Tuesday 28 July 2020

बालक के विकास से सम्बन्धित 22 रोचक एवं अनसुने तथ्य // 22 interesting and unheard facts related to child development

बालक के विकास से सम्बन्धित 22 रोचक एवं अनसुने तथ्य
22 interesting and unheard facts related to child development

परिभाषा (definition)
1- विकास एक सार्वभौमिक ( Universal ) प्रक्रिया है , जो जन्म से लेकर जीवनपर्यन्त तक अविराम होता रहता है । विकास केवल शारीरिक वृद्धि की ओर ही संकेत नहीं करता बल्कि इसके अंतर्गत वे सभी शारीरिक , मानसिक , सामाजिक और संवेगात्मक परिवर्तन सम्मिलित रहते हैं जो गर्भकाल से लेकर मृत्युपर्यन्त तक निरंतर प्राणी में प्रकट होते रहते हैं ।

2- विकास को ' क्रमिक परिवर्तनों की श्रृंखला ' भी कहा जाता है । इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताओं का उदय होता है तथा पुरानी विशेषताओं की समाप्ति हो जाती है । प्रौढ़ावस्था में पहुँचकर मनुष्य स्वयं को जिन गुणों से संपन्न पाता है वे विकास की प्रक्रिया के ही परिणाम होते हैं ।

22 Fact of child development in hindi

1- वृद्धि गर्भावस्था से प्रौढ़ावस्था तक चलती है ।

2- वृद्धि में होनेवाले परिवर्तन शारीरिक होते हैं ।

3- वृद्धि के दौरान होनेवाले परिवर्तन मात्रात्मक होते हैं ।

4- वृद्धि में होनेवाले परिवर्तन रचनात्मक होते हैं ।

5- विकास कभी नहीं समाप्त होने वाली प्रक्रिया है , यह निरन्तरता के सिद्धान्त से सम्बन्धित है ।

22 Fact of child development in hindi

6- विकास एवं वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त के अनुसार निम्न कक्षाओं में शिक्षण खेल विधि पर आधारित होती है ।

7- विकास में वृद्धि का तात्पर्य है बालकों में सीखने , स्मरण तथा तर्क इत्यादि की क्षमता में वृद्धि होना ।

8- गर्भ में बालक को विकसित होने में 280 दिन लगता है ।

9- नवजात शिशु का भार 7 पाउण्ड होता है ।

10- विकास में होनेवाले परिवर्तन गुणात्मक होते हैं ।

11- विकास - क्रम प्राणी को परिपक्वावस्था प्रदान करता है ।

12- विकास परिपक्वता और परिवर्तनों की श्रृंखला है ।

13- विकास को क्रमिक परिवर्तनों की श्रृंखला कहा जाता है । इसके फलस्वरूप व्यक्ति में नवीन विशेषताओं का उदय होता है और पुरानी विशेषताओं की समाप्ति हो जाती है ।

22 Fact of child development in hindi

14- विकास में होनेवाले परिवर्तन रचनात्मक और विनाशात्मक दोनों प्रकार के होते हैं ।

15- प्रारंभिक अवस्था में होनेवाले परिवर्तन रचनात्मक ( Constructive ) होते हैं । उत्तरार्द्ध में होनेवाले परिवर्तन विनाशात्मक ( Destructive ) होते हैं ।

16- रचनात्मक परिवर्तन प्राणी में परिपक्वता लाते हैं और विनाशात्मक परिवर्तन उसे वृद्धावस्था ( Maturity ) की ओर ले जाते हैं ।

17- मानव का शारीरिक विकास दो दिशाओं में होता है मस्तकाधोमुखी विकास और निकट दूर विकास क्रम । मस्तकाधोमुखी विकास सिर से पैर की ओर होता है ।

18- भ्रूणावस्था में पहले सिर का विकास होता है बाद में धड़ तथा निचले भागों का विकास होता है ।

19-  निकट दूर विकास - क्रम में शारीरिक विकास पहले केन्द्रीय भागों में प्रारंभ होता है इसके बाद केन्द्र से दूर के भागों में होता है ।

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20- विकास - क्रम में कोई भी बालक पहले सामान्य क्रिया करता है इसके बाद विशेष क्रिया की ओर अग्रसर होता है ।

21- प्रत्येक बालक की विकास - दर तथा प्रतिमानों में व्यक्तिगत भिन्नता ( Individual Difference ) पायी जाती है ।

22- शरीर के विभिन्न अंगों के विकास की गति समान नहीं होती है ।



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