Sunday 24 May 2020

टिहरी बांध का संक्षिप्त परिचय एवं इतिहास तथा टिहरी बांध के फायदे व नुकसान ,Tehri Dam and advantages and disadvantages of Tehri Dam

टिहरी बांध का संक्षिप्त परिचय एवं इतिहास तथा टिहरी बांध के फायदे व नुकसान 
Brief introduction and history of Tehri Dam and advantages and disadvantages of Tehri Dam
Tehri dam

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टिहरी झील का परिचय 
Introduction to Tehri Lake

दोस्तों टिहरी बांध एशिया का सबसे बढा बांध है, इसकी लोकप्रियता पूरे विश्व में चर्चित है। यह भारत के छोटे से राज्य उत्तराखंड में  स्थित है, उत्तराखंड केवल देवभूमि ही नहीं बल्कि प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, जहाँ कयी प्रसिद्ध नदियाँ बहती है और अनेकों पर्वतमालाओं की भूमि भी है । यह टिहरी बांध भी उत्तराखंड के टिहरी जिलें में स्थित है। और दो नदियों भागीरथी एवं भिलंगना के संगम (गणेश प्रयाग) पर बना हुआ है।

टिहरी बांध प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर एवं विश्व के बड़े बांधों में शामिल टिहरी बाँध के निर्माण के फलस्वरूप टिहरी शहर पानी में डूब गया तथा टिहरी झील जिसे आज सुमन सागर के नाम से जाना जाता है, इस बांध के लिए पुराने टिहरी बाजार को कुर्बानी देनी पढी तब जाकर इस बांध का निर्माण हुआ । टिहरी शहर को विस्थापित करके नई टिहरी शहर में बसाया गया है।

टिहरी बांध का संक्षिप्त इतिहास एवं संक्षिप्त परिचय --
Brief history and brief introduction of Tehri Dam

1- देश                           =    भारत
2- राज्य/स्थान                =   उत्तराखण्ड
3- निर्माण आरम्भ वर्ष     = १९७८
4- आरम्भ दिनांक           =   २००६
5- निर्माण में कुल लागत  =  सं॰रा॰ $१ बिलियन
6- अधिकारी/स्वामित्व     = टीएचडिसी इण्डिया लि॰
7- घेराव नदी                  =   भागीरथी नदी
8- बांध ऊँचाई             =  260.5 मी॰ (855 फीट)
9- लम्बाई                   =   575 मी॰ (1,886 फीट)
10- चौड़ाई/आधार     =   1,128 मी॰ (3,701 फीट)
11- उत्प्लव मार्ग         =  २(दो)
12- उत्प्लव मार्ग क्षमता  =  15,540 m3/s (549,000 घन फुट/सेकंड)

13- पानी की कुल क्षमता   = 4.0 कि॰मी3 (3,200,000 acre⋅ft)
14- सतह क्षेत्रफ़ल  =  52 कि॰मी  560,000,000 वर्ग फुट)
15- पावर स्टेशन क्षमता  = 1,000 मेगा॰वाट (1,300,000 अश्वशक्ति)

टिहरी बांध के फायदे --
Benefits of tehri dam
टिहरी बांध के अनेकों फायदे है,देश का विकास तथा उत्तराखंड का विकास भी इससे जुडा हुआ है, और इससे आमदनी में भी इजाफा होगा। रोजगार खुलेंगे,आदी कयी सारी सुविधाएं आम जन को उपलब्ध होगी।
टिहरी बांध से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण फायदे हम आपको बता रहे है, जो इस प्रकार से है----

1- औद्योगिक उपयोग हेतु जल का विस्तार--
यहाँ इस बांध का सबसे बढा फायदा यह है कि हाईड्रोलोजिकल साईकल में अधिक विभिन्‍नताओं के कारण बरसाती अवधि के दौरान नदी के अतिरिक्‍त जल को स्‍टोर (संचयन) करने तथा जब जल का अभाव होता है , जिस कारण अनेकों परेशानियों का सामना करना पढता है। इससे शुष्‍क अवधि के दौरान, उसी जल का उपयोग करने के लिए बांध एवं जलाशय बनाए जाने अपेक्षित हैं।
उचित रूप से अभिकल्पित तथा सुनिर्मित किए गए बांध लोगों की पेयजल की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने में महत्‍वपूर्ण निभाते हैं।

2- सिंचाई का माध्यम --
टिहरी बांध सिंचाई का सबसे बडा माध्यम है,क्योंकि यहाँ से जल कयी नहरों के माध्यम से अन्य शहरो में भी जाता है।बांध और जलाशयों का निर्माण बरसाती अवधि के दौरान अतिरिक्‍त जल जिसका उपयोग शुष्‍क भूमि पर सिंचाई हेतु किया जा सकता है को संचित करने के लिए किया जाता है। बांध और जलाशयों का मुख्‍य लाभ यह है कि वर्ष के दौरान विभिन्‍न क्षेत्रों की कृषि आवश्‍यकताओं के अनुसार जल बहाव को नियमित किया जा सकता है।
बांध और जलाशय मानव-जाति को अति विशाल पैमाने पर सिंचाई आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु अविस्‍मरणीय सेवाएं उपलब्‍ध कराते हैं।

3- बाढ़ नियन्‍त्रण मे सहायक --
यह बांध बाढ नियन्त्रणमें भी सहायक है क्योंकि कयी नदियों में आने वाली बाढें लोगों के जीवन एवं सम्‍पत्ति के साथ बहुत बार विनाशकारी खेल खेलती रही हैं। बांध के डाऊनस्‍ट्रीम नदी के जल प्रवाह को नियमित करके बाढ़ नियन्‍त्रण के लिए बांध और जलाशयों का प्रभावी प्रयोग किया जा सकता है।

4- जल विद्युत उत्‍पादन में सहायक--
बिजली उत्पादन करना और कयी देशों में इसकी सप्लाई करना यह इसका सबसे बढा फायदा है, जिससे देश की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है।ऊर्जा देश के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल विद्युत ऊर्जा का सस्‍ता, स्‍वच्‍छ और नवीनीकरणीय स्‍त्रोत है।

5- मनोरंजन में  सहायक --
यह बांध मनोरंजन में  भी सहायक है, रोजगार के अवसर भी यह उपलब्ध कराता है, तथा देश विदेश के लोग यहाँ  मनोरंजन करने भी आते है।
एक बांध का निर्माण करके बनाया गया जलाशय एक झील का सुन्‍दर दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है। जिन क्षेत्रों में प्राकृतिक सतही जल कम या गैर विद्यमान है उन क्षेत्रों में जलाशय मनोरंजन के स्‍त्रोत होते हैं।

टिहरी बांध के नुकसान 
Damages of Tehri Dam
टिहरी बांध का सबसे बढा नुक्सान इस प्रकार  है ---
1- पुरानी टिहरी का विलुप्त हो जाना।

2- राजा का महल और पुरानी यादों का सफाया।हो जाना।

3- कयी लोग बेघर हो जाना।

4- लोगों की पूर्वजों की यादों का गला गोंटना, उन्हें जल में डुबो देना।

5- अपने पुराने रीति रिवाजों और संस्कृति को भूल जाना आदी।

टिहरी बांध का संक्षिप्त इतिहास --
Brief History of Tehri Dam

टिहरी बांध निर्माण योजना में राज्य सरकार (उत्तराखंड) ने टिहरी झील को एक साहसिक पर्यटन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। टिहरी झील में जेट स्कीइंग से हॉट एयर बैलून सवारी तक कई अलग-अलग और विविध गतिविधियां शामिल हैं।

टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा तथा विशालकाय बाँध है। यह भागीरथी नदी पर 260.5 मीटर की उँचाई पर बना है। टिहरी बांध दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है, जिसका उपयोग सिंचाई तथा बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है।
इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना है।
टिहरी बांध परियोजना हेतु प्राथमिक जांच का काम 1961 में पूर्ण हो गया था। इसके बाद इसकी रूपरेखा तय करने का कार्य 1972 में हुआ। इसके लिए 600 एमडबल्यू का बिजली संयंत्र लगाया गया। इसके निर्माण का कार्य 1978 में शुरू हुआ, लेकिन आर्थिक, पर्यावरणीय आदि प्रभाव के कारण इसमें देरी हुई। इसके निर्माण का कार्य 2006 में पूरा हो गया।
टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं-
टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई - 1000 मेगावाटकोटेशवर जल विद्युत परियोजना - 400 मेगावाटटिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना - 1000 मेगावाट

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