Friday 27 September 2019

हिन्दी व्याकरण समास प्रकरण

हिन्दी व्याकरण
समास प्रकरण /grammar in hindi
                     Ctet/utet/ssc qustion
समास आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न  pdf fail 

परिभाषा------ दो या दो से अधिक पदों के संयोग से बना पद (समास) अथवा (सामासिक पद)                          कहलाता है।

प्रश्न-1- समास के भेद कितने होते है?
उत्तर -- समास के छः भेद होते है।
      1-- अव्ययीभाव समास
      2-- तत्पुरूष समास
      3-- कर्मधारय समास
      4-- द्विगु समास
      5-- द्वन्द्व समास
      6-- बहुब्रीहि समास

          अव्ययीभाव समास 
प्रश्न-2- अव्ययीभाव समास किसे कहते है?
उत्तर-- जिस सामासिक शब्द मे प्रथम पद प्रधान और पूरा       पद अव्यय होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
उदाहरण-----
 समस्तपद              विग्रह
1-- दिनोदिन----   दिन के बाद दिन
2--मनमाना---     मन के अनुसार
3--अभूतपूर्व--      जो पूर्व नही भूत है
4--बेफायदा---      बिना फायदे का
5-धीरे-धीरे---       धीरे के बाद भी धीरे
6--प्रतिमास---     प्रतेक महीने
7-- अनुरूप---     रूप के अनुसार
8-- यथासंख्य---     संख्या के अनुसार
9--आमरण---       मरण तक
10--यथास्थान---     स्थान के अनुसार
11-- हडघडी---    घडी घडी
12-- आजीवन---     जीवन भर
13-- यथारूचि---     रुचि के अनुसार
14-- आगुल्फ---      टखना पर्यन्त
15-- आद्योपान्त---      आदि से अन्त तक
16-- समक्ष---      अक्षि के सामने
17--निर्विवाद---       बिना विवाद के
18-- प्रत्युपकार--       उपकार के प्रति
19-- निर्भय---        बिना भय के
20-- अनजाने---       बिना जाने

        तत्पुरुष समास
प्रश्न-3- तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
उत्तर--   जिस सामसिक शब्द मे दूसरे पद की प्रधानता होती   है तथा विभक्ति चिन्ह का लोप हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते है।

उदाहरण--------
समस्तपद             विग्रह
1--गगनचुंबी---   गगन को चूमने वाला
2--अग्निभक्षी---   अग्नि को भक्षण करने वाला
3--सुखप्राप्त---    सुख को प्राप्त
4--चिडीमार---     चिडियों को मारने वाला
5-- जलधर---    जल को धारण करने वाला
6-- जल पिपासु---    जल को पीने की इच्छावाला
7-- वचनातीत---    जो कहा नही जा सकता
7-- मनमाना---    मन से माना
8-- गुणयुक्त---      गुण से युक्त
9--दुःखापन्न---    दुःख को आपन्न
10-- मनोहर---   षमन को हरने वाला
11-- त्रिगुणातीत---    जो तीनो गुणों से परे हो
12-- क्षुधातुर---     क्षुधा से आतुर
13-- प्रकृतिप्रदत्त----    प्रकृति द्वारा प्रदत्त
14--अंधकारयुक्त---   अंधकार से युक्त
15-- कामचोर---    काम के चोर
16-- देह चोर---    देह से चोर
17-- शोकार्त---      शोक से आर्त
18-- कष्टसाध्य---      कष्ट से साध्य
19--रक्तरंजित---     रक्त से रंगा
20-- मुंहमांगा---     मुंह से मांगा
21--देवदत्त---    देव द्वारा दत्त
22--करुणापूर्ण----     करूणा से पूर्ण
23--आशातीत---     जिसकी आशा नहीं की जाती है
24-- गुरुदत्त---     गुरू से दत्त
25--शरणागत---     शरण को आगत
26--स्थानापन्न---     स्थान को आपन्न
27--मनः पूत----    मन से पूत (पवित्र)
28--नियमाबद्ध---     नियम से आबद्ध
29--रोगग्रस्त---     रोग से ग्रस्त
30-- तर्कसंगत---    तर्क से संगत

                     कर्मधारय समास
प्रश्न-4-- कर्मधारय समास किसे कहते है?
उत्तर---    जिस सामसिक शब्द मे उत्तर पद प्रधान होता है।    उसे कर्मधारय समास कहते है। इसमे पूर्व पद  विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।

उदाहरण--
समस्तपद             विग्रह
1-- नीलकमल---    नीला है जो कमल
2-- पीताम्बर---    पीले है जो वस्त्र
3-- महासागर---    महान है जो सागर
4-- सज्जन----    सत् है जो जन
5-- दीर्घायु---    दीर्घ है जिसकी आयु
6-- महापुरूष---   महान है जो पुरूष
7-- वीरबाला---   वीर है जो बाला
8-- सद्भावना--     सत् भावना
9-- नीलोत्पल---   नीला है जो उत्तपल
10-- श्याम सुन्दर---   श्या है जो सुन्दर
11--- नीलपीत---    नीला पीला
12--- संसार सागर---   संसार रूपी सागर
13--   देहलता---      देह रूपी लता
14--- लौहपुरूष---     लोहे के समान पुरूष
15-- किसलयकोमल---   किसलय के समान कोमल
16-- मृग-नैनी--- मृग नयन के समान नयन वाली
17-- शशिमुख--   शशि के समान मुख
18-- चलसम्पत्ति---    गतिशील सम्पत्ति
19-- नवजात--   नया जन्मा
20-- भवजल---    संसार रूपी जल
21--  भक्तिसुधा---    भक्ति रूपी सुधा
22--- ज्ञानालोक--   ज्ञानरूपी आलोक
23-- मुखारविन्द----     अरविन्द के समान मुख

               द्विगु समास
प्रश्न-5- द्विगु समास किसे कहते है ?
उत्तर--   जिस सामसिक शब्द का प्थम पद संख्यावाची और अन्तिम पद संज्ञा हो, उसे द्विगु समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद            विग्रह
1-- त्रिदेव---   तीन देवताओं का समूह
2-- तिरंगा--    तीन रंगों वाला
3--  नवरत्न--    नौ रत्नों का समूह
4-- अठकोना---  आठ कोनों का समाहार
5-- अष्टाध्यायी---    आठ अध्यायों का समाहार
6-- चौमासा---    चार महीनों का समाहार
7--- चौराह----    चार राहों का समाहार
8--- तिकोना--- तीन कोनो का समाहार
9-- देवकन्या---    देवता की कन्या
10-- नगरसेठ-- नगर का सेठ

            द्वन्द्व समास
प्रश्न-6-  द्वन्द्व समास किसे कहते है ?
उत्तर--   जिस सामसिक शब्द के दोनों पद प्रधान हों दोनोंपद  संज्ञाएं अथवा विशेषण हो उसे द्वन्द्व समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद             विग्रह
1-- रामकृष्ण---      राम और कृष्ण
2-- गौरी शंकर ---     गौरी और शंकर
3-- जन्म-मरण---     जन्म और मरण
4-- पाप-पुण्य---    पाप और पुण्य
5-- नदी नाले---     नदी और नाले
6-- भात दाल--      भात और दाल
7-- तिल चावल---      तिल और चावल

             बहुब्रीहि समास 
प्रश्न-7- बहुब्रीहि समास किसे कहते है ?
उत्तर--- झस सामसिक पद मे कोई शब्द प्रधान नही होता      बल्कि दोनों शब्द मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते है ।

उदाहरण---
1-- नीलकण्ठ---    नीला है कण्ठ जिसका यानी ( शिव)
2-- लम्बोदर--    लम्बा है उदर जिसका यानी (गणेश)
3-- त्रिलोचन---    तीन लोचन है जिनके (शिव)
4--पवनाशन---   पवन है आशन जिसका
5--   सतखंडा---   सात है खंड जिसमे वह महल
6-- मरीचिमाली---    मरीचि माला है जिसकी वह
7-- वज्रायुध---    वज्र है आयुध (हथियार) जिसका
8-- हिरण्यगर्भ---    हिरण्य गर्भ है जिसका  वह
9---   समर्पितकृति---    समर्पित है कृति जिसके लिए वह
10--- उन्नतिशील---    उन्नति है शील जिसका वह

           समास - विग्रह
समास के उन सभी शब्दों , कारक चिन्हों, को पुनः ले  आना , जिनका लोप कर समास बनाया गया हो  (समास विग्रह ) कहलाता है ।
नोट---
 समास - विग्रह मे निम्नलिखित बातों को ध्यान मे रखना जरूरी है--

1---- समास मे विद्यमान शब्दों एवं लुप्त हुए शब्दों को इस      प्रकार प्रस्तुत करना कि समास का वास्तविक अर्थ स्पष्ट हो सके।
2---- समास  - विग्रह मे यथासम्भव समास के मूल शब्दो का ही प्रयोग करना चाहिए, उनके समानार्थक शब्दों का नहीं ।



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