Saturday 21 March 2020

हिन्दी व्याकरण इतिहास या स्रोत की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण

हिन्दी व्याकरण इतिहास या स्रोत की दृष्टि से शब्दों का वर्गीकरण 
Classification of words in terms of Hindi grammar history or source

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न, ctet,utet,upet,,ssc,समूह ग,आदि परीक्षाओं में सफलता दिलाने वाले प्रश्न हिन्दी व्याकरण से सम्बन्धित अन्य भी लेख है, इस ब्लॉग पर हिन्दी व्याकरण रस,और सन्धि प्रकरण,  तथा हिन्दी अलंकारMotivational Quotes, Best Shayari, WhatsApp Status in Hindi के साथ-साथ और भी कई प्रकार के Hindi Quotes ,संस्कृत सुभाषितानीसफलता के सूत्र, गायत्री मंत्र का अर्थ आदि शेयर कर रहा हूँ । जो आपको जीवन जीने, समझने और Life में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते है,आध्यात्म ज्ञान से सम्बंधित गरूडपुराण के श्लोक,हनुमान चालीसा का अर्थ ,ॐध्वनि, आदि कई GAYN SADHANA.COM मे है
शब्द का इतिहास अति प्राचीन और लंबा है , जिसको जानने के लिए उसकी गहराई में जाना पड़ता है , पर सामान्य तौर पर यही कहा जा सकता है कि व्यक्ति सर्वप्रथम अपने पारिवारिक और सामाजिक परिवेश से ही इतने शब्द ग्रहण कर लेता है कि उसका काम बड़ी आसानी से चल जाता है और वह भावाभिव्यक्ति में सक्षम हो जाता है । पर इसके अतिरिक्त जब वह अन्य भाषाओं के संपर्क में आता है , तो बहुत कुछ उनसे भी ग्रहण कर लेता है ।

जहाँ तक हिंदी भाषा के शब्द भंडार की बात है , संस्कृत इसकी माँ है और यह हिंदी उसकी बेटी । जैसे एक माँ अपनी बेटी को ससुराल में भेजते समय बहुत कुछ देती है ठीक उसी प्रकार हिंदी भी जब अपनी ससुराल में आई तो अपनी माँ के घर से बहुत कुछ लाई और उसने अपना भंडार भरा । दूसरी बात यह है कि हमारे देश पर मुगलों और अंग्रेज़ों ने एक लंबे समय तक शासन किया और उन्होंने अपने - अपने समय में अपनी - अपनी भाषाओं को राजकाज की भाषा बनाया । इसलिए हिंदी भाषा - भाषियों को उनकी भाषाएँ सीखनी पड़ी ।

इनके अतिरिक्त जैसे - जैसे हम जीवन में आगे बढ़ते गए , हमारे शब्द भंडार में भी उलट - फेर होते गए । विज्ञान की प्रगति के साथ नए - नए शब्द प्रचलन में आए । कुछ अप्रचलित शब्द छूटते चले गए । सभ्यता , संस्कृति , खान - पान , रहन - सहन , जीवन - शैली और लोगों का संपर्क शब्द भंडार को प्रभावित करता रहा और यह परिवर्तन न केवल आल बल्कि भविष्य में भी इसी रूप में चलता रहेगा और भिन्न - भिन्न स्रोतों से शब्द आते रहेंगे ।

अतः  इतिहास या स्रोत के आधार पर शब्दों को निम्नलिखित वर्गों में रखा जा सकता है ----
1- तत्सम , 
2- तद्भव , 
3- देशज , 
4- विदेशज , 
5- शंकर 

1- तत्सम शब्द--  
तत् ' अर्थात् उसके ( मूल भाषा संस्कृत के ) ' सम् ' अर्थात् समान । कहा का अभिप्राय यह है कि जो शब्द संस्कृत के हैं परंतु हिंदी में ज्यों के त्यों प्रयोग और प्रचलन में स्वीकार कर लिए गए हैं , उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं ।
संस्कृत के इन शब्दों का प्रयोग हिंदी व्याकरण के अनुसार ही हो रहा है । इनकी संख्या बहुत अधिक है । ये इतने सरल और स्वाभाविक हैं कि लगता ही नहीं कि ये अन्य भाषा ( संस्कृत ) के शब्द हैं ।

जैसे - माता , पिता , वायु , कवि , पुस्तक , विद्या , गुरु , प्रणाम नदी , स्त्री इत्यादि । 

2- तद्भव शब्द -- 
तत् ' अर्थात् उससे ( संस्कृत से ) ' भव ' अर्थात् होने वाले
( बदल - बिगड़ कर बनने वाले ) । जो शब्द मूलत : संस्कृत के हैं , परंतु हिंदी में कुछ बदले हुए रूप में प्रयुक हो रहे हैं , उन्हें तद्भव कहते हैं ।

जैसे - काम ( कर्म ) , सात ( सप्त ) , दही ( दधि ) , घं ( घृत ) , दूध ( दुग्ध ) , रतन ( रत्न ) , आग ( अग्नि ) , भगत ( भक्त ) , साँप ( सर्प ) इत्यादि । 

        महत्वपूर्ण तत्सम व तद्भव शब्द Important similar and similar words


तत्सम      तद्भव     तत्सम       तद्भव 
अग्नि          आग         कोकिल         कोयल 
घृत             घी            अज्ञान         अनजान
कर्म           काम          ग्रंथि              गाँठ 
आश्चर्य      अचरज      कुष्ठ              कोड 
चक्र          चाक        कर्तव्य            करतब 
अंबा         अम्मा       निर्झर             झरना 
कच्छप     कछुआ     अंगुष्ठ             अंगूठा 
अर्ध         आधा       अष्टादश         अठारह 
घृणा         घिन        आम्र               आम 
कर्पूर         कपूर        गात्र               गात
अंगुलि      उँगली       गुर्जर             गूजर                      अंधकार    अँधेरा       गणना          गिनना
आभीर     अहीर        गृह               घर
उपरि        ऊपर        अक्षि            आँख 
कर्ण         कान         कीट            कीड़ा 
ग्राहक      गाहक       अस्थि           हड्डी 
कार्य        काज        आज            अद्य
गोधूम        गेंहू          उल्लू           उलूक 
आलस्य    आलस      आश्रय       आसरा 
कदंब        कदम         आशा         आस
बुभुक्षा      भूख          ओष्ठ          ओठ 
बकुल      बगुला         कंटक         कांटा 
पिपासा     प्यास         इक्षु            ईख 
गायक      गवैया         प्रस्तर        पत्थर 
क्षेत्र          खेत           कूप           कुआँ 
पुच्छ         पूँछ           काष्ठ          काठ

3- देशज या देशी शब्द -
     Native word 

जो शब्द न तो संस्कृत से आए हैं और न ही संस्कृत से परिवर्तित होकर हिंदी में प्रचलित हैं , अपितु देश की भिन्न - भिन्न बोलियों से लिए गए हैं , उन्हें देशी या देशज शब्द कहा जाता है ।

जैसे - लकड़ी , खिड़की , थैला , पानी , घरौंदा , पगड़ी , लुटिया , खोट , डिबिया , जूता , चिड़िया , ठेस , तेंदुआ , कपास , पिल्ला , चूड़ी , रोटी , दाल , बेटा , पड़ोसी , गाड़ी , रोड़ा , पैसा , झाडू , लोटा , झोला , टाँग , ठेठ , थूक , चीनी आदि । 

4-  विदेशज या विदेशी शब्द -     Foreign or foreign words

 अंग्रेज़ी , अरबी , फारसी , तुर्की , पुर्तगाली , फ्रांसीसी , चीनी आदि भाषाओं के अनेक शब्द हिंदी में आकर हिंदी की तरह ही प्रयोग और प्रचलन में हैं , उन्हें विदेशज या विदेशी शब्द कहते हैं ।

जैसे -
( क ) अंग्रेजी के शब्द ---
कंप्यूटर , इंजीनियर , टेलीविजन , टेलीफोन , टेलीप्रिंटर , फैक्स , रेलवे , स्टेशन स्टॉप , ट्रेन , ऑपरेशन , डॉक्टर , हॉस्पिटल , नर्स , प्रोफेसर , स्कूल , चॉक , ब्लैक - बोर्ड , सिगरेट , स्लेट , मास्टर कॉलिज , फीस , टिकट , कमीशन , रजिस्टर , ब्रुश , जेल , कार सिलेंडर , बटन , सिनेमा , हॉकी , बूट , पेंसिल , रेडियो , सेल्यूलर आदि ।

( ख ) अरबी के शब्द ---
अजीब , अक्ल , आदमी , इज्जत , इलाज , ईमानदार , औलाद , किताब , खत , गरीब , जलसा , जनाब , जवाब , तमाम , तारीख , तमाशा , तरक्की दुनिया , नतीजा , नशा , फकीर , फैसला , मदद , बहस , मजबूर , मालूम , मुल्क , मशहूर , , दफ्तर , दौलत , तलब , लिफाफा , हिम्मत , हिसाब , हुक्म , गरीब , अमीर , अदालत , हुक्का , किस्सा , मालिक ।

( ग ) फ़ारसी के शब्द ---
आराम , आवारा , आतिशबाजी , कुश्ती , कमीना , खुश्क , गिरफ्तार , गुलाब , चश्मा , चेहरा , जोश , तनख्वाह , तबाह , दुकान , दिल , पलक , पुल , बीमार , मलाई , मुफ्त , मजा , यार , बाग , कलम , दोस्त , कारखाना , खरगोश , जिंदगी , जमीन , रूमाल , खून , सिपाही , सितार , शहर , रास्ता , सुराही । 

( घ ) तुर्की के शब्द --
आका , कैंची , कुली , काबू , लाश , गलचा , दरोगा , तमगा , तोप , तलाश , बेगम , बहादुर , मुगल , चेचक , जालिम , चमचा इत्यादि । 

( ङ ) पुर्तगाली के शब्द --
अलमारी , साबुन , अलकतरा , आलपीन , कनस्तर , तौलिया , बाल्टी , कमरा , नीलाम , पिस्तौल , पादरी , गिर्जा , गमला , गोदाम , चाबी , फीता , मेज , संतरा इतयादि । 

( च ) फ्रांसीसी के शब्द --
अंगरेज , कारतूस , कूपन , काजू आदि । 

( छ ) चीनी के शब्द --
चाय , लीची इत्यादि । 

( ज ) जापानी के शब्द --
रिक्शा आदि । 

5- संकर --
दो भिन्न - भिन्न भाषाओं के मेल से बनने वाले शब्द संकर ( मिश्रित ) शब्द कहलाते हैं । 

जैसे---- 
रेलगाड़ी - रेल ( अंग्रेज़ी ) गाड़ी ( हिंदी ) 
टिकटघर - टिकट ( अंग्रेज़ी ) घर ( हिंदी ) 
सज़ा - प्राप्त - सज़ा ( फारसी ) प्राप्त ( संस्कृत ) 
जाँचकर्ता - जाँच ( हिंदी ) कर्ता ( संस्कृत ) 
ऑपरेशन कक्ष - ऑपरेशन ( अंग्रेज़ी ) कक्ष ( संस्कृत ) 
रेलयात्री - रेल ( अंग्रेज़ी ) यात्री ( संस्कृत )

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

0 comments: