लक्ष्य प्राप्ति कैसे हो,विधि,महत्व एवं नियम
अपने लक्ष्य को कैसे पहचाने ?
( how to find your Aim)
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए?
(How to Achieve Goals in Life in Hindi)

लक्ष्य-सफलता
दोस्तों अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें हर मनुष्य का कोई न कोई उद्येश्य (लक्ष्य) जरूर होता है, और वह मनुष्य के अन्दर होता है, हर किसी के सपने होते हैं। अब सपने चाहे छोटे हों या बड़े, इनका आपके जीवन में बड़ा महत्व होता है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति का सम्बन्ध हमारी ख़ुशी और भलाई से होता है। यह आत्म-सम्मान में वृद्धि करने का एक तरीका है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश हमें बेहतर इंसान बनाती है। और हमारा वर्चश्व स्थापित करता है। इसलिए इन्तजार मत कीजिये। अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें उस कार्य को महत्वपूर्ण मानकर जी जान लगा दीजिए फिर चाहे आपका लक्ष्य कऱोडों में पैसा कमाना हो, या एक छोटी सी शुरूआत करना हो या एक कलाकार बनना हो, या एक विश्व-स्तरीय खिलाड़ी (एथलीट) बनना हो। आज से ही अपने लक्ष्य प्राप्ति की कोशिशों में जुट जाइए।
>>गीता के अध्ययन से होती है लक्ष्य प्रप्ति--
दोस्तों आज गीता का दुर्भाग्य है कि वह भारत जैसे देश मे उत्पन्न हुयी क्योकि उसका उद्येश्य अनंन्त है जिसे कोई नही समझ सकता हम उसे अपना धर्म ग्रंथ तो मानते है लेकिन इस बात से अनविज्ञ है कि गीता ही ज्ञान की ज्योति है,क्योकि खुद भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के आखिरी अध्याय के आखिरी श्लोक मे कहा है------
"यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।18.78।।"
अर्थात-- श्रीकृष्ण ने खुद उजागर किया है कि जहां लग्न और धैर्य है वहां जीत निश्चित है। अपने कर्तव्य के प्रति आरूढ रहना सीखो दुनिया मे ऐसी कोई चीज नही है,ऐसा कोई काम नही है,और ऐसा कोई लक्ष्य नहो है जिसे व्यक्ति हासिल नही कर सकता लेकिन दुर्भाग्य यह है कि न तो व्यक्ति इन्जार कर सकता है और नाही मेहनत कर सकता। वह चाहता है कि बिना मेहनत के ही सबकुछ हासिल हो जाए लेकिय यह नामुमकिन है।
गीता मे ही श्रीकृष्ण ने कहा है कि----
""कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥
अर्थात : मनुष्य का कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं। जिसने फल की कामना से कर्म किया हो वह कभी कामयाब नही हुआ,वह कभी लक्ष्य की प्राप्ति नही कर सकता। इसलिए कर्मों के फल लालसा नही पालनी चाहिए वह तो स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा।
>>लक्ष्य है तो धन स्वतः ही आयेगा--
दोस्तो कभी गौर करना कि धन की देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू क्यों है जिसे हमारे समाज मे (अपसगुन व बेवकूफ) माना जाता है । लेकिन इसका बहुत बडा महत्व है। हर इन्शान पैसा कमाना चाहता है चाहे उसका मध्यम कैसा भी हो लेकिन जबतक हमने मुसीबतों से लडना नही सीखा तब तक कुछ हासिल नही हो सकता ।माता लक्ष्मी ने उल्लू यानी (बुराई,कमजोरी ,आलस्य,शत्रु )को अपने नीचे दबोचा है। यानी जो व्यक्ति इन चारो दुश्मनो को अपने नीचे दबोच देता है वह लक्ष्य प्राप्त करलेता है और धन का आगमन हो जाता है। जिसने इनका साथ दिया वह कभी लक्ष्य प्राप्ती नही कर सकता।
>>लक्ष्य पाना आसान नही क्यों ?

Aims
दोस्तों यह मनुष्य जीवन बडी मुस्किल से प्राप्त होता है ,औ जिसने इसका महत्व नही समझा उसका जीवन पशु के समान रहा है। अगर लक्ष्य पाना आसान होता तो दुनिया का हर व्यक्ति (अम्बानी और टाटा ) होता,अगर आप इनकी जीवनी पढेगे तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी, इन्होने संघर्ष रत जीवन व्यतीत किया है, बचपन मे ही लक्ष्य बना दिया था और तमाम उल्झनो व परेशानियों की परवाह न करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे है। लेकिन कुछ लोग असफल होने का कारण अपने भाग्य को मानते है। जबकी उनकी असफलता का कारण उनकी खुद की कमजोरी होती है। कोई भी (गौड गिफ्ट) नही होता सब कुछ यही पर तरास्ना पडता है। एक पत्थर वह भी है जो कीचड मे रहता है जिसकी सभी निन्दा करते है और एक पत्थर वह भी है जो मन्दिर मे पूजा जाता है। आप खुद ही अपना अवलोकन कीजिए और अपने लक्ष्य को फोकस कीजिए।
>>अपने लक्ष्य से ध्यान न हटाएं--
दोस्तो संकल्प लीजिए कि कुछ भी होजाए जिस लक्ष्य को चुना है चाहे कुछ भी हासिल न हो मै डटा रहूंगा। तुम्हारी संकल्प शक्ति ही तुम्हे मंजिल दिखाएगी। जीवन में मिलने वाली विफलताएं दरअसल विधाता की तरफ से ली जाने वाली हमारी परीक्षा ही समझिए। हम अपने जीवन में लक्ष्य को पा सकेंगे या नहीं, यह हमारी पात्रता पर निर्भर है। हमें अपना ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित रख कर आगे बढ़ना चाहिए। मन मे कुछ भी द्वंद्व न पाले ,भयभीत न हो मान लीजिए आपको नदी के उस पार जाना है बीच में तूफान आ जाता है तो अगर आपकी नजर लक्ष्य से भटक जाती है, तो आप भी भटक सकते है। और अगर आप यह समझे कि यह केवल एक भ्रम है तो कोई तुम्हारा कुछ नही कर सकता तुम्हारा हौसला ही तुम्हारी सफलता होगी। अगर आपकी नजर लक्ष्य पर केंद्रित है तो पानी का तेज बहाव भी आपको रोक नहीं पाएगा। संभावनाओं को न नकारें जीवन संभावनाओं से भरा है आपको जीवन में संभावनाओं को कभी भी नहीं नकारना चाहिए। हो सकता है कल तक आपको जिस काम को करने में दिक्कत आती थी, आज वह उतना मुश्किल न लगे। आप उसे आसानी से कर सको। ऐसा भी हो सकता है कि जिस मुसीबत या उम्मी की आपने कल्पना भी नही की होगी वह भी प्राप्त हो जाए तो वह अपना भाग्य समझे और लक्ष्य को ही तारगेट करे।
>>लक्ष्य पाना है तो अपनी अच्छाइयों को पहचानिए--
दोस्तों यह तो सभी को पता होता है कि नकारात्मक हमारी आंतरिक ऊर्जा को भी कमजोर कर देता है तो फिर नकारात्मक भाव आने ही क्यों देते हो। हम सारी जिंदगी खुद को दूसरे के चश्मे से देखते हैं और कोशिश सभी की यही रहती है कि हम जो नहीं है वो बन जाएं और लोग हमें पसंद करें। बस हमे ज्यादा मेहनत न करनी पडे मेहनत करने से हर कोई बचना चाहता है तो आपको अधिकार नही है बडा लक्ष्य रखने की आप जैसे हैं बहुत अच्छे हैं। अपनी अच्छाइयों को पहचानिए। आप जितने भी महान लोगों को जानते हैं सबके जीवन को देखिए। और हो सके तो उनकी अच्छाइयों को अपने जीवन मे उतारने का प्रास करें। आपको उनमें से कोई भी ऐसा नहीं मिलेगा, जिसने महान बनने की कोशिश की हो। उसे अपना सहारा मानकर लक्ष्य के पीछे जुट जाए और हार को हरा दीजिए सकारात्मकर वातावरण तथा मन बनाइए लक्ष्य जरूर आपके करीब होगा।
>>एक दिन में सफलता व लक्ष्य नहीं प्राप्त होता--
दोस्तों अगर आपका यह मानना है कि लक्ष्य एक दिन मे प्राप्त हो जाएगा तो आप अपना और किसी और का समय भी बर्बाद कर रहे है। क्योकि किसी को भी सफलता एक दिन में नहीं मिलती। सफलता का सफर लंबा और जोखिम भरा होता है। जो इन जोखिमों से बिना घबराए आगे बढ़ता रहता है, सफलता उससे दूर नहीं रहती है। जब आप परिपक्व बन जाते है जब आप अपने भविष्य के बारे मे सोचने योग्य हो जाते है, जब आप (किशोर अवस्था) मे पहुंच जाते है यानी जब आप स्कूल जीवन मे पढ रहे है तभी से लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसी को माध्यम बनाकर ज्ञान अर्न करना चाहिए तभी आप बडे मुकाम तक पहुंच सकते हो ए नही कि आपने कल सोचा और आज वह प्राप्त हो जाए ऐसा होता तो लक्ष्य का या सफलता का कोई अस्तित्व न होता।
>>लक्ष्य पाना है तो सकारात्मक सोच लाएं--
दोस्तो सकारात्मक सूर्य का प्रतीक है जिसके आने से (तमस) रूपी शत्रु छिप जाता है,अहंकार दूर होता है और बुराइयां समाप्त हो जाती है।आपको अपने लक्ष्य पर और अपने आप पर अटूट विश्वास की जरूरत है। अगर आप यह विश्वास ही नहीं करेंगे कि आप अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे तो आप कैसे रास्ता ढूंढेंगे और लक्ष्य तक पहुंचेंगे। विश्वास ही लक्ष्य की या सफलता की कुंजी मानी गयी है,और साथ ही अपने जीवन में सकारात्मक सोच लायें। इससे नये विचार आपके अन्दर स्वतः ही प्रवेश होगे जो आपको सफलता पाने मे मदत करेगी। अपने सोच को ऊंचा करें क्योंकि आप जितना बड़ा सोचेंगे उतना बड़ा पाएंगे। अपने आप को झूठे बहाना देना बंद करें। अंधविश्वासों मे न जकडे अपवादों से दूर रहिए यह तुम्हारे शत्रु है। अगर आप हर काम के लिए बहाना देंगे तो आपकी सफलता भी आपसे बहाना देती रहेगी और आप अपने सफलता तक कभी नहीं पहुंच पाएंगे। समय को गवां दोगे तो समय तुम्हे गवां देगा और कहा गया है कि-----(तब पछताए होत क्या जब चिडिया चूखे खेत)
ऐसी समस्या न आने दे जो हो रहा है अच्छा हो रहा है। और जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। अच्छा सोचे अच्छा बने।
>>लक्ष्य प्राप्ति के लिए बेहद जरूरी :- शक्ति का सही मिश्रण -(जुनून,धैर्य और दृढ़ता)--
मनुष्य का कठोर परिश्रम वास्तव मे बहुत महत्व है ,जब हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बढ़ रहे होते हैं। लेकिन तब क्या हो जब लक्ष प्राप्ति के लिए कूच करना एक कभी ना ख़त्म होने वाली प्रक्रिया बन जाए जिसमे कोई सकारात्मक नतीजे ना हों ? क्या फिर भी कठोर परिश्रम करने का हमारा स्तर स्थिर बना रहेगा ?शायद इसका जवाब अधिकाँश मामलों मे नहीं है। आप खुद इसके गवाह होंगे और दुनिया आपको सलाम करेगी।
जब हम सफलता के मुकाम पर होंगे उस समय ,या उस बिंदु पर ,केवल हमारा मजबूत संकल्प ही ,अपने लक्ष्य के प्रति हमारे जुनून को परिभाषित करता है। जूनून और धैर्य ये दोनों ही गुण मानव जीवन मे ,लगभग असम्भव लक्ष्यों को भी प्राप्त करने की कुंजी हैं। इसकी उपयोगिता को समझे और अपनी संकल्प शक्ति को बडावा दीजिए। भीड से हटकर कार्य करे और भीड से हटकर सोचे। कोई किसी की सहायता नही करता है लक्ष्य का सफर अकेले ही तय करना होता है तो फिर इन्तजार क्यों कर रहे है। क्यों समय को बरबाद कर रहे है। जुट जाइए।
>>एक ही लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जाए ?कहानी के माध्यम से
दोस्तों मै एक छोटी सी कहानी के माध्यम से आपको बताना चाहता हूं और यकीन करता हूं कि इससे आपको जरूर कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलेगा,और अगर आपके जीवन मे मेरी एक छोटी सी कोशिश से बदलाव आ जाए तो मै अपने आपको धन्य समझूंगा।दोस्तों एक जगह एक राजा हुआ करता था बहुत दानी के साथ साथ-साथ बुद्धिमान भी था दुनिया मे कुरीतियों तथा अपवादों से उभर कर वह एक ऐसा निष्कर्ष निकालना चाहता था जो सभी से हट के हो। उसने अपने राज्य मे एक मेले का आयोजन किया जिसमे कयी सारे लोग आते है लेकिन मेले का आयोजन का एक लक्ष्य था कि जो राजा को ढूडेगा उसे राजा बना दिया जाएगा। और दोस्तो आपको तो पता ही होगा कि लोग लक्ष्य पाने के लिए ज्यादा मेहनत नही करना चाहते। इसलिए अमीर बनने का यह आसान मौका था। मेले का ग्राऊंड खचाखच भर दिया जाता है। जिसमे बाहर जाने का केवल एक ही रास्ता था। दरवाजा खुलता है जैसे ही लोग अन्दर पहुंचते है तो देखते है कि वहां चाऊमीन, मोमो,पिजा,बर्गर आदी रखे है कुछ लोग अपना लक्ष्य भूलकर वहीं मग्न हो जाते है।
आगे दूसरा दरवाजा खुलता है,वहां अन्य कयी लुभावने समान रखे हुए थे कुछ लोग वही मग्न हो जाते है,तीसरा दरवाजा खुलता है वहां भौतिक जगत के कयी लुभावने सामान मे लोग मग्न हो जाते है।
दोस्तों बात पर गौर करना जिस मेले मे लोग राजा बनने के लिए लाखों लोग आए थे,अब तक सभी लोभ के कारण अपना वास्तविक लक्ष्य भूल चुके थे एक छोटी सी खुशी ने उनके आंखों पर पट्टी बांध ली थी लेकिन जैसे ही मेले का आखिरी दरवाजा खुलता है तो उन लाखों की भीड मे से केवल एक ही व्यक्ति अंदर प्रवेश करता है जिसने छोटी चीजों पर लोभ न करके अपने असली लक्ष्य को तारगेट किया । अन्दर जाते ही उसे एक बहुत सुन्दर मंदिर दिखाई दिया जिसमे एक पुरी बैठा था उसने पीछे से उस पुजारी पर हाथ रखा तो ओ वही राजा था। उस राजा ने कहा कि --
( जब तुमने कार्य शुरू किया जब तुम राजा बनने के पथ पर चले तो तब तुम्हारे सामने लाखों लोग थे,जो किंचित मात्र लोभ के कारण पीछे रह गये। लेकिन तुमने डट कर अपने लक्ष्य का सामना किया और आज जितना तुम पीछे छोड आए हो वह सब तुम्हारा है।)
दोस्तो दुनियां मे कयी ऑफर होगे जो तुम्हारे हाॅसलो को कमजोर कर सकता है,क्योकि सफलता हर पग पर व्यक्ति की परीक्षा लेती है वह जानना चाहता है कि आखिर इसमे सहने और परीश्रम करने की कितनी छमता है तो दोस्तो हार न माने अपने लक्ष्य को साकार करे।
Tag : how to find your Aim,लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए,How to Achieve Goals in Life in Hindi,लक्ष्य कैसे प्राप्त हो,सफलता का रहस्य
यह भी पढे------
XJ5t8kt58
ReplyDeleteaapne article bahut achha likha hai. Dhanyawad itane achhe article ke liye.
ReplyDeleteVery motivational and inspirational information provided by you
ReplyDeleteThank you
Bhut khub likha he ji aapne 🙏🙏,,
ReplyDeleteBahut Simple or Useful Article Hai 🙏 Thank You 😊
ReplyDeleteArticle bhut acha h but koi book h aapki jisme aapne aese or bhi cheeze mention k ho life k liye
ReplyDeleteYa fir jis book me se apne ye article liya h
Plzz tell me about it because I really need this book for reading
Plz reply me as soon as possible