पुरूष होना आसान है
""पुरूष होना आसान है ये जमाना कहता है,
तुम पुरूष हो हर कष्ट सह सकते हो।
तुम हर दुख को सह सकते हो,
तुम हर मुश्किल को जीत सकते हो।
क्योंकि तुम पुरूष हो,
आखिर तुम रो कैसे सकते हो।
कच्ची उम्र से ही सिखाया जाता है,
ए एहसास हर दम दिलाया जाता है।
तुम पुरूष हो,तुम पुरूष हो,
जिसे सुनकर कोमल मन को भी पत्थर बनाना होता है।
जन्म होते ही मां बाप उम्मीदों की लकीर बना देते है,
अपनी कमियों को तुमसे ही पूरी कराते है।
क्योंकि तुम पुरूष हो,तुम्हारे लिये यह आशान है।
छोड अपने सपनों को,
अपनों के सपने पूरे करने होते है।
खुद के अरमान कहीं छूट जाते है,
जब अपनों के सपने कतार मे खड़े दिखते है।
क्योंकि तुम पुरूष हो,
तुम यह सब झेल सकते हो।
घर की तमाम जिम्मेदारी जब कंधों पर आती है,
तो फिर न चाहते हुए भी मुस्कराना पडता है।
मुश्किल घडी मे वह खुद को ही समझाता है,
अपनों का दर्द जो उसने सुलझाना है।
पुरूष हर दर्द झेल सकता है,
क्योंकि पुरूष होना तो आसान होता है।""
""पुरूष होना आसान है ये जमाना कहता है,
तुम पुरूष हो हर कष्ट सह सकते हो।
तुम हर दुख को सह सकते हो,
तुम हर मुश्किल को जीत सकते हो।
क्योंकि तुम पुरूष हो,
आखिर तुम रो कैसे सकते हो।
कच्ची उम्र से ही सिखाया जाता है,
ए एहसास हर दम दिलाया जाता है।
तुम पुरूष हो,तुम पुरूष हो,
जिसे सुनकर कोमल मन को भी पत्थर बनाना होता है।
जन्म होते ही मां बाप उम्मीदों की लकीर बना देते है,
अपनी कमियों को तुमसे ही पूरी कराते है।
क्योंकि तुम पुरूष हो,तुम्हारे लिये यह आशान है।
छोड अपने सपनों को,
अपनों के सपने पूरे करने होते है।
खुद के अरमान कहीं छूट जाते है,
जब अपनों के सपने कतार मे खड़े दिखते है।
क्योंकि तुम पुरूष हो,
तुम यह सब झेल सकते हो।
घर की तमाम जिम्मेदारी जब कंधों पर आती है,
तो फिर न चाहते हुए भी मुस्कराना पडता है।
मुश्किल घडी मे वह खुद को ही समझाता है,
अपनों का दर्द जो उसने सुलझाना है।
पुरूष हर दर्द झेल सकता है,
क्योंकि पुरूष होना तो आसान होता है।""
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