Sunday 8 March 2020

किन कर्मों से मिलता है स्वर्ग और नर्क? स्वर्ग और नर्क का रहस्यमय ज्ञान

किन कर्मों से मिलता है स्वर्ग और नर्क? 
What actions do heaven and hell get?
स्वर्ग और नर्क का रहस्यमय ज्ञान
Mystical knowledge of heaven and hell

दोस्तों हर कोई यही चाहता है कि मरने के बाद उसकी अच्छी गती हो और उसे मोक्ष प्राप्त हो सके। लेकिन मनुष्य यह नही समझ पाता है कि आखिर मरने के बाद जीव कहाँ जाता है,और उसके साथ क्या होता है,इसीलिए वह कर्म करने से नही घबराता है।Mystical knowledge of heaven and hell in hindi

हमारे धर्म के तीन आधार माने गये है- और धर्म को जिंदा बनाए रखने और लोगों में नैतिकता को कायम रखने के तीन आधार है- 1.ईश्वर 2.स्वर्ग-नर्क और प्रॉफेट। यह तीनों ही वेद विरुद्ध माने जा सकते हैं। जब मानव असभ्य और जंगली था तब लोगों को सभ्य और नैतिक बनाने के लिए कुछ लोगों ने भय और लालच का सहारा लिया और लोगों को एक परिवार और समाज में ढाला।ज्ञान की प्रांगणता होने लगी,उसे गलत कर्म करने से बचने के लिए डराया ईश्वर और नर्क से और लालच दिया स्वर्ग का, अप्सराओं का। जिन लोगों ने समाज को ईश्वर, स्वर्ग, नर्क से डराकर नए नियम बताए उन्हें फ्रॉफेट माना जाने लगा। फ्रॉफेटों की अपनी किताबें भी होती हैं जिनके प्रति लोग पागल हैं। Mystical knowledge of heaven and hell in hindi

वेद भले ही इस तरह की कपोल-कल्पनाओं के खिलाफ है। वेद आध्या‍त्म का सच्चा मार्ग ही बताते हैं। व्यक्ति सही मार्ग पर चले उससे को अशुभ कृत्य न हो, वेद अनुसार निश्चित ही व्यक्ति को अपने कर्म, भाव और विचार के अनुसार सद्गति और दुर्गति का सामना करना पड़ता है।उसके कर्मही उसके आगे का मार्ग निहित करता है। जैसे शराब पीने वाले की चेतना गिरने लगती है तो उसे अधोगति कहते हैं और ध्यान करने वाली की चेतना उठने लगती है तो उसे उर्ध्व‍गति कहते हैं। वेद गति को मानता है। यदि आप अच्छी गति और स्थिति में रह हैं तो आप स्वर्ग में हैं और बुरी गति और स्थिति में रह रहे हैं तो आप नर्क में हैं। आदमी चलता फिरता नर्क और स्वर्ग है।  लेकिन कहीं न कहीं हमारे शास्त्रों मे कही हुयी बाते मनुष्य को सदगति प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाते है।

आईए आपको बता दें कि हमारे द्वारा जो कर्म किए जाते है उसका परिणाम क्या होता है, हमे स्वर्ग या नर्क कब मिलता है।

स्वर्ग में जाने वाले मनुष्य (Heaven goers)

1- सत्य ,तपस्या ,क्षमा ,दान,और वेद शास्त्रों  के स्वाध्याय द्वारा जो धर्म का अनुष्ठान करते है, वे स्वर्ग मे जाते है।

2- कुंआ, बावली ,तालाब,प्याऊ,आश्रम,और देवमंदिर का निर्माण जो कराते है,वे स्वर्ग जाते है।

3- होम,जप, स्नान और देवताओं के पूजन मे जो सदैव लगे रहते है,ऐसे लोग स्वर्ग जाते है।

4- जच लोग शत्रुओं के भी दोष कभी नहीं कहते ,किन्तु उनके गुणों का ही वर्णन करते है,ऐसे लोग स्वर्ग जाते है। 

5- जो लोग मन और इन्द्रियों का नियमन करने मे लगे रहते हैं, तथा शोक ,भय,क्रोध से रहित है, वे लोग स्वर्ग में जाते है।

6- जो प्राणी मात्र पर दया रखते हैं, तथा जिन पर सभी प्राणी विश्वास करते है,और जिन्होंने हिंसा त्याग दी,ऐसे उत्तम आचरण वाले स्वर्ग में जाते है।

7- जो मन, वचन ,कर्म,से किसी को कष्ट न दे,और सर्वथा सभी के लिए शुद्ध भाव रखते है,ऐसे लोग स्वर्ग जाते हैं। 

8- एकान्त स्थान में मिली हुयी पर स्त्री को देखकर भी जिनके मन मे कामवासना का आगमन न हो वे स्वर्ग जाते हैं।

9- गृह,अन्न,और रस आदि को जो स्वयं उत्पन्न कर दान करते है ,ऐसे पुरूष स्वर्ग मे जाते है,।

10- जो लोग स्त्रियों को माता ,बहन और पुत्री के तुल्य देखते है,वह स्वर्ग में जाते हैं। 


नरक में जानेवाले मनुष्य -Humans who go to hell -

१- जो शिव और विष्णु का चिन्तन व पूजन नहीं करते , उन्हें नरक ही प्राप्त होता है । 

२- जो कुएँ , तालाब , प्याऊगृह , गोचरभूमि और मार्गादि को हानि पहुँचाते हैं , ऐसे दुष्ट नरक में जाते हैं ।

३- यतियों , सतियों और वेदों की निन्दा करनेवाले सदैव नरक में जाते हैं।

४ - भूख प्यास से थककर जो याचक किसी के घर जाता हो और उसे वहाँ से अपमानित होकर लौटना पड़े , तो ऐसे याचक का अपमान करनेवाले नरक में जाते हैं । 

५- अनाथ , कृपण , दीन , रोगी और वृद्ध पर जो मूर्ख दया नहीं करते , वे नरक में ही जाते हैं । 

६- दूसरों के माल ( सामान ) को हड़पने वाले , दूसरों के गुणों में दोष देखनेवाले तथा दूसरों से ईर्ष्या करनेवाले लोग नरक में ही जाते हैं । 

७- जो अपनी पत्नी , बच्चों , नौकरों और मेहमानों को खिलाये बिना ही खाते हैं और पितरों तथा देवताओं की पूजा को छोड़ देते हैं , ऐसे लोग नरक में जाते हैं । 

८- जो मद्य , मांस , गीत , वाद्य और चूत में ही दिन रात लगे रहते हैं , ऐसे लोगों को नरक ही प्राप्त होता है । 

९- आत्म - हत्यारा , स्त्री - हत्यारा , गर्भ - हत्यारा , ब्रह्म - हत्यारा , झूठी गवाही देनेवाला , कन्या _ को बेचनेवाला , झूठ बोलनेवाला , ब्राह्मण होकर मद्य व मांस खानेवाला , ब्राह्मण की जीविका नष्ट करनेवाला , गोघातक और दूसरे की सम्पत्ति का हरण करने वाला ये सभी नरक में जाते है।

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