Saturday 19 September 2020

माता-पिता प्रति बेटी की प्रेम कहानी/Daughter's love story for parents /बेटी का जन्म सौभाग्य की बात है/Birth of a daughter is a privile

माता-पिता प्रति बेटी की प्रेम कहानी/Daughter's love story for parents /बेटी का जन्म सौभाग्य की बात है/Birth of a daughter is a privile

सभी से समझदार होती हैं बेटियाँ, 

लाड-प्यार की हकदार होती हैं बेटियाँ ।

सुख में तो सारी दुनिया साथ देती है,

अक्सर दुख में भागीदार होती हैं बेटियाँ ।।

दोस्तों अक्सर आज लोगों की मानसिकता बहुत ही बदल चुकी है। इसी कारण समाज  में  देखा  गया  है  कि  कुछ  परिवार  ऐसे  भी  हैं  जो  बेटियां  होने  के  कारण  दुखी  हैं। वो बेटी का होना अभिशाप मानते है। Birth of a daughter is a privilege in hindi कारण सिर्फ इतना है कि उनके  घर  में  लड़का  नहीं  है। और उस लडके से हमारे वंश की वृद्धि निहित है।Daughter's love story for parents in hindi बुढापे का सहारे से घबराते है, घर  में  बहू नहीं  आएगी  जबकि  बेटी  बहू  बनकर  जाएगी।और गलती से अगर किसी के दो - चार  लड़कियां हो गयी तो वह अपने आप को दुनिया का सबसे बडा  अभागा  समझता  हैं।beti-bachao-beti-padhao in hindi आइए इसी मानसिकता को दूर करते है इसीलिए हमने एक भावनात्मक बेटी की प्रेम कहानी लेकर आयी है जो अपने माता-पिता के लिए सबकुछ न्यौछावर करती है। आशा है आपको पसंद आएगी और आप भी लडकी को सम्मान देंगी। 

दोस्तों बेटियाँ परिवार ही नही समाज, व देश का हिस्सा होती है। बेटी से ही सृष्टि की कल्पना निश्चित है। बेटियाँ वंको बडाने वाली दुर्गा शक्ति ततथा जीवन का आधार भी होती है। आज मै आपको ऐसी ही एक मर्म हृदय वाली बेटी की सत्य घटना पर कहानी लेकर ङाया हू। आशा है आपके जीवन में बदलाव अवश्य आयेगा और आपके मन में भी बेटी के प्रति सम्मान होगा। beti-bachao-beti-padhao in hindi 

एक बार दोनों पति-पत्नी आपस में सुखी जीवन के साथ अपना समय व्यतीत कर रहे थे। एक दिन उन्होंने आपस में सर्त रखी की आज जो भी कोई दरवाजे पर आएगा हम उसके लिए दरवाजा नहीं खोलेंगे। आज पूरे दिन हम एक-दूसरे के हसीन पलों को जीकर इस दिन को अमिट बना देंगे। 

फिर सिलसिला शुरू हुआ, एक के बाद एक दरवाजे पर लोग आए पर उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। फिर अचनक से उसके माता-पिता आते है। वह परेशान होता है कि कैसे दरवाजा खोलूं पत्नी के साथ सर्त रखी है फिर वो क्या सोचेगी। और आखिर में वह उनके लिए दरवाज़ा नहीं खोलता है। और माता-पिता निराश हो कर वापस चले जाते है। बेटा परेशान होता है कि आज ही सरात रखी और आज ही माता-पिता आये अब ओ क्या सोच रहे होंगे। beti-bachao-beti-padhao in hindi 

कुछ ही देर बाद लडकी यानी उसकी पत्नी के माता-पिता आते है,वह बिना सोचे समझे दरवाजा खोलकर अपने माता-पिता को अन्दर ला देती है, पती देखकर दंग रह जाता है,लेकिन कुछ नही बोल पाता है। उसकी बीबी अपने माता-पिता की खूब खातिर दारी करती है और फिर वो वाप चले जाते है। beti-bachao-beti-padhao in hindi 

फिस उसकी पत्नी बोलती है कि मुझे माफ कर देना मै अपने माता पिता को निराश नही देख सकती वो मेरे घर से ऐसे ही लौट जाए । मुझे अच्छा नहीं लगेगा। पती ने कुछ नहीं बोला , फिर धीरे-धीरे दिन बीतते गये उनका परिवार खुशहाल से व्यतीत होने लगा। उसकी तीन लडकियां और एक लडका हुआ वो धीरे-धीरे बडने लगे। उसके पति हमेशा अपनी तीनो बेटियों का जन्म दिन बढे धूम-धाम से मनाता था। लेकिन बेटे का जन्मदिन साधारण ढंग से मनाता था।beti-bachao-beti-padhao in hindi 

एकदिन उसकी पत्नी ने उससे पूछा कि क्या वजह है कि आप अपनी बेटियों का जन्मदिन दूम-धाम से मनाती हो और बेटे का साधारण तरीके से। आपको पता है उसने क्या जवाब दिया।

उसका जवाब था ------?

(उस दिन जब हमने सर्त रखी थी तो मैने अपने माता-पिता के लिए दरवाज़ा नहीं खोला। लेकिन तुमने अपने माता पिता के लिए।  अपने पती के साथ किये वादे को भी भूलकर अपने माता-पिता के लिए दरवाज़ा खोला। इसीलिए मैं इनका जन्मदिन धूम-धाम से मनाता हूँ क्योंकि यही है जो बुढापे में हमेशा मेरे लिए दरवाज़ा खुले रखेगी।)

दोस्तों यह हकीकत है ,और शास्त्रों में भी कहा गया है ---

( कलियुग में बेटा हमेशा स्वार्थ के लिए जियेगा, जब तक लगाव होगा। लेकिन बेटी कलयुग मे भी अपने माता-पिता के साथ वही व्यवहार करेगी जो अन्य युगों मे करती आयी है।beti-bachao-beti-padhao in hindi 

बेटी हमेशा अपने माता-पिता के लिए चिंतित रहती है,भले ही वह प्रतीत नहीं होने देती किन्तु वह कभी उन्हें दुखी नहीं देख सकती। अगर बेटी का बस चले तो वह अपने जीवन की सारी खुशियाँ माता-पिता के नाम कर दे। वह चाहे तो अपने माता-पिता को आजीवन पाल सकती है,लेकिन वह सामाजिक बन्धनों से बंधी हुयी है।

इसलिए मित्रों कभी भी बेटी का अनादर मत करों आप उसको जैसा स्थान दोगे, वह आपके लिए वही सम्मान प्रकट करेगी। और जो भी भी सत्री जाती आपको दिखे उसके साथ हमेशा स्नेह पूर्ण व्यवहार करो ।किसी भी स्त्री का कभी अनादर न करों, उसके मन को कभी ठेस न पहुंचाओ यही सफलता का द्वार भी है और मुक्ति का द्वार भी। beti-bachao-beti-padhao in hindi 

धन्यवाद

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