Monday 13 May 2019

ऐ वतन तेरे लिए

ऐ वतन तेरे लिए 
Bharat mata

हूं यही सोच रहा मै,
ऐ चमन तेरे लिए ।
तेरी इबादत कभी भी,
जाए न  खाली कभी भी ।
चाहे मै हो जाऊं यहां पर,
शहादत तेरे लिए।
है तमन्ना बस यही अब,
लिपटा रहूं मै तिरंगे से।
मिले शहादत मुझे अब,
ऐ चमन तेरे लिए ।
न मै मां कभी भी उस रहमत ईश्वर से खुशी ।
मुझे न इबादत बंगले गाडी की,
मुझे न कारवां जन्नत की,
मुझे न रहमों कर्म की,
न मुझे धन दौलत की,
न मुझे आरजू वफाओं की,
न खुशी जहां कि मिले अब,
न मिले कोई खजाना,
मिले न प्यार जहां का,
मेरी तो बस है सिद्धत ये,
हो जाऊं बलिदान मै यहां पर ,
मिले कफन तिरंगे का।
बस यही आरजू मेरी है।
तेरा बलिदान जहां मे कभी न खाली जाए,
चाहे मिट्ट जाए वजूद मेरा।
तेरी शहादत न रुसवा होने पाए,
चाहे मिट्टी मे मिल जाऊं मै यहां।
ऐसे वतन तेरी खुशी हो,
और खुशी रहमतों की हो सदा।
तेरी शहादत रहे सदा,
मै रहूं या न रहूँगा ।

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