Thursday 20 August 2020

कैसे रहे खुश / How to be happy in hindi, खुश रहने के 9 आसान उपाय / 9 easy ways to be happy,खुश रहने के तरीके कौन से है? खुश रहना कैसे सीखते है?How to be happy in hindi खुश रहने के उपाय क्या है? जीवन मे खुशी कब आएगी? क्यों खुशी नही मिल पाती है?

 कैसे रहे खुश / How to be happy in hindi, खुश रहने के 9 आसान उपाय / 9 easy ways to be happy

How did happiness come in hindi? How to be happy in hindi? What are the ways to be happy in hindi? How to learn to be happy in hindi? What is the way to be happy in hindi? When will you be happy in life in hindi?  Why can't you get happiness in hindi?

खुशी कैसे आए? खुश कैसे रहे? खुश रहने के तरीके कौन से है? खुश रहना कैसे सीखते है?How to be happy in hindi खुश रहने के उपाय क्या है? जीवन मे खुशी कब आएगी? क्यों खुशी नही मिल पाती है? खुशी एक आदी ऐसी सवाल हमारे मन में उठते है , और खुशी इसी चीज है जिसे हर कोई पाना चाहता है, इसे सभी हेमशा अपने पास रखना चाहते है पर ये हमेशा साथ रहने वाली कहा है। How to learn to be happy in hindi

क्योंकि ए तो दुख को भी अपने साथ लेकर चलती है। हम जीवन में जो भी करते है खुश रहने के लिए करते है लेकिन हर वक्त खुश रहना भी कोई आसन बात नहीं है। यहाँ हम आपको खुश कैसे रहे?How to be happy in hindi खुश रहने के तरीके और एक खुशी जीवन जीने के कुछ उपाय बता रहे है,आपके जीवन में  खुशियाँ भर देगी और आप खुशी-खुशी अपनों साथ हसीन पलों को व्यतीत करोगे ।How to be happy in hindi

कयी लोग अपनी Life में बहुत Safal होते है लेकिन वो कभी भी खुश नहीं रह पाते,क्योंकि वे सिर्फ अपने काम को महत्व देते है अपनों को नहीं । अब आप सोचेंगे की ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन लोगो की Habits में diffrence होता है, काम और जिम्मेदारी पे इतना जोर लगा देंगें कि अपनों के साथ खुशी के दो पल बैठने का मौका तक नहीं मिलेगा। How to learn to be happy in hindi

अगर हम रिश्तों के महत्व को समझेंगे और उनकी कद्र करना सीखेंगे तो, खुशी स्वतः ही अपने आप आएगी,और खुशी जिसके जीवन में होती है,उनका सफलता से सीधा Connection होता है, अगर आप सोचते है की आप सफल होने के बाद हमेशा खुश रहोगे तो आप गलत सोचते है, बल्कि सफल होने के लिए खुश होना बहुत जरूरी है। How to be happy in hindi

खुशी का महत्व क्या है?/ What is the importance of happiness

आंतरिक प्रसन्नता का अनुभव होता है , संतुष्टि महसूस होती है । खुशी , मनुष्य के जीने का आधार है । इसी कारण खुशी को विकास के पैमाने के तौर पर स्वीकारा गया है और दुनिया भर में कई देश इस पर नीतियाँ बनाकर उस पर अमल करने में लगे हैं । यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया भर के संगठनों और लोगों से शिक्षा और जागरूकता अभियानों के जरिए प्रसन्नता दिवस मनाने की अपील की है । 

हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में खुशहाली एक इंजन की तरह काम करती है । यदि हम अपने जीवन में खुश व संतुष्ट रहते हैं तो हमारी मानसिक परेशानियाँ भी हमसे दूर रहती हैं और ज्यादा देर तक हमारे समीप टिक नहीं पातीं । हमें खुशी कैसे मिले ? कैसे हमारी खुशी बढ़े ? यह जानने के लिए हमें जीवन के उन सूत्रों को जानना और अपनाना होगा , जो हमारे आस - पास ही मौजूद हैं , लेकिन फिर भी हम उनसे अनभिज्ञ हैं । 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खुशी / Pleasure from a scientific perspective

दोस्तों खुशी को अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, वैज्ञानिको के अनुसार हमारे मस्तिष्क में स्थित न्यूरोक्लियर एक्यूबेस के हिस्से में कार्यशील है। यही खुशी के उत्पादन का काम करते है। न्यूरोक्लियर एक्यूबेस में किसी प्रकार में गड़बड़ी होने के कारण व्यक्ति की खुशी में भी गड़बड़ी आती है। वैज्ञानिको का मानना है की इंसान के मस्तिष्क में ” डोपामाइन “ के स्तर में बढ़ोतरी हो जाने पर वह ज्यादा खुश रहता है। यानी हमें अपने अन्दर खुशी उत्पन्न नही करनी है बल्कि वह तो पहले से ही अन्दर मौजूद है, बस उसे बाहर आने का रास्ता हमें देना पढता है। 

1- प्राकृतिक वातावरण /Natural environment

हम जिस वातावरण में रहते हैं , प्रकृति ने उसमें अपनी भरपूर कला व सुंदरता बिखेरी है । लेकिन अपनी परेशानियों के कारण हम इसे देख नहीं पाते , इसे महसूस नहीं कर पाते और रोते कलपते रहते हैं । इसकी सुंदरता को वही जान सकता है , महसूस कर सकता है , जिसकी अंधी आँखों में देखने की रोशनी आ जाए । प्रकृति की यह सुंदरता हमें हर पल खुशियों से भरती है , हर क्षण हमें नई महक - नई साँस उपलब्ध कराती है । बस , इसे एक बार निहारने की जरूरत है । 

2- खुद की उपयोगिता समझें / Understand yourself

यदि हम हर समय स्वयं के दोषों को निहारेंगे , स्वयं को दोष देंगे , अपनी कमियाँ देखेंगे तो उदास ही रहेंगे । खुशी हमें तभी मिलती है , जब हम अपने गुणों को प्रश्रय देते हैं , अपने गुणों में वृद्धि करते हैं और अपनी विशेषताओं का भरपूर उपयोग करते हैं ।

3- जीवन में कोई उद्देश्य हो /Have a purpose in life

वे व्यक्ति जीवन में अधिक खुश रहते हैं , जिनके जीवन का उद्देश्य स्पष्ट

होता है । जिन व्यक्तियों को यह ज्ञात होता है कि वे अपने - उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं , अपने लक्ष्य , अपने गंतव्य - की ओर जा रहे हैं , उनकी प्रसन्नता निरंतर बढ़ती रहती - है । ऐसे व्यक्तियों में घबराहट , चिंता , तनाव , बेचैनी व अवसाद जैसी मानसिक परेशानियाँ बहुत कम पनपती हैं और पनपती भी हैं तो ज्यादा देर तक स्थिर नहीं रह पातीं । लेकिन जिन व्यक्तियों को अपने उद्देश्य का पता नहीं होता , वे यों ही जीवन में काम करते रहते हैं , आगे बढ़ते रहते हैं , उनके जीवन में एक अनिश्चितता होती है , असंतुष्टि होती है कि पता नहीं वे कहाँ जा रहे हैं , क्या प्राप्त कर रहे हैं । इसलिए जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाना खुशियों को हासिल करना है । 


4- हर समय कुछ नया सीखें -Learn something new all the time

जीवन में सीखने के लिए बहुत कुछ है । जीवन में बहुत कुछ ऐसा है , जिसे हम नहीं जानते , लेकिन वह हमारे लिए जरूरी है , लाभदायक है और उसे जानकर , सीखकर हम अपनी काबिलियत बढ़ा सकते हैं । नया सीखने की यह जो प्रक्रिया है , यह हमें बहुत कुछ सिखाती है , हमारी खुशियों को बढ़ाती है और साथ ही हमारी योग्यता में भी वृद्धि करती है । 

5- सकारात्मक दृष्टिकोण रखें / Keep a positive outlook

यदि खुशियाँ प्राप्त करनी हैं , तो यह हमें केवल सकारात्मक सोच के साथ ही मिल सकती हैं । जीवन में नकारात्मकता एक ऐसा अँधियारा है , जो हमसे हमारी खुशी छीन लेता है , हमारे उन परों को काट देता है , जो हमें उन्मुक्त आकाश में उड़ाते हैं और हमें अपार खुशियों से भरते हैं । इसलिए आगे बढ़ने के लिए , खुशियाँ बढ़ाने के लिए हमें सकारात्मकता को अपनाना चाहिए और नकारात्मकता से कोसों दूर रहना चाहिए । 

6- गिर कर सँभलना सीखें / Learn to fall down

जीवन में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियाँ हमारे सामने आती हैं , जिनमें हम सफल नहीं हो पाते । बहुत - सी ऐसी ठोकरें लगती हैं , जिनकी पीड़ा से हम कराह उठते हैं , ऐसे अवसरों पर भी हमें सँभलना - सीखना होगा । अपने जख्मों को भरना और फिर से संघर्ष करने के लिए दोगुने उत्साह से उठ खड़े होना ही श्रेष्ठ मनुष्य की पहचान है । वही मनुष्य खुश रहता है और सफल कहा जाता है , जो स्वयं को गिरने नहीं देता , यदा - कदा गिरने पर स्वयं को सँभालना सीख लेता है और दूसरों को भी सहारा देता है । 


7- मदद के लिए सदैव आगे बढ़ें - Always go ahead for help

दूसरों की मदद करना , उनकी सहायता करना भी हमें अपार सुख देता है , आंतरिक प्रसन्नता देता है । मदद करने से हमारा अहंकार गलता है , इससे हमारे रिश्ते सुधरते हैं , प्रगाढ़ होते हैं और मदद करने की हमारी सेवा - भावना हमें अपार आंतरिक खुशी प्रदान करती है , संतुष्टि देती है । 

8- स्वास्थ्य का रखें ख्याल / Take care of health

हमारे शरीर और मन का संबंध एकदूसरे से जुड़ा है , एकदूसरे पर आश्रित है । यदि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ होगा और यदि शरीर अस्वस्थ है तो मन भी चिड़चिड़ा हो जाएगा । इसी तरह यदि मन बहुत परेशान है तो शरीर पर उस परेशानी का प्रभाव पड़ेगा , उसके शारीरिक क्रियाकलाप में अंतर पड़ेगा , इससे बीमारियाँ बढ़ेंगी । लेकिन यदि मन स्वस्थ व प्रसन्न है तो शरीर की बीमारियाँ भी लंबे समय तक टिक नहीं पाएँगी , शरीर का स्वास्थ्य लाभ जल्दी होगा । इसलिए खुश रहने के लिए हमारे शरीर व मन का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है , अन्यथा हम खुशियों के पलों को महसूस नहीं कर पाएंगे । 

9- दूसरों से जुड़ें , अपनत्व बढ़ाएँ - Connect with others, increase affinity

दूसरों से जुड़ाव , लगाव , अपनत्व हमें बहुत सारी खुशियाँ देता है । इसलिए संबंध जोड़े जाते हैं , संबंध बनाए जाते हैं और उन्हें निभाया जाता है । जो व्यक्ति दूसरों के साथ बड़ी आसानी से सहज रहते हैं , सामंजस्य बिठा लेते हैं , अपनत्व जोड़ लेते हैं , वे खुशियाँ पाते हैं और खुशियाँ बिखेरते हैं ।


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