Sunday 1 March 2020

मानव एवं विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की अहम भूमिका

मानव एवं विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की अहम भूमिका
Discipline's important role in human and student life
अनुशासन का महत्व, अर्थ, परिभाषा, प्रकार


आपको जिन्दगी में यह चुनाव करना है,कि आप अनुशासन की कीमत चुकाएंग,या अफसोस की।
You have to make this choice in life, that you will pay the price of discipline, or regret.

अनुशासन क्यों जरूरी है,और अनुशासन कमी क्यों?
Why discipline is impo
rtant, and why lack of discipline

दोस्तों क्या हमने कभी विचार किया कि कुछ लोग अपने लक्ष्य तक क्यों नहीं पहुंच पाते? अपने लक्ष्य को कैसे पहचाने। उन्हे बार-बार हार और संकट का सामना क्यों करना पडता है।lack of discipline in hindi कुछ लोगों को लगातार सफलता क्यों मिल जाती है।जबकी दूसरे लोगों को अंतहीन असफलताएं झेलनी पढती है।Why discipline is important, in hindi खेलकूद ,शिक्षा,और व्यापार यानी किसी भी क्षेत्र में अनुशासन के बिना महत्वपूर्ण सफलता कोई भी कभी हासिल नहीं कर सका।
Essay on Discipline In Hindi: सभी के जीवन में अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं,अनुशासन मानव जीवन को संयमित एवं नियंत्रित करता हैं। essay on value & importance of discipline अनुशासन के माध्यम से ही जीवन संतुलित बनता हैं,नये आयाम नजर आते है, और वह खुद का तथा देश का विकास करता हैं। अनुशासन का अर्थ हैं निति नियमों का पालन करना ही है। आज के Discipline Essay In Hindi, discipline in student life, पर यहाँ बात करने वाले हैं।( विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व,  essay on discipline in student life in hindi,अनुशासन का अर्थ, महत्व, अनुशासन के प्रकार, अनुशासन की परिभाषा vidyarthi jeevan me anusasan ka mahatva,anusasan meaning in hindi,अनुशासन के लाभ,अनुशासन पर निबन्ध हिंदी में, तथा अनुशासन हीनता के नुकसान तथा डिसिप्लिन के फायदों के बारे में बताएंगे।

मानव जीवन में अनुशासन का अर्थ और महत्वMeaning and importance of discipline in human life

अनुशासन अनु तथा शासन शब्द  से बना है ,जिसका अर्थ  होता है अनु= अनुशरण करना और अनु उपसर्ग भी है जिसका अर्थ है पीछे के कार्य के अनुसार, शासन=नियमों तथा आदेशों का पालन करना। यानी मनुष्य जीवन आशान नही है प्रत्येक क्षेत्र में उसे मर्यादाएं, वशूल, और कर्तव्यों ने बांधा हुआ है। अनुशासन जीवन का एक अहम पहलू है इसके अभाव में मनुष्य  पशुके समान ही है,वही चीज उसे प्रतिष्ठा भी दिलाता है ,और मनुषभी बनाए रखता है।

अगर आपको अच्छा नागरिक बनना है चाहे विद्यार्थी  जीवन हो या कोई भी  वर्ग का हो ,अनुशासन जीवन में प्राणों की भांती महत्वपूर्ण है, मनुष्य में प्राण है और अनुशासन नहीं  है तो उस जीवन की कोई उपयोगिता नही रह जाती है।अनुशासन ही जीवन को तारतम्यता देता, जीवन को नयी दिशा देता है,जीवन में खुशियाँ और उमंग भरता है,अनुशासन है तो जीवन ऊंची से ऊंची कामयाबी भी हासिल कर लेता है और अनुशासन नहीं है तो जीवन की गाडी पटरी से उतर जाती है ,तब न उसकी कोई दिशा होती है और न दशा सुधरती है।अनुशासन से ही व्यक्ति का जीवन ,सुचारू रूप से समय का पूरा-पूरा सदुपयोग करते हुए, कार्य कुशलता की वृद्धि से प्राप्त अनेक सुख सुविधाओं से भर जाता है। अनुशासन चाहे व्यक्ति द्वारा स्वयं पर लगाया गया अंकुश हो या फिर समाज की किसी परम्परा या व्यवस्था का हो ,विस्तृत अर्थों में लाभदायक ही है।

अनुशासन क्या है और कैसे आता है?
What is discipline and how does it come?

आजादी मनकाही चीज का भरपूर आनन्द उठाने में नहीं, बल्कि मन के वश में रखने से मिलती है।
Freedom comes not from enjoying plentiful things, but by keeping them under the control of the mind

क्या अनुशासन का मतलब कोई दिक्कत पैदा होने या कोई गलती हो जाने के बाद उसे दूर करना है?क्या इसका मतलब कोई चीज ऊपर से थोपना है? क्या इसका अर्थ दुर्व्यवहार करना है?क्या यह आजादी छीन लेता है?
अगर किसी से भी पूछ लिया जाए तो इसका जवाब नहीँ मिल पायेगा। अनुशासन तो पागल पन है। अनुशासन दृढता है। अनुशासन एक दिशा है। जिसका मतलब है समस्या पैदा होने से पहले ही उसे मिटा देना। अनुशासन का मतलब ये नही कि जो हम दूसरों के लिए करते है।बल्कि अनुशासन वह है जो हम उन लोगों के लिए करते है जो लोग इसकी परवाह नहीं  करते ,इसका महत्व नहीं समझते जो जीवन की भेलु नही समझते है। जो समय की महता को नहीं  समझते।

प्रेम और अनुशासन के माहौल मे पले बच्चे बडे होकर मां-बाप को और अधिक इज्जत देते है,एवं कानून का पालन करने वाले बनते है।
Children grew up in an atmosphere of love and discipline, give more respect to parents and become law-abiding

अनुशासन प्यार के इजहार का एक तरीका है।कयी बार हमको भलाई करने के लिए भी सख्ती करनी पढती है,क्योंकि चीजें हमारे सोचने की विपरीत होती है।
यह दुनियां ऐसी ही अगर आपने चलना नहीं  सीखा तो शिकार हो जाओगे। लगातार कोशिश की कमीं अनुशासन की कमी का ही नतीजा होती है। अनुशासित रहने के लिए आत्मनियन्त्रण एवं त्याग की आवश्यकता है,बिना करे कुछ नहीं  मिलता है,और बिना दिए भी कुछ नहीं मिलता है।  यानी परीश्रम करना पढेगा और समय देना पढेगा।इसके लिए आपको भटकाव और लालच से बचना पडेगा। इसका तात्पर्य यह है कि  हम लक्ष्य ध्यान लगाएं, हमे जीवन में क्या करना है वही आखिरी मंजिल होनी चाहिए। भाप इंजन को तब तक नहीं खींच सकती ,जब तक उसे एक दायरे में सीमित न कर दिया जाए।

अनियमित कडी मेहनत से कहीं बेहतर है,नियमित रूप से की गयी थोडी सी भी कोशिश, जो अनुशासन से ही आती है। अनुशासन और पछतावा ,दोनों ही दुखदायक है। ज्यादातर लोगों को इन दोनों में से किसी एक को चुनना होता है। अगर आपसे कहा जाए तो आप क्या चुनेंगे,और कौन सबसे जादा दुखदायी है।

जीवन में हमेशा याद रखना जिन बच्चों को अनुशासन के अभाव में पाला जाता है,वे अक्सर बडे होकर न तो अपनी इज्जत करते है,और न ही मां बाप और समाज की परवाह करते है।वे जिम्मेदारियों को कबूल ही नही करना चाहते है।

अनुशासन एक जीवन मूल्य है
Discipline is a life value

अनुशासन ऐसा जीवन-मूल्य है, जो अन्य लोगों को भी सुव्यवस्थित रहने हेतु प्रेरित करता है।
Discipline is the value of life that inspires other people to be well organized
दोस्तों अनुशासन का लक्ष्य है- जीवन को सुमधुर और सुविधापूर्ण बनाना । मानव अपने जीवन में भी कुछ उद्येश्यों की प्राप्ति करना चाहता है। अनुशासन हीन ,एवं अव्यवस्थित मनुष्य ही अपने जीवन में असफल होता है,वह अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करे ,इसकी योजना नही बना पाता है।और इसी कारण लोगों के उपहास (हंसी-मजाक) का पात्र बनता है।उसे समाज मे असभ्य, अनपढ,जाहिल,गंवार, कहा जाता है। केवल अनुशासित व्यक्ति की ही समाज की जरूरत भी है और लोग उसे पसन्द भी करते है। अपने प्रत्येक व्यवहार से वह अनुशासित होने की गरिमा को अप्रत्यक्षतः प्रकट करता है। अपने आकर्षक एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व से वह सब पर अनुशासन की महत्ता प्रतिपादित करता है।

विद्यार्थियों में इन गुणों का होना आवश्यक है-
Students must have five qualities 

जी हां विद्यार्थी जीवन एक ऐसा सुनिश्चित समय है जो पूरे जीवन की अहम व महत्वपूर्ण सीढी मानी जाती है,अगर इसकी नींव मजबूत है तो वह जीवन में हर मुकाम हासिल कर सकता है। पूरा जीवन सुखी से रह सकता है। लेकिन सुख पाने के लिए विद्यार्थी जीवन में दुख और कष्टों का दामन थामना पढेगा। जिसने इस जीवन में सुख की अभिलाषा की यानी परीश्रम नहीं किया वह आजीवन दुख भोगता है।

कहा भी गया है---
विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम् ।
पात्रात्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मम् ततः सुखम् ।।

अर्थात- विद्या से विनय, विनय से योग्यता ,योग्यता से धन,धन से धर्म, और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है।

दूसरा महत्वपूर्ण है--
काक चेष्टा – जिस प्रकार कौवा अपने भोजन के लिए हर प्रकार का प्रयत्न करता है। उसी प्रकार विद्यार्थी को अध्ययन में सफलता के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए।
कौवे जैसी इच्छा रखना।

बकोध्यानं – जिस प्रकार बगुला अपने शिकार पर एकाग्रचित्त रहता है। उसी प्रकार विद्यार्थी को पढ़ने में दत्तचित्त रहना चाहिए।
बगुले जैसा ध्यान ।

श्वाननिद्रा – विद्यार्थी को श्वान (कुत्ता) की भांति बहुत कम सोना चाहिए। उसे अति गहरे नींद में नहीं सोना चाहिए।
कुत्ते जैसी नींद।

अल्पाहारी – विद्यार्थी को भोजन कम मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि अधिक भोजन करने से आलस्य आता है।
कम भोजन करने वाला।

गृह त्यागी – घर से दूर रहने पर पढ़ने में अधिक मन रमता है। इन सब गुणों वाला ही सच्चा विद्यार्थी होता है।
घर का मोह न रखना।

तीसरा महत्वपूर्ण नियम--

आयुः कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च ।
पंचैतान्यपि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।

अर्थात- आयु ,कर्म, धन,विद्या, और मृत्यु ये पांच प्राणी के गर्भ में रहते हुए ही ब्रह्मा के द्वारा निर्धारित किये जाते है। जो अनुशासन से ही प्रभावित हो सकते है।
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