हिन्दी व्याकरण
समास प्रकरण /grammar in hindi
Ctet/utet/ssc qustion
समास आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न pdf fail
परिभाषा------ दो या दो से अधिक पदों के संयोग से बना पद (समास) अथवा (सामासिक पद) कहलाता है।
प्रश्न-1- समास के भेद कितने होते है?
उत्तर -- समास के छः भेद होते है।
1-- अव्ययीभाव समास
2-- तत्पुरूष समास
3-- कर्मधारय समास
4-- द्विगु समास
5-- द्वन्द्व समास
6-- बहुब्रीहि समास
अव्ययीभाव समास
प्रश्न-2- अव्ययीभाव समास किसे कहते है?
उत्तर-- जिस सामासिक शब्द मे प्रथम पद प्रधान और पूरा पद अव्यय होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
उदाहरण-----
समस्तपद विग्रह
1-- दिनोदिन---- दिन के बाद दिन
2--मनमाना--- मन के अनुसार
3--अभूतपूर्व-- जो पूर्व नही भूत है
4--बेफायदा--- बिना फायदे का
5-धीरे-धीरे--- धीरे के बाद भी धीरे
6--प्रतिमास--- प्रतेक महीने
7-- अनुरूप--- रूप के अनुसार
8-- यथासंख्य--- संख्या के अनुसार
9--आमरण--- मरण तक
10--यथास्थान--- स्थान के अनुसार
11-- हडघडी--- घडी घडी
12-- आजीवन--- जीवन भर
13-- यथारूचि--- रुचि के अनुसार
14-- आगुल्फ--- टखना पर्यन्त
15-- आद्योपान्त--- आदि से अन्त तक
16-- समक्ष--- अक्षि के सामने
17--निर्विवाद--- बिना विवाद के
18-- प्रत्युपकार-- उपकार के प्रति
19-- निर्भय--- बिना भय के
20-- अनजाने--- बिना जाने
तत्पुरुष समास
प्रश्न-3- तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द मे दूसरे पद की प्रधानता होती है तथा विभक्ति चिन्ह का लोप हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते है।
उदाहरण--------
समस्तपद विग्रह
1--गगनचुंबी--- गगन को चूमने वाला
2--अग्निभक्षी--- अग्नि को भक्षण करने वाला
3--सुखप्राप्त--- सुख को प्राप्त
4--चिडीमार--- चिडियों को मारने वाला
5-- जलधर--- जल को धारण करने वाला
6-- जल पिपासु--- जल को पीने की इच्छावाला
7-- वचनातीत--- जो कहा नही जा सकता
7-- मनमाना--- मन से माना
8-- गुणयुक्त--- गुण से युक्त
9--दुःखापन्न--- दुःख को आपन्न
10-- मनोहर--- षमन को हरने वाला
11-- त्रिगुणातीत--- जो तीनो गुणों से परे हो
12-- क्षुधातुर--- क्षुधा से आतुर
13-- प्रकृतिप्रदत्त---- प्रकृति द्वारा प्रदत्त
14--अंधकारयुक्त--- अंधकार से युक्त
15-- कामचोर--- काम के चोर
16-- देह चोर--- देह से चोर
17-- शोकार्त--- शोक से आर्त
18-- कष्टसाध्य--- कष्ट से साध्य
19--रक्तरंजित--- रक्त से रंगा
20-- मुंहमांगा--- मुंह से मांगा
21--देवदत्त--- देव द्वारा दत्त
22--करुणापूर्ण---- करूणा से पूर्ण
23--आशातीत--- जिसकी आशा नहीं की जाती है
24-- गुरुदत्त--- गुरू से दत्त
25--शरणागत--- शरण को आगत
26--स्थानापन्न--- स्थान को आपन्न
27--मनः पूत---- मन से पूत (पवित्र)
28--नियमाबद्ध--- नियम से आबद्ध
29--रोगग्रस्त--- रोग से ग्रस्त
30-- तर्कसंगत--- तर्क से संगत
कर्मधारय समास
प्रश्न-4-- कर्मधारय समास किसे कहते है?
उत्तर--- जिस सामसिक शब्द मे उत्तर पद प्रधान होता है। उसे कर्मधारय समास कहते है। इसमे पूर्व पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- नीलकमल--- नीला है जो कमल
2-- पीताम्बर--- पीले है जो वस्त्र
3-- महासागर--- महान है जो सागर
4-- सज्जन---- सत् है जो जन
5-- दीर्घायु--- दीर्घ है जिसकी आयु
6-- महापुरूष--- महान है जो पुरूष
7-- वीरबाला--- वीर है जो बाला
8-- सद्भावना-- सत् भावना
9-- नीलोत्पल--- नीला है जो उत्तपल
10-- श्याम सुन्दर--- श्या है जो सुन्दर
11--- नीलपीत--- नीला पीला
12--- संसार सागर--- संसार रूपी सागर
13-- देहलता--- देह रूपी लता
14--- लौहपुरूष--- लोहे के समान पुरूष
15-- किसलयकोमल--- किसलय के समान कोमल
16-- मृग-नैनी--- मृग नयन के समान नयन वाली
17-- शशिमुख-- शशि के समान मुख
18-- चलसम्पत्ति--- गतिशील सम्पत्ति
19-- नवजात-- नया जन्मा
20-- भवजल--- संसार रूपी जल
21-- भक्तिसुधा--- भक्ति रूपी सुधा
22--- ज्ञानालोक-- ज्ञानरूपी आलोक
23-- मुखारविन्द---- अरविन्द के समान मुख
द्विगु समास
प्रश्न-5- द्विगु समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द का प्थम पद संख्यावाची और अन्तिम पद संज्ञा हो, उसे द्विगु समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- त्रिदेव--- तीन देवताओं का समूह
2-- तिरंगा-- तीन रंगों वाला
3-- नवरत्न-- नौ रत्नों का समूह
4-- अठकोना--- आठ कोनों का समाहार
5-- अष्टाध्यायी--- आठ अध्यायों का समाहार
6-- चौमासा--- चार महीनों का समाहार
7--- चौराह---- चार राहों का समाहार
8--- तिकोना--- तीन कोनो का समाहार
9-- देवकन्या--- देवता की कन्या
10-- नगरसेठ-- नगर का सेठ
द्वन्द्व समास
प्रश्न-6- द्वन्द्व समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द के दोनों पद प्रधान हों दोनोंपद संज्ञाएं अथवा विशेषण हो उसे द्वन्द्व समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- रामकृष्ण--- राम और कृष्ण
2-- गौरी शंकर --- गौरी और शंकर
3-- जन्म-मरण--- जन्म और मरण
4-- पाप-पुण्य--- पाप और पुण्य
5-- नदी नाले--- नदी और नाले
6-- भात दाल-- भात और दाल
7-- तिल चावल--- तिल और चावल
बहुब्रीहि समास
प्रश्न-7- बहुब्रीहि समास किसे कहते है ?
उत्तर--- झस सामसिक पद मे कोई शब्द प्रधान नही होता बल्कि दोनों शब्द मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते है ।
उदाहरण---
1-- नीलकण्ठ--- नीला है कण्ठ जिसका यानी ( शिव)
2-- लम्बोदर-- लम्बा है उदर जिसका यानी (गणेश)
3-- त्रिलोचन--- तीन लोचन है जिनके (शिव)
4--पवनाशन--- पवन है आशन जिसका
5-- सतखंडा--- सात है खंड जिसमे वह महल
6-- मरीचिमाली--- मरीचि माला है जिसकी वह
7-- वज्रायुध--- वज्र है आयुध (हथियार) जिसका
8-- हिरण्यगर्भ--- हिरण्य गर्भ है जिसका वह
9--- समर्पितकृति--- समर्पित है कृति जिसके लिए वह
10--- उन्नतिशील--- उन्नति है शील जिसका वह
समास - विग्रह
समास के उन सभी शब्दों , कारक चिन्हों, को पुनः ले आना , जिनका लोप कर समास बनाया गया हो (समास विग्रह ) कहलाता है ।
नोट---
समास - विग्रह मे निम्नलिखित बातों को ध्यान मे रखना जरूरी है--
1---- समास मे विद्यमान शब्दों एवं लुप्त हुए शब्दों को इस प्रकार प्रस्तुत करना कि समास का वास्तविक अर्थ स्पष्ट हो सके।
2---- समास - विग्रह मे यथासम्भव समास के मूल शब्दो का ही प्रयोग करना चाहिए, उनके समानार्थक शब्दों का नहीं ।
समास प्रकरण /grammar in hindi
Ctet/utet/ssc qustion
समास आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न pdf fail
परिभाषा------ दो या दो से अधिक पदों के संयोग से बना पद (समास) अथवा (सामासिक पद) कहलाता है।
प्रश्न-1- समास के भेद कितने होते है?
उत्तर -- समास के छः भेद होते है।
1-- अव्ययीभाव समास
2-- तत्पुरूष समास
3-- कर्मधारय समास
4-- द्विगु समास
5-- द्वन्द्व समास
6-- बहुब्रीहि समास
अव्ययीभाव समास
प्रश्न-2- अव्ययीभाव समास किसे कहते है?
उत्तर-- जिस सामासिक शब्द मे प्रथम पद प्रधान और पूरा पद अव्यय होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
उदाहरण-----
समस्तपद विग्रह
1-- दिनोदिन---- दिन के बाद दिन
2--मनमाना--- मन के अनुसार
3--अभूतपूर्व-- जो पूर्व नही भूत है
4--बेफायदा--- बिना फायदे का
5-धीरे-धीरे--- धीरे के बाद भी धीरे
6--प्रतिमास--- प्रतेक महीने
7-- अनुरूप--- रूप के अनुसार
8-- यथासंख्य--- संख्या के अनुसार
9--आमरण--- मरण तक
10--यथास्थान--- स्थान के अनुसार
11-- हडघडी--- घडी घडी
12-- आजीवन--- जीवन भर
13-- यथारूचि--- रुचि के अनुसार
14-- आगुल्फ--- टखना पर्यन्त
15-- आद्योपान्त--- आदि से अन्त तक
16-- समक्ष--- अक्षि के सामने
17--निर्विवाद--- बिना विवाद के
18-- प्रत्युपकार-- उपकार के प्रति
19-- निर्भय--- बिना भय के
20-- अनजाने--- बिना जाने
तत्पुरुष समास
प्रश्न-3- तत्पुरुष समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द मे दूसरे पद की प्रधानता होती है तथा विभक्ति चिन्ह का लोप हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते है।
उदाहरण--------
समस्तपद विग्रह
1--गगनचुंबी--- गगन को चूमने वाला
2--अग्निभक्षी--- अग्नि को भक्षण करने वाला
3--सुखप्राप्त--- सुख को प्राप्त
4--चिडीमार--- चिडियों को मारने वाला
5-- जलधर--- जल को धारण करने वाला
6-- जल पिपासु--- जल को पीने की इच्छावाला
7-- वचनातीत--- जो कहा नही जा सकता
7-- मनमाना--- मन से माना
8-- गुणयुक्त--- गुण से युक्त
9--दुःखापन्न--- दुःख को आपन्न
10-- मनोहर--- षमन को हरने वाला
11-- त्रिगुणातीत--- जो तीनो गुणों से परे हो
12-- क्षुधातुर--- क्षुधा से आतुर
13-- प्रकृतिप्रदत्त---- प्रकृति द्वारा प्रदत्त
14--अंधकारयुक्त--- अंधकार से युक्त
15-- कामचोर--- काम के चोर
16-- देह चोर--- देह से चोर
17-- शोकार्त--- शोक से आर्त
18-- कष्टसाध्य--- कष्ट से साध्य
19--रक्तरंजित--- रक्त से रंगा
20-- मुंहमांगा--- मुंह से मांगा
21--देवदत्त--- देव द्वारा दत्त
22--करुणापूर्ण---- करूणा से पूर्ण
23--आशातीत--- जिसकी आशा नहीं की जाती है
24-- गुरुदत्त--- गुरू से दत्त
25--शरणागत--- शरण को आगत
26--स्थानापन्न--- स्थान को आपन्न
27--मनः पूत---- मन से पूत (पवित्र)
28--नियमाबद्ध--- नियम से आबद्ध
29--रोगग्रस्त--- रोग से ग्रस्त
30-- तर्कसंगत--- तर्क से संगत
कर्मधारय समास
प्रश्न-4-- कर्मधारय समास किसे कहते है?
उत्तर--- जिस सामसिक शब्द मे उत्तर पद प्रधान होता है। उसे कर्मधारय समास कहते है। इसमे पूर्व पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- नीलकमल--- नीला है जो कमल
2-- पीताम्बर--- पीले है जो वस्त्र
3-- महासागर--- महान है जो सागर
4-- सज्जन---- सत् है जो जन
5-- दीर्घायु--- दीर्घ है जिसकी आयु
6-- महापुरूष--- महान है जो पुरूष
7-- वीरबाला--- वीर है जो बाला
8-- सद्भावना-- सत् भावना
9-- नीलोत्पल--- नीला है जो उत्तपल
10-- श्याम सुन्दर--- श्या है जो सुन्दर
11--- नीलपीत--- नीला पीला
12--- संसार सागर--- संसार रूपी सागर
13-- देहलता--- देह रूपी लता
14--- लौहपुरूष--- लोहे के समान पुरूष
15-- किसलयकोमल--- किसलय के समान कोमल
16-- मृग-नैनी--- मृग नयन के समान नयन वाली
17-- शशिमुख-- शशि के समान मुख
18-- चलसम्पत्ति--- गतिशील सम्पत्ति
19-- नवजात-- नया जन्मा
20-- भवजल--- संसार रूपी जल
21-- भक्तिसुधा--- भक्ति रूपी सुधा
22--- ज्ञानालोक-- ज्ञानरूपी आलोक
23-- मुखारविन्द---- अरविन्द के समान मुख
द्विगु समास
प्रश्न-5- द्विगु समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द का प्थम पद संख्यावाची और अन्तिम पद संज्ञा हो, उसे द्विगु समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- त्रिदेव--- तीन देवताओं का समूह
2-- तिरंगा-- तीन रंगों वाला
3-- नवरत्न-- नौ रत्नों का समूह
4-- अठकोना--- आठ कोनों का समाहार
5-- अष्टाध्यायी--- आठ अध्यायों का समाहार
6-- चौमासा--- चार महीनों का समाहार
7--- चौराह---- चार राहों का समाहार
8--- तिकोना--- तीन कोनो का समाहार
9-- देवकन्या--- देवता की कन्या
10-- नगरसेठ-- नगर का सेठ
द्वन्द्व समास
प्रश्न-6- द्वन्द्व समास किसे कहते है ?
उत्तर-- जिस सामसिक शब्द के दोनों पद प्रधान हों दोनोंपद संज्ञाएं अथवा विशेषण हो उसे द्वन्द्व समास कहते है।
उदाहरण--
समस्तपद विग्रह
1-- रामकृष्ण--- राम और कृष्ण
2-- गौरी शंकर --- गौरी और शंकर
3-- जन्म-मरण--- जन्म और मरण
4-- पाप-पुण्य--- पाप और पुण्य
5-- नदी नाले--- नदी और नाले
6-- भात दाल-- भात और दाल
7-- तिल चावल--- तिल और चावल
बहुब्रीहि समास
प्रश्न-7- बहुब्रीहि समास किसे कहते है ?
उत्तर--- झस सामसिक पद मे कोई शब्द प्रधान नही होता बल्कि दोनों शब्द मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते है ।
उदाहरण---
1-- नीलकण्ठ--- नीला है कण्ठ जिसका यानी ( शिव)
2-- लम्बोदर-- लम्बा है उदर जिसका यानी (गणेश)
3-- त्रिलोचन--- तीन लोचन है जिनके (शिव)
4--पवनाशन--- पवन है आशन जिसका
5-- सतखंडा--- सात है खंड जिसमे वह महल
6-- मरीचिमाली--- मरीचि माला है जिसकी वह
7-- वज्रायुध--- वज्र है आयुध (हथियार) जिसका
8-- हिरण्यगर्भ--- हिरण्य गर्भ है जिसका वह
9--- समर्पितकृति--- समर्पित है कृति जिसके लिए वह
10--- उन्नतिशील--- उन्नति है शील जिसका वह
समास - विग्रह
समास के उन सभी शब्दों , कारक चिन्हों, को पुनः ले आना , जिनका लोप कर समास बनाया गया हो (समास विग्रह ) कहलाता है ।
नोट---
समास - विग्रह मे निम्नलिखित बातों को ध्यान मे रखना जरूरी है--
1---- समास मे विद्यमान शब्दों एवं लुप्त हुए शब्दों को इस प्रकार प्रस्तुत करना कि समास का वास्तविक अर्थ स्पष्ट हो सके।
2---- समास - विग्रह मे यथासम्भव समास के मूल शब्दो का ही प्रयोग करना चाहिए, उनके समानार्थक शब्दों का नहीं ।
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