Saturday 11 May 2019

सैनिक का दर्द

     सैनिक का दर्द 

Indian army

सैनिक हूं मै भारत माता का,
जीवन पूर्ण हुआ अब है ।
हो जाऊं बलिदान भूमी पर,
मिटे न गौरव भारत माता का ।
स्वार्थ नही अभिमान नही है,
है दिल मे बहुत सम्मान भरा ।
ऊंचा हो सर भारत मां का,
नित दिन मै यहां संघर्ष करूं ।
सैनिक हूं.........................।


क्या होगा परिवार का मेरा,
होगा जाऊंगा मै जब बलिदान ।
कौन रक्षा करेगा उनकी,
जो मुझपर आसपास लगाये बैठे है ।
मेंहदी का रंग मिटा नही,
उस पत्नी का सूरज डूब गया ।
माता-पिता का सहारा हूं मै,
उन्हे कौन सहारा तब देगा ।
बच्चों ने नही चलना सीखा ,
उन्हे कौन चलना सिखलायेगा ।
क्या होगा. . . . . . . . . . . . . . . . ।


हो जाये गर ऐसा तब,
जब शहीद के घर मे उजियारा हो ।
ख्याल रखे भारत मां उनका ,
जिसके खातिर बलिदान हुए ।
कमी खलेगी न पिता, पती,बेटे,भाई की,
ऐसा कुछ एक सरकार करे ।
हो जाये .. . . . . . . . . . . . . . . ।


अगर चली यह रीत यहां तो,
हर बेटा सैनिक कहलायेगा ।
फिक्र मिट जाये घर-परिवार की तो,
हर सैनिक इस मां पर जान लुटायेगा ।
सैनिक हूं मै भारत माता का,
जीवन पूर्ण हुआ अब है ।
जीवन धन्य हुआ अब है ।

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