Tuesday 30 June 2020

मै शिक्षक हूँ-- मुझे है जमाने को सिखाना शिक्षक पर भावप्रद कविता Emotional poem on teacher Teachers day poem in hindi

मै शिक्षक हूँ--
मुझे है जमाने को सिखाना 
शिक्षक पर भावप्रद कविता 
Emotional poem on teacher
Teachers day poem in hindi 

मै शिक्षक हूँ----
मुझे है जमाने को सिखाना--
मै हूँ पुजारी किताबों का,
मुझे रोशनी देनी है कलियों को,
जो अंधकार के घेरों मे है जकडे,
प्रकाश की ज्योती से है उसे तपाना ,
क्योंकि मुझे जो है उसको मानव बनाना,
उसे जमाने का हर तवज्जु है सिखाना ,
उसके अन्दर है हर वो एहसास जगाना,
मुझे है उसके साहस भरना ,
ताकी वह वक्त पढने पर अधीन बन सके,
मुझे है उसकी अंतर आत्मा को जगाना,
ताकी वह जमाने में लड सके सच से,
और वक्त आने पर वह सच के लिए अड सके,
मुझे उसमें है हौसला जगाना,
कि वह पायी हुई हार को कैसे झेले,
और वक्त आने पर जीत की खुशियाँ कैसे मनाएं,
मुझे है सिखाना उसे ईर्ष्या द्वैश से हटाना,
और जीवन में छिपी मौन मुस्कान का पाठ पढाना,
क्योंकि मै शिक्षक हूँ----
मुझे है जमाने को सिखाना--

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