Wednesday 12 February 2020

कम समय में कैसे करें परीक्षा की तैयारी? अब हर परीक्षा मे मिलेगी सफलता

कम समय में कैसे करें परीक्षा की तैयारी?
अब हर परीक्षा मे मिलेगी सफलता

How to prepare for the exam in a short time? Now you will get success in every exam
Success

दोस्तों अक्सर हम यह सोचते हैं कि हम एक सफल आदमी बन जाए उसके लिए हम प्रयत्न भी करते हैं,लेकिन होता यह है कि हम चाहते है,बिना कुछ किए हमे बडी सफलता मिल जाए।

याद रखिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है----
उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि न मनोरथैः ।
नहि सुप्तस्य सिंह प्रविशन्ति मुखै मृगा ।।

अर्थात-- केवल मनोरथ (मन में सोचने से) कार्य सफल नही होते हैं, मेहनत(परीश्रम) करने से ही कार्य सिद्ध होते हैं।जैसे सोये हुए सिंह के मुंह में हिरन स्वयं नही जाता है,उसको भी अपने शिकार करने में मेहनत करनी पढती है।

कडवा सत्य है कि अगर हम मन में यह ठान लेते है कि हमें सबकुछ आता है,या हम तो इस विषय के ज्ञाता हैं तो यह आपकी सबसे बडी भूल होगी।

(Kadva is true that if we decide in our mind that we know everything, or if we are knowledgeable about this subject then it will be your biggest mistake)

दोस्तों आज हम सभी छात्रों से सम्बन्धित बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के बारे में जानेंगे, “कॉंपिटेटिव एग्जाम की तैयारी कैसे करें” , वैसे ये सभी Students के लिए काफी important हैं क्यूंकि दिन प्रति दिन Competition की रफतार बढती ही जा रही है. यूँ कहे की  “Competitive exam preparation tips in Hindi” जितनी पहले थी उससे कहीं गुना ज्यादा आज है। आज छात्रों के मन में यह भय बना हुआ है कि वह ये कार्य नहीं कर सकता, याद रखिए यह सिर्फ आपको पता है कि भीड बहुत है, आपके ज्ञान को नहीं आप उसी लगनमेहनत से कार्य कीजिए, सफलता आपके साथ होगी।

 दोस्तों आज के दौर के हिसाब से समय में बहुत बदलाव  आ चुका है,अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए आपको अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। आप को ये पता होगा की आजकल के दुनिया में Competitive Exam के लिए कैसे Competition चल रहा है,कैसे आज लोगों के अन्दर जीतने का जज्बा है,कयी उतार-चढाव है। तो हमें भी सामान्य बुद्धि लब्धी से नही सोचना है।हमें भी उसी हिसाब से तैयारी कर लेनी चाहिए. अन्यथा हम बाकियों के पीछे रह जायेंगे। और हम अधिक ज्ञानी होते हुए भी कमजोर साबित माने जाएगें।

कडवा सत्य है---
जीतने का मजा तभी आता है जब कतार में हजारों खडे हों,अन्यथा उस जीत की कोई खुशी नही होती जिसमें प्रतिष्पर्दा न हो।

winning is enjoyed only when there are thousands of people standing in the queue, otherwise there is no joy of winning in which there is no competition)

दोस्तों मन में ठान लो इस दुनियां में कुछ भी असम्भव नहीं है।व्यक्ति चांद तक पहुंच चुका है।अपने आप को उन महान व्यक्तियों से तोलिए कि अगर वे इतना बडा करतव कर सकते है तो आप एक सामान्य परीक्षा क्यों नही पास कर सकते। अगर हम देखे तो किसी भी Exam को Clear करना बहूत ही आसान है बस हमें थोड़ी सी तैयारी करनी पड़ती है, तैयारी को भी पूर्ण चुनौती के साथ पूरी करनी है,वानर सेना रावण के सामने कुछ न थी, लेकिन उनमें समर्पण का भाव था, आस्था थी, ईमानदारी थी, लगन थी,उद्येश्य था,और लक्ष्य निर्धारित किया था। और राम की विजय हुई।
यानी ईमानदारी और लगन से किया गया कार्य के आगे सब झुक जाते है।
(All bow down to the work done with honesty and perseverance) यही कार्य आपको भी करना होगा। बस मन में दृढ निश्चय करना होगा, कुछ महिनो के लिए मेहनत,लगन और ईमानदारी के साथ हमें किसी एक Proper Exam को ध्यान देकर पढना पड़ेगा। आपको खुद ही एहसास हो जाएगा कि आपने अपना वर्तमान सुख खोकर उस असीम सुख को प्राप्त किया है जिसकी कोई कीमत नही है।

शास्त्रों में कहा गया है---
विद्या चाविद्यां च यस्तद्वेदोभयं सह ।
अविद्यया मृत्युं तीर्त्वा विद्ययामृतमश्नुते ।।

अर्थात-- जो ज्ञान और कर्म दोनों को साथ-साथ जानता है,वह व्यक्ति कर्म के द्वारा सांसारिक फल प्राप्त करके,ज्ञान द्वारा मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

ज्ञानी व सफलता प्राप्त करने के लिए पढते समय हमे एक रास्ते का चयन करना ही पढता है सुख या दुख। कुछ पल का सुख हमें जीवन भर का दुख देता है और उसी पल में भोगा हुआ दुख हमें आजीवन का सुख देता है।

While studying to attain knowledge and success, we have to choose a path, read happiness or sorrow.  The happiness of a few moments gives us the sorrow of a lifetime and the sorrow experienced in that moment gives us the happiness of life

कोचिंग के बिना प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
सफलता पाने के टिप्स व सूत्र-


डरता लगता था मुझे, फिर भी मै कभी हारा नहीं,अन्धेंरे राह पर बढता गया,रौशनी हौशलों ने दिखायी।जिसे पाने की जिद्द थी हृदय में मेरा,वह खुद बखुद मेरे करीब आयी।

दोस्तों इस दुनियां में अगर अपने को निखारना है,तो सबसे पहले घिसना पढेगा यानी जिस प्रकार एक मामूली सा पत्थर कयी डथोडों और छनियों की मार सहकर मंदिर में पूजा जाता है। उसी प्रकार कडी मेहनत और परीश्रम से ही मनुष्य अपने आप को निखार सकता है। समाज में अपनी मान प्रतिष्ठा स्थापित कर सकता है।

जब हम किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरू करना स्टार्ट करते हैं तो सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि पढ़ाई को कहाँ से प्रारंभ किया जाये, क्या पढना सही रहेगा,कितना पढना सही रहेगा,क्या पढ़ें, क्या नही पढ़ें, कौन सी पुस्तक पढ़े ,कौन से राइटर की बुक सही है, मन में कयी सवाल उठते है कहीं मै गलत रास्ता न चुन लूं। कयी दिन इसी भ्रम में गुजर जाते है।बार-बार यही सवाल सताता है। कठिन टोपिक्स को समझ पाएंगे कि नहीं,मैं कामयाब हो पाऊंगा या नही। ऐसे तमाम तरह के प्रश्न हर एक के दिलो दिमाग में आने लगते हैं । इसलिए हम आपकी सुविधा के लिए कुछ टिप्स बता रहे है जिससे आप बिना कोचिंग के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं और अपनी आगामी परीक्षा मे सफलता प्राप्त कर सकते हैं।आप आजमां कर देखें यह समझ कर नहीं कि यह सिर्फ कहावत है,बल्की यह समझकर की जो कह रहा है वह गलत भी नहीं हो सकता।

शास्त्रों में भी कहा गया है---

न संशयमनारुह्य नरो भद्राणि पश्यति ।
संशयं पुनरारुह्य यदि जीवति पश्यति ।।

अर्थात्-- मनुष्य अपने को खतरे में डाले बिना विशिष्ट या उत्कृष्ट लाभ नहीं प्राप्त कर सकता।और यदि खतरे से वह भज गया तो उस लाभ का सुख वह आजीवन भोगता है।

सफलता तप चाहती है, कामयाबी, तपस्या चाहती है,लक्ष्य परीश्रम चाहता है,और जो इन तीनों चुनोतियों को स्वीकार करता है,उसके सर पर सफलता का ताज होता है।

Success seeks austerity, success seeks penance, the target seeks fairness, and the one who accepts these three choices has a crown of success on his head

1. अपने में आत्मविश्वास जगाएं –

सफलता का पहला सूत्र है, आत्मविश्वास का होना ।यह वह हथियार है जिसके बल पर व्यक्ति संसाधनों के अभाव में भी तरक्कियों को छूता है।
इसीलिए सफलता के लिए यह सूत्र बहुत ही उपयोगी है। आत्म-विश्वास आवश्यक है और आत्म-विश्वास लिए तैयारी। यानी हममें बहुत सारा आत्मविश्वास भरा है लेकिन उसके अनुसार हमारी तैयारी न हो,या हममें अहंभाव आ जाए कि हमें तो सबकुछ आता है। तो यह जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी।
सत्य वचन है--
कि अवसर बार-बार मौका तो देती,किन्तु वह उसे सचेत अवश्य करती है।
That the opportunity gives opportunity again and again, but it makes him conscious)

प्रथम कार्य यही है कि किसी भी परीक्षा की तैयारी करने में आत्मविश्वास भरपूर हो, आपको अपने अन्दर हमेशा यह बात आत्मविश्वास के साथ बोलनी है कि मैं इस परीक्षा को आसानी से क्लियर कर सकता हूँ ,मुझसे अच्छा और कोई नही कर सकता,मै ही यह कार्य कर सकता हूं,मै पूरी मेहनत से पढाई करूंगा और एग्जाम क्लियर करूंगा। यही आत्मविश्वास के साथ आप परीक्षा कक्ष में प्रवेश करिए आपके दिमाग में वही आयेगा जो आपने पढा है।अन्यथा ऐसी स्थिति में दिमाग में कयी उत्तर आते हैं और हम सही उत्तर का चयन नहीं कर पाते।

सत्य वचन-
लाखों कष्टों को झेल लेंगे,
हर मुसीबत को पार कर लेंगे।
रास्ता दूर हो लाखों मील तो क्या,
हम अपनी प्रतिभा से उसे हासिल कर लेंगे।

Will bear millions of sufferings,
 Will overcome every trouble.
 If the path is millions of miles away,
 We will achieve it with our talent.

(2) पढाई की प्लानिंग करें--

 गुड प्लानिंग + पॉजिटिव ऐटिटूड = सक्सेस
दोस्तों बिना प्लानिंग के कुछ भी कार्य न तो समय पर पूर्ण होते है,और न ही उसमें सफलता मिलती हैं। छात्रों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण माना गया है,क्योंकि उन्हें एक नहीं बल्कि कई बिषयों का अध्ययन करना पढता है,और इसके लिए समय नियोजित होना अनिवार्य है। किस समय किस विषय का अध्ययन करना है,किस विषय को कितना समय देना है,और किस विषय को सामान्य से अधिक समय देना है इस प्लानिंग के अनुसार अगर अध्ययन कर्ता अध्ययन करता है ,तो निश्चित ही उसे कामयाबी हासिल होगी।

शास्त्रों में भी कहा गया है--
यस्माच्च येन च यथा च यदा च यच्च,यावच्च यत्र च शुभाशुभमात्मकर्म ।तस्माच्च तेन च तथा च तदा तच्च ,तावच्च तत्र च विधातृवशादुपैति ।।
अर्थात-- मनुष्य जिस कारण से, जिस उपाय से, जिस प्रकार से,जब, जो,जितना और जहां पर अच्छा या बुरा कर्म(कार्य) करता है। वह उसी कारण से, उसी उपाय से, उसी प्रकार से, वैसा ही उसी समय और उसी स्थान पर अपने किये हुए अच्छे या बुरे  कर्मों का फल भाग्यवश अवश्य ही पाता है।

यानी दोस्तों कहने का मतलब है कि लीडर बनने का दूसरा स्टेप है प्लानिंग क्योकि बिना प्लानिंग के सफलता संभव नही है प्लानिंग करने से हम एक रास्ता बनाते हैं की हमे कैसे चलना है,और हम उसी नियोजन के अनुसार कार्य करते है, यह सोचना जरूरी है कि हमें कैसे पढाई करनी है, क्या क्या पढना है, इसके लिए परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले आपको अपनी परीक्षा के बारे में सभी जानकारी पता होनी चाहिए जैसे – परीक्षा पाठ्यक्रम, परीक्षा तिथि, योग्यता का मापदंड।

कॉम्पिटिटिव एग्जाम को पास करने के लिए हमें विशेष प्रकार कि स्ट्रेटेजी बनानी होती है । अगर हम सही स्ट्रेटेजी के साथ सही तरीके से तैयारी करे, तो बिना किसी कोचिंग के भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम पास कर सकते हैं । और हम पूरे इरादे और हौसले के साथ परीक्षा को सम्पन्न कर सकते है।

(3) समय सारणी (Time table)

समय का जीवन मे बहुत महत्व है, समय के साथ जो चलता हैसमय उसके साथ चलता है।(Time has great importance in life, time that goes with it, time moves with it)

समय का उपयोग कैसे और कितना करना है यह छात्रों का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। हमारा तीसरा स्टेप है समय सारणी तैयार रखना व उसके अनुसार उस पर अमल करना एग्जाम के सिलेबस को ध्यान में रखते हुए आप अपना टाइम टेबल बनाए ताकि समय पर सारा सिलेबस को अचीव कर सके। परीक्षा से जुड़े हर विषय को अच्छे से पढ़े और कमजोर विषय को ज्यादा देने की कोशिस करें।और मन किसी भी विषय के प्रति कोई भी नकारात्मक भाव न रखे।
कहा भी गया है--



समय के साथ चल रे वन्दे,समय साथ देगा इक दिन।
गुजर गया जो सपना वो था,सपने को न गुजरने देना तू ।

(4) अध्ययन सामग्री (study material)


दोस्तों ज्ञान तभी आता है जब आपके पास पढने के लिए संसाधन है। कभी भी यह मायने नहीं रखता है कि आपने कितना पढ़ा है,आपने अपनी बुद्धि के अनुसार ही पढा है,लेकिन मायने तो यह रखता है कि आपने इससे कितना सीखा है।

दोस्तों एक बात हमेशा याद रखिए कभी भी असफल होने पर निरास न होना, भले ही आपको सफलता हासिल न हुआ हो लेकिन उससे भी बडी चीज आपको यह हुई है कि आपको अपनी कमजोरी का पता चला,आपको पता चला कि मुझे किनी तैयारी की जरूरत थी।

सत्य वचन कहा है-- कभी भी फायदे के लिए कोई काम मत करना जोर इस बात पर देना कि मुझे इससे कितना ज्ञान प्राप्त हुआ।
Never do any work for the benefit, emphasize how much knowledge I gained from it
इसीलिए परीक्षा के विषय के अनुरूप परीक्षा संबंधी अध्ययन सामग्री का चयन करें। आपको किस रायटर की बुक जादा समझ आती है।उसी से पढाई कीजिए, हम देखते है कि परीक्षा आते ही बाजार में बहुत सारी बुक्स अवेलेबल हो जाती हैं जिनके कारण आप कंफ्यूज होते है,मन णें कयी भाव आते है कि इतने कीमती समय में कहीं कमजोर किताब का चयन न करले।इस विरोधाभास में मत रहिए कि कौन सी बुक अच्छी है कौन सी नही इसके लिए आप कोई एक अच्छी एक्जाम से संबंधित बुक पढ़ सकते हैं। जिससे आप बहुत से कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी एक ही बुक से कर सकते हैं। हमेशा एक विषय की तैयारी एक ही बूक से करें जिससे आप कंफ्यूज नही होंगे, अलग-अलग बुक पढोगे तो आप एक बुक के बाद दूसरी बुक की जानकारी भूल जाओगे।


(5) नियमित पढ़ाई (Regular studies)

दोस्तों अक्सर हमारे मन में यह भ्रम बैठा रहता है कि एक साल का पढा हुआ और एक दिन का पढा हुआ बराबर होता है। बिल्कुल गलत है यह अगर ऐसा होता तो बडे-बडे शिक्षा विदों ने इतना लम्बा समय तय न किया होता। हर किसी की अपनी महता होती है, समय के साथ खेलोगे तो समय आपके साथ अवश्य खेलेगा। ध्यान रखिए,व्यस्त रहना महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि चीटियाँ भी व्यस्त रहती हैं, महत्वपूर्ण यह है कि आप किस कार्य में व्यस्त हैं।
(It is not important to be busy, because ants are also busy, it is important what work you are busy with)

अपनी एकाग्रता में सुधार के लिए आपको को ही अपना चयन करना होगा समय निर्धारित कीजिए, जब पढने की उमर हो तो अन्य कामों में ध्यान न देकर पढाई को ही अपना लक्ष्य बना दीजिए जीजान झोंक दीजिए, हर दिन अग्नि की तरह तप कीजिए।

6. पढने का उचित वातावरण बनाये 

वातावरण का हम पर बहुत प्रभाव पढता है, अपने रास्ते खुद चुनिए क्योंकि आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता।आपके अन्दर हर काम करने की छमता है, ईश्वर ने हर व्यक्ति को विशेष उपहार एवं योग्यता दी है। उसका भरपूर प्रयोग कीजिए।

हो सकता है कि ट्यूशन(कोचिंग) के लिए आपके पास पैसा न हो,आज कल इन्टरनेट में आप जहां भी आपको प्रॉब्लम होती है उसके लिए टॉपिक से रिलेटेड फ्री वीडियो,ऑडियो,पीडीएफ,कयी सारी चीजें अवेलेबल है। बस आपको अपने आपको टाइम टाइम से सेल्फ मोटीवेट करने की जरूरत है और खुद मोटीवेट कर पढाई का एनवायरनमेंट बनाना है।

हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि पढनें के लिए सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म मुहूर्त होता है, कारण यह है क्योंकि उस समय देवताओं का जागने का समय होता है,हमारे पर्यावरण में ज्ञान का संचार अधिक होता है।इसलिए आप सुबह जल्दी उठकर प्रातः चार बजे से पढाई स्टार्ट कीजिए।

याद रखिए पढाई के कयी संसाधन हो सकते है लेकिन आपको अपनी बुद्धि उनके हिसाब से नही बल्कि अपने हिसाब से स्थापित करनी होगी क्योंकि,  आपका आंतरिक ज्ञान किसी और का नही हो सकता।

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