॥
हिन्दी अर्थ - जो देवर्षियों के जन्मदाता, समस्त लोकों द्वारा वन्दित तथा सदा अक्षय फल के दाता हैं, उन पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ ।
प्रजापतेः कस्पाय सोमाय वरुणाय च।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृतांजलिः॥६॥
हिन्दी अर्थ - प्रजापति, कश्यप, सोम, वरूण तथा योगेश्वरों के रूप में स्थित पितरों को सदा हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ ।
नमो गणेभ्यः सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्राह्मणे योगचक्षुशे ॥७॥
हिन्दी अर्थ - सातों लोकों में स्थित सात पितृगणों को नमस्कार है। मैं योगदृष्टिसम्पन्न स्वयम्भु ब्रह्माजी को प्रणाम करता हूँ ।
सोमधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतमहम् ॥८॥
हिन्दी अर्थ - चन्द्रमा के आधार पर प्रतिष्ठित तथा योगमूर्तिधारी ४ पितृगणों को मैं प्रणाम करता हूँ। साथ ही सम्पूर्ण जगत् के पिता सोम को नमस्कार करता हूँ ।
अग्रिरूपांस्तथैवन्यान नमस्यामि पितृनहम्।
अग्रीशोममयं विश्वं यत् एतदशेषतः ॥९॥
हिन्दी अर्थ - अग्निस्वरूप अन्य पितरों को मैं प्रणाम करता हूँ, क्योंकि यह सम्पूर्ण जगत् अग्नि और सोममय है ।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तयः।
जगत्स्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिणः।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्यः पितृभ्यो यतमानसः।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ॥१०॥
हिन्दी अर्थ - जो पितर तेज में स्थित हैं, जो ये चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं तथा जो जगत्स्वरूप एवं ब्रह्मस्वरूप हैं, उन सम्पूर्ण योगी पितरों को मैं एकाग्रचित्त प्रणाम करता हूँ। उन्हें बारम्बार नमस्कार है। वे स्वधाभोजी पितृ मुझपर प्रसन्न हों।
Mind power buster: एकबार पढते ही याद होगा अगर ये तीन चीजें जान गये तो How to make your brain sharp
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हर students का यही प्रश्न है कि याद नहीं रहता, लेकिन किसी student का दिमाग इतना improve होता है कि बिलकुल भी समय नहीं लगता उसका दिमाग हर चीज को कैंच कर लेता है।वह कम पढने पर भी अच्छा मार्क्स ला देता है उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पढती कारण यह की उसकी कैन्चिंग power बहुत strong होती है।लेकिन कुछ भी होते है जिनको कुछ भी याद नहीं हो पाता है।
नमस्कार दोस्तों एवं प्रिय विद्यार्थियों चाहे आप किसी भी लेवल की पढाई क्यों नहीं कर रहे हो क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? आप सबकुछ अच्छी तरह से याद करते हो लेकिन ऐन मौके पर भूल जाते हो? जिससे भी सुनते है वह यही कहता है इतने बजे सोओ? बादाम खाओ? व्यायाम करो?दवाई खाओ? इटरनेट मोबाइल पर तरह तरह के आर्टिकल बीडियो है जो आपको अनेकों टिप्स बताते है जो कुछ हासिल नहीं होने वाला है। क्या आप भी अपना दिमाग कम्यूटर जैसा बनाना चाहते हो? क्या आप भी जीनीएस बनना चाहते है? अक्सर होता यह है कि हमें छोटी छोटी चीजें भी याद नहीं रहती है और वही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो एकबार पढने मे ही याद कर लेते है। क्या आपने कभी Blessed mind के बारे में सुना है (ब्लेज्ड माइंड) इतना तेज होता है कि अगर वह एक बार कोई मोटी किता पढ ले तो उसे वह तुरंत याद हो जाती है। वह सारे अक्षर उसके दिमाग पर छप जाते है। आप सब कुछ हासिल कर सकते हो आप (सूपर कम्प्यूटर) जैसे पावर हासिल कर सकते है क्योंकि (सूपर कम्यूटर) भी इन्सान ने ही बनाया है, और यह सब खेल होता है आपके सोचने का आपके हाव-भाव आदि से
हम आपको इस वीडियो में कुछ ऐसे कारण बताने वाले है जिसे अपनाकर आप अपने Mind को कयी गुना बेहतर कर सकते हो। इन बातों को ध्यान से सुने और उसपर विचार जरूर करे क्योंकि जबतक आप सोचेंगे नहीं कुछ नहीं होने वाला क्योंकि इन्हें फाॅलो करने से आपके अन्दर बहुत बडा चेंज आने वाला है। आपको सबकुछ पलक झपकते ही याद हो जाएगा और आप भी जीनीएस कहलाओगे।
1- हमें हमारी फेवरेट मूवी का हर सीन क्यों याद हो जाता है या,हम किसी सुन्दर लडकी या लडके को देखते है तो उसकी शक्ल याद हो जाती है या जो हमें प्यारा लगता है उसका मोबाइल नम्बर एकबार बोलने पर ही याद हो जाता है या हमें अपने बचपन की सभी सरारत वाली बातें याद रहती है या कोई सूपर स्टार से हमारी मुलाकात हो जाये और उसके साथ फोटो भी खिंचवाई जाए तो वो पल कभी भूल नहीं पाओगे यानी अगर देखा जाए तो आपका दिमाग वह कर रहा है जो उसे नहीं करना चाहिए उसे जो करना चाहिए वह नहीं कर रहा है। सोचो अगर ऐसी ही (ब्रेन Power) आपके हर काम मे आये तो क्या होगा आया कुछ समझ में अगर ऐसी (ब्रेन पाॅवर) आपके हर फील्ड मे आए तो,आपको हर चीज याद हो जाए चाहे फार्मूले हो या Question answer हो सब एक बार पडने में याद हो जाए उम्मीद करते है कि अब आपके समझ में आ गया होगा या यह जो भी करता है वह है हमारा intrens हमारी लगन क्योंकि वह चीज हमें पसन्द आ रही है इसीलिए उसको हमारा mind ध्यान से सुन रहा है और story कर रहा है।
इसलिए इन बातों से यही निकलता है कि हम पढाई के प्रति intrest जगाने की कोशिश करें क्योंकि ऐसा कोई भी कार्य नही है जिसे हमारा mind सेब नही कर सकता । यानी उस लडकी के नम्बर पर हमारा intrest जागता है उस कहानी के प्रति हमारा intrest जागता है तो फिर आप अपने विषय के प्रति क्यों intrest नहीं जगा पा रहे है।
दुनियां में intrest के अलावा दूसरा और कोई उपाय है ही नहीं क्योंकि को जो अच्छा लगता है और जिसमें उसे intrest होता है वह उसे जल्दी याद हो जाता है। अब आपको पहली Problem और उपाय समझ आ गया होगा क्योंकि एक बात हमेशा याद रखें--- (अगर आप किसी गोल यानी लक्ष्य को Target करके तैयारी करते है तो उसमें आपका intrest जागेगा और आपका सपना भी पूरा होगा और सपलता भी मिलेगी।
2- याद करने का दूसरा सबसे बडा कारण होता है (visual यानी दृश्य) यानी हम जो चीज देखते है हमारे mind में वही पिक्चर बनने लगती है, माना हम कोई एक्शन फिल्म का दृश्य देखते है तो वह दृश्य हमारे दिमाग में बार-बार घूमता रहता है। या आप अपने आंखों के सामने एक बहुत बडा हादसा देखते है तो आप उसके सदमें से बाहर नहीं आ पाते है और कुछ लोग तो अपना जीवन ही खो देते है। यानी जब आप जिस भी विषय की तैयारी कर रहे हो तो उसकी फिल्म अपने दिमाग में सेट करलो और उसमें अपधा कैरेक्टर भी फिक्स कर लो यानी अपने नये ज्ञान को पुराने ज्ञान से जोडने की कोशिश करो, उससे ध्यान मत हटाइए अपने कैरेक्टर्स को और मजबूत कीजिए आपका mind उस पर फोकस करने लगेगा ।
3- Question करना अपने mind को increase करना यानी कुछ students होते है जो वही याद करते है जो उन्हें लिखाया जाता है और कुछ students होते है जो बार बार Question करते रहते है यानी Question करना आपके अनकौन्सेंस mind को हाई स्पीड में ले जाता है इसलिए आपको हर बार हर समय Question करना कभी सामने वाले से तो कभी खुद से Question करना यानी अपने अंदर जिज्ञासा पैदा करना, अपने mind को सही दिशा में ले जाना mind को एनर्जी booster देना ।क्योंकि Question करने से आपके सारे डाउट्स क्लीयर हो जाते है और विषय आपके mind मे सेव हो जाता है।
तो प्रिय साथियों मैने इसमें जो भी बाते बताइ है उसे इग्नाॅर न करें बल्कि इसे प्रयोग करें सफलता और गोल दोनों आपका होगा।
गुरू की महिमा पर संस्कृत/हिन्दी कविता Kavita on Teachers day in hindi,Sanskrit poem
दोस्तों आज हम शिक्षक पर संस्कृत श्लोकों एवं संस्कृत हिन्दी कविता लेकर आए है Poem on Teacher in Hindi Sanskrit – इस पोस्ट में शिक्षकों के सम्मान में कुछ बेहतरीन Sanskrit shlok & Sanskrit kavita यहाँ दी गई हैं, यह शिक्षक पर कविता आप शिक्षक दिवस पर भी अपने शिक्षक को Teachers Day Poem in Hindi समर्पित कर सकते हैं, शिक्षक का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं छात्रों का उज्जवल भविष्य और उत्तम चरित्र निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती हैं, Poem on Teacher in Hindi,Poem on Teacher in Hindi Sanskrit, Teachers Day Poem in Hindi, शिक्षक पर कविता, Hindi Poem on Teacher Student Relationship, Hindi Poems Teachers Day,Sanskrit shloks in hindi
Teachers Day Poem in Hindi: शिक्षक पर कविता,गुरू राह दिखाते है
नमस्कार दोस्तों हम हमेशा प्रतिवर्ष 5 सितंबर को, पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रुप में मनाते है । इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है, उनकी स्मृति में ही उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है, Poems On Teachers Day In Hindi) 05 September Teachers Day Poem In Hindi,hindi poem on teacher student relationship, शिक्षक दिवस की कविता, youtube, shikshak divas hindi kavita
हमें जीने की जो राह दिखाते, नित अंधेरों में जो रोशनी जगाते । बिगड़ी हुयी कस्ती को सुधारते, वो निश्छल भाव गुरू में समाते ।
कोरे कागज को अखबार बनाते, जीवन में रंग-बिरंगे फूल खिलाते । आदर्शों के नित शिखर सजाते, वो भाव प्रेम का गुरू में समाते ।
कच्ची ईटों से जो ताज बनाते, डूबती कश्ति को जहाज बनाते । भले-बुरे का जो भेद समझाते, वो शान्ति सद्भाव गुरू में समाते ।
सत्य न्याय पथ प्रशस्त कराते , संघर्षों से जो लडना सिखाते । ज्ञान दीप की लौ को जलाते, वो ममता करूणा दया बरसाते ।
जात-पात से ऊपर है उठाते, ईमानदारी सहनशीलता सिखाते । खुद जलकर हमारे सपने सजाते, देख तरक्की तब गुरू महकाते ।
बिना मोल के हमें अनमोल बनाते, सफलता का सही मार्ग दिखलाते । सब दरवाज़े जब बंद हो जाते, आशा उम्मीद की किरण जगाते ।
डांट-फटकार फिर प्यार जताते, जीवन का हर कटु मर्म समझाते । आशीर्वाद से भाग्य-कमल खिलाते, गुरू मेरे जब कृपा बरसाते ।
Poem On Bharat Mata In Hindi भारत माता पर कविता bharat maata par Desh Bhakti Geet भारत माँ की सेवा सच्ची सेवा
हे भारत माता नमन तुम्हें, हम गीत तुम्हारे गाते है । रहे सलामत वतन मेरा, नित शीश तुम्हें झुकाते है । हम है उस देस के वासी, जहां की मिट्टी सोना उगलती है । आच्छादित स्वर्ण सुमेरू है, जहां गंगा की निर्मल धारा है ।
पश्चिम में कच्छ विशाल खडा,पूरब में मेघ की गागर है । उत्तर में केसर की खुशबू है,दक्षिण में सागर हिन्द अडा । बाईबिल,गीता,कुरान,गुरुग्रंथ में भाव सिखाता एकता का । संस्कार, सभ्यता उदय हुई जहाँ वो भारत माता अपनी है ।
परहित में भी अपना हित है मानवता हम दिखलाते है । मानव गौरव हो जिसमें हम आदर्शों के शिखर सजाते है । नारी के रूप को भजते है देवी-मां वो कहलाती है । नारी नव दुर्गा का रूप है,सभ्य संस्कारों की जननी है ।
प्रकृति के विपरीत चले ना,दिशाएं यहाँ पूजी जाती है । यहाँ की वसुधा में एक प्राण है एक ब्रह्म सब जीवों में । जहाँ का बेटा पित्र आज्ञा पर जीवन वन में बिताता है । जहाँ की नारी पती को पूजे सती सावित्री कहलाती है।
कबीर,रमीम,रसखान ने मिलकर जाती-पांति दूर किया । वेदव्यास,तुलसी, गणेश ने धर्म ग्रंथों का सार दिया । विवेकानंद के भाषण से जब विदेशी भी कायल हुए । ज्ञान-विज्ञान, यान, यन्त्रों में भारत का जग में मान बढा ।
कैलाश हिमालय चोटी पर शिव शंकर का त्रिशूल खडा । वहीं नीचे घाटियों में फूलों से है मां का आंचल सजा । भारत के गौरव की गाथा मैं किन शब्दों में बयां करूँ । चारों वेद, पुराण, ग्रंथ में छिपा जगत का ज्ञान है ।
धर्म-मजहब भेद मिटाकर हम एक कुटुम्ब की शाखा है । व्रत-उत्सव, त्यौहार मनाते सब भाई-बहन का नाता है । यहाँ की नारी में वो शक्ति जो,यमराज से लोहा लेती है । बात आए स्वाभिमान पे गर तो प्राण दाह कर देती है ।
भगीरथ तपस्या से गंगा भारत को अनुप उपहार मिला तार दिया जग को सारा सब पुरखों का उद्धार किया । इस धरती पर गोविंद से पहले गुरू को पूजा जाता है । मधुर नाता है शिष्य-गुरू का समरसता सिखलाता है ।
जहाँ मित्रता भगवान भी इन्सानो से ऊपर करते है । धोके चरण जब सुदामा जी के अश्रु से मोते झरते है । विद्या देना इस धरती पर महादान कहलाता है । लेने-देने वाले दोनों का भाग्य-कमल खिल जाता है ।
यज्ञ-धूम और शंखनाद कण-कण में शोधन करते है । उस भारत में नित्य सुबह वेद मंत्रों से घर गूंजा करते है । गौ-गंगा-गीता-धरती से हम सबका मां का नाता है । भाव अमृत भर देता है सब क्लेष-द्वंद्व मिट जाता है ।
सद्गुणों को माता जीजाबाई बालक में पिरोया करती थी । ममता अपनी बरसाती थी पर ढील कभी न देती थी । राजा हरीशचंद्र जैसे दानी ना पूरे जग में और मिले । सपने में देकर राज-पाट फिर दर दर को वो भटकते थे ।
इस भारत को जग सारा क्यों सोने की चिड़िया कहता है । दया-प्रेम-करूणा-ममता समरसता भाव छलकता है । मानी-दानी और स्वाभिमानी हर वर्ग यहाँ कहलाता है । रूखी-सूखी जो भी मिले बस नाम प्रभु का गाता है।
वीर-प्रसूता जिस धरती पर दुष्ट शत्रु भय खाते है । मां के वीर सपूतों के सम्मुख आंख मिला नहीं पाते है । भले नहीं हम कूट-नीति में जग के आगे कभी पडे । दिया सहारा जग को तब जब काल का साया घना पडा ।
इस धरती पर वैद्यराज को भगवान सा दर्जा मिलता है । रोगी-सेवा पुण्य समझकर लहू-दान वो करते है । जिस धरती पर वन-बाग-नदी और पर्वत पूजे जाते है । उस धरती के दर्शन को तब देव भी दौडे आते है ।
यहाँ की संस्कृत भाषा देव की नित अमृत पान कराती है । द्वेष मिटा देती उर के और सदाचार सिखलाती है । बुरे कर्म को पाप समझकर हम गलत राह पर नहीं चलते । राह दिखाते उस पथिक को जो मानवता को भूल चले ।
मोक्ष-प्राप्ति और मुक्ति-दान तू ही अन्नपूर्णा कहलाती है । इसीलिए भारत-माता का गुण-गान सब गाते है । मातृभूमि का ऋणी स्वयं को कहते सभी निवासी है । राष्ट्र हेतु जीते-मरते तन-मन-धन सब सब अर्पित करते ।
वंदेमातरम् वंदेमातरम् वंदेमातरम् वंदेमातरम् भारत माता की जय
Life Shayari in Hindi मेरे अल्फाज़ ऐ जिंदगी पर शायरी सुविचार
नमस्कार दोस्तों आज हम प्यार, प्रेम और रिश्तों पर सुपरहिट ऐ जिंदगी पर शायरी, superhit love shayari-love shayari लेकर आए हैं,हम कुछ बेहतरीन love shayari बताएंगे जो आपको काफी पसंद आने वाली है।लव शायरी सुनने के काफी लोग शौकीन होते हैं।आज हम SuperHit life Shayari in Hindi, बेहतरीन सुपर शायरी, सुपर हिट लव शायरी हिंदी में, सुपर हिट लव शायरी,lavli life Shayari suvichar गजब लव शायरी, टॉप लव शायरी with Images For Gf & Bf लेकर आए है जो आप अपने दोस्तों को भेज सकते है।
आज लिख दूँ कुछ बेहतरीन नगमे जिंदगी के तराने में, मुझे मालूम है तुम ढूंढते हो खुद को मेरे अल्फाज़ों में । अश्कों को छुपाकर तुम अंगारों पर चलना सिखाते हो, चट्टानों को रेतकर तुम आगे बढना सिखाते हो । ये चेहरे की रौनक भी इक दिन शुष्क नजर आएगी, जिस गुमान में खोया कीमती वो वक्त नजर आएगा । छोटी मुस्कान परत छुपा देती है हर जख्मों को, वक्त का पैगाम जब अल्फाज़ लिए फिरता है । ऐ जिंदगी जरा सहम जा मेरी रूह ठिठक जाती है, छिपाकर दर्दों का समन्दर मैं अंदर से प्यासा हूँ । तरने की फरियाद भी कहाँ मुकम्मल यहाँ होती है, अब तो लोगों की हंसी भी अंगारे बरसा जाते है । उम्मीद की उम्मीद भी हम अब कब की छोड बैठे हैं, स्वार्थी इस दुनियाँ के हम नग्मे छोडे बैठे हैं ।
Prernadayak kahani Sangrah-2 संगत का प्रभाव एवं सहनशक्ति की महिमा
Motivational stori in hindi नमस्कार दोस्तों दोस्तों इसमें हम Nayi Disha में Bal katha लेकर आए है, हिन्दी कहानियाँ एक ऐसी विधा जो जीवन को, परिस्थितियों को अपने में लेकर उलझी हुई समझ को, सुलझा देती हैं,प्रेरणादायक हिंदी कहानी संग्रह कथा स्टोरी ज्ञानवर्धक किस्से Hindi Kahani or Story Collection जीवन में नयी दिशा जगा देती है।Inspirational story हिंदी कहानी हमारे व्यक्तित्व को एक दर्पण की भांति हमारे सामने प्रेषित करती हैं; हमे ज्ञान से ओतप्रोत करती है। best Motivational story in hindi कहानियाँ जीवन का दर्पण है,कहानियाँ हमें प्रेरणा देती हैं। Success stori in hindi जिनसे हमें अपने कर्मो का बोध होता हैं, जो हमारे लक्ष्य प्राप्ति का माध्यम बनता है।Motivational story माना कि कहानियाँ काल्पनिक होती हैं पर कल्पना परिस्थिती के द्वारा ही निर्मित होती हैं, कहीं न कही यह हमें जीवन में बडा संदेश देती है। successful story in hindi पाठको को लुभाने एवं बांधे रखने के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं।Inspirational moral story आइए हम आपको ऐसी कुछ कहानियाँ दिखाते है जो आपके जीवन को नयी दिशा प्रदान करेगी। और आपकी सफलता का माध्यम बनेगी। best Love story in hindi ऐसी कयी प्रेरणादायक कहानियाँ Motivational story in hindi ज्ञानवर्धक कहानियाँ Inspirational story
3- सहनशक्ति की महिमा महात्मा सुकरात बहुत बड़े विद्वान और दार्शनिक थे। सारा यूनान उनका आदर करता था। परन्तु उनकी धर्मपत्नी थी क्रोध की साक्षात् मूर्ति । वह हर समय लड़ती थी । मीठा बोलना उसने सीखा नहीं था । प्रतीत होता था चीनी उसने कम खाई, कुनेन ही खाती रही। सुकरात घर पर मौन बैठते तो वह चिल्लाना आरम्भ कर देती - 'हर समय चुप ही बैठे रहते हैं।' वे कोई पुस्तक पढ़ते तो चिल्ला उठती - ' आग लगे इन पुस्तकों को ! इन्हीं के साथ विवाह कर लेना था, मेरे साथ क्यों किया ? '
एक दिन वे आये तो पत्नी ने इसी प्रकार बकना - झकना आरम्भ किया। सुकरात के कुछ विद्यार्थी और भक्त भी उनके साथ थे। उन्होंने इस बात का बहुत बुरा माना, परन्तु सुकरात मौन बैठे रहे। पत्नी ने इन्हें मौन देखा तो उसके क्रोध का पारा और चढ़ गया, वह और भी ऊँची आवाज में बोलने लगी। सुकरात फिर चुपचाप बैठे रहे। पत्नी ने तब क्रोध से पागल होकर मकान के बाहर पड़ा बहा हुआ गन्दा कीचड़ एक बर्तन शीघ्रता से आकर सारा कीचड़ सुकरात के सिर पर डाल दिया। भरा और
तब सुकरात हँसकर बोले- 'देवी, आज तो पुरानी कहावत अशुद्ध हो गई। कहावत है कि गरजने वाले बरसते नहीं। आज देखा जो गरजते हैं। वे बरसते भी हैं।
सुकरात हँसते रहे, परन्तु उनका एक विद्यार्थी क्रोध में आ गया। उस विद्यार्थी ने चिल्लाकर कहा - ' यह स्त्री तो चुड़ैल है आपके योग्य नहीं। ' सुकरात बोले 'नहीं ये मेरे ही योग्य है। यह ठोकर लगा लगाकर देखती रहती है कि सुकरात कच्चा है या पक्का । इसके बार-बार ठोकर लगाने से मुझे पता तो लगता रहता है कि मेरे अन्दर सहनशक्ति है या नहीं। पत्नी ने ये शब्द सुने तो झट उनके चरणों में गिर पड़ी। रोती हुई बोली- 'आप तो देवता हैं। मैंने आपको पहचाना नहीं । '
यह है तप की महिमा ! तप और सहनशीलता से अन्ततोगत्वा मनुष्य विजय प्राप्त होती है। बुरे व्यक्ति भी अपना स्वभाव बदल देते हैं। इसीलिए हमें अपने कर्मों को सुधारकर अच्छी राह पर चलना चाहिए।
4-सत्संग का प्रभाव थोड़ी देर की अच्छी संगत भी क्या परिणाम उत्पन्न करती है, यह अमर शहीद आर्य मुसाफिर पण्डित लेखराम जी के जीवन से ज्ञात होता है। आर्य समाज के ये महान विद्वान नेता ग्राम-ग्राम में घूमकर प्रचार कर रहे थे। एक ग्राम में पहुँचे तो उस प्रदेश का डाकू मुगला भी उनके व्याख्यान को सुनने के लिए आ गया। इसके कई साथी भी दूसरे लोगों के साथ बैठ गये। ग्राम के लोगों ने जब मुगला को देखा और पहचाना तो उनके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। एक-एक करके वे उठने लगे। पण्डित लेखराम जी व्याख्यान दे रहे थे। लोग उठकर जा रहे थे। उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह क्या हो रहा है। धीरे-धीरे सभी लोग चले गये। केवल मुगला और उनके साथी रह गये। पंडित लेखरामजी भाषण देते रहे। वे कर्म के संबंध में बोल रहे थे और बता रहे थे कि : अश्वमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम्।
व्याख्यान समाप्त हुआ तो मुगला ने पण्डित लेखराम जी के पास जाकर कहा-' आप कौन हैं?" पण्डित जी ने कहा- 'मैं लेखराम हूँ। ' डाकू ने कहा-'मैं एकान्त में आपसे कुछ बातें पूछना चाहता हूँ। क्या आपसे मिल सकता हूँ?' लेखराम जी ने कहा- ' अवश्य मिल सकते हो। मैं आर्य समाज में ठहरा हुआ हूँ, वहीं आ जाना। '
रात्रि के समय मुगला और उसके साथी समाज के मकान में जा पहुँचे। ग्रामवालों ने समझा कि आपत्ति आ गई है। ये लोग बेचारे पण्डित जी को लूटने आये हैं, परन्तु मुगला ने हाथ जोड़कर पण्डित जी से कहा—'आप तो कह रहे थे कि प्रत्येक कर्म का फल अवश्य भोगना पड़ता है, तो क्या यह ठीक है?'
पण्डित जी ने कहा- ' शत-प्रतिशत ठीक है । ' मुगला बोला- 'क्या प्रत्येक कर्म का फल भोगना पड़ेगा ? क्या बचने का कोई उपाय नहीं ? पण्डित जी ने कहा- 'कोई नहीं । ' मुगला ने कहा - ' तो फिर क्या बनेगा? मैं तो कई वर्षों से डाके डाल रहा हूँ।' पण्डित जी ने कहा- 'आज से छोड़ दो। कल आर्यसमाज में आओ मैं तुम्हें यज्ञोपवीत दूँगा । इसके पश्चात् धर्म के मार्ग पर चलो।'
मुगला और उसके साथी दूसरे दिन आर्यसमाज में पहुँच गये। सबका जीवन बदल गया। यह होता है सत्संग का प्रभाव !