Tuesday 8 September 2020

करवा-चौथ की कथा एवं विधि/Story and method of Karva-Chauth, कैसे करें करवा-चौथ का उद्यापन /How to promote Karva-Chauth

करवा-चौथ की कथा एवं विधि/Story and method of Karva-Chauth, कैसे करें करवा-चौथ का उद्यापन /How to promote Karva-Chauth

कार्तिक वदी चतुर्थी को करवाचौथ कहते हैं । Krwachauth poojan in hindi इस में गणेश जी का पूजन व व्रत सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घ आयु के लिये करती हैं । प्राचीन काल में द्विज नामक ब्राह्मण के सात पुत्र और एक वीरावती नाम की कन्या थी । वीरावती प्रथमवार करवाचौथ व्रत के दिन भूख से व्याकुल हो पृथ्वी पर मूर्छित हो कर गिर पड़ी , तब सब भाई यह देख कर रोने लगे और जल से मुंह धुलाकर एक भाई वट के वृक्ष पर चढ़कर छलनी में दीपक दिखाकर बहन से बोले कि चन्द्रमा निकल आया ।Krwachauth poojan in hindi उस अग्निरूप को चन्द्रमा समझकर दुःख छोड़ वह चन्द्रमा को अर्घ्य देकर भोजन के लिये बैठी , -पहले कौर में बाल निकला , दुसरे कौर में छींक हुई , तीसरे कोर में ससुराल से बुलावा आ गया । ससुराल में उसने देखा कि उसका पति मरा पड़ी है । 

संयोग से वहाँ इन्द्राणी आई और उन्हें देखकर विलाप करते हुए वीरावती बोली कि हे माँ ! यह किस अपराध का मुझे फल मिला ।प्रार्थना करते हुये बोली कि मेरे पति को जिन्दा कर दो । Krwachauth poojan in hindi इन्द्राणी ने कहा कि तुमने करवाचौथ वन बिना चन्द्रीय चन्द्रमा के अर्ध्य दे दिया था यह सब उसी के फल से हुआ अतः अब तुम बारह माह के चौथ के व्रत च करवाचौथ व्रत को श्रद्धा और भक्ति से विधिपूर्वक करों तबल राति पुनः जीवित हो उठेगा । इन्द्राणी के वचन सुन वीरावतीने विधि - पूर्वक बारह माह के चौथ और करवाचौथ व्रत को खडी भक्ति जार इनके प्रभाव से उस का पति पुनः देवता सहरा जीवित हो उठा ।उसी दिन से यह करवा चौथ मनाई जातीत रखा जाता है माता जसे तुमने चीरावती के पति की रक्षा की से सबके पतियों की रक्षा करना ।Krwachauth poojan in hindi

करवा चौथ की सूक्ष्म पूजन विधि/Karwa Chauth's subtle worship method

कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ कहते हैं । इसमें गणेश जी का पूजन विधी विधान से करके उन्हें पूजन दान से प्रसन्न किया जाता है ।इस व्रत की सबसे बडी विशेषता यह है कि इसमें गेहूँ का करवा भर के पूजन किया जाता है,और उसके ऊपर छोटी सकोरी (मिट्टी की कटोरी) रखकर उसमें चीनी भर दी जाती है, और विवाहित लड़कियों के यहाँ चीनी के करवे पीहर से भेजे जाते हैं,Krwachauth poojan in hindiताकी उनका वैवाहिक जीवन खुशहाली से बीते, और खील बतासे का भी इसमें महत्व है तथा अपनी सास के लिए भी वही श्रृंगार रखना पढता है जो सुहागिन खुद पहनती है, तथा इसमें निम्नलिखित कहानी सुन कर चन्द्रोदय में अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है । 

करवा-चौथ व्रत कथा - Karva-Chauth fast story

एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी । सेठानी के सहित उसकी बहुओं और बेटी ने करवा चौथ का व्रत रखा था । रात्रि को साहूकार के लड़के भोजन करने लगे तो , उन्होंने अपनी बहन से भोजन के लिए कहा । Krwachauth poojan in hindiइस पर बहन ने उत्तर दिया - भाई ! अभी चाँद नहीं निकला है उसके निकलने पर अर्घ्य देकर भोजन करूँगी । बहन की बात सुनकर भाइयों ने क्या काम किया कि नगर से बाहर जाकर अग्नि जला दी और छलनी ले जाकर उसमें से प्रकाश दिखाते हुए उन्होंने बहन से कहा बहन ! चाँद निकल आया है । अर्घ्य देकर भोजन जीम लो ।

यह सुन उसने अपनी भाभियों से कहा कि आओ तुम भी चन्द्रमा को अर्घ्य दे लो , परन्तु वे इस काण्ड को जानती थीं , उन्होंने कहा बाई जी । Krwachauth poojan in hindiअभी चाँद नहीं निकला , तेरे भाई तेरे से धोखा करते हुए अग्नि का प्रकाश छलनी से दिखा रहे हैं । भाभियों की बात सुनकर भी उसने कुछ ध्यान न दिया व भाइयों द्वारा दिखाए प्रकाश को ही अर्घ्य देकर भोजन कर लिया । 

इस प्रकार व्रत भंग करने से गणेश जी उस पर अप्रसन्न हो गए । इसके बाद उसका पति सख्त बीमार हो गया और जो कुछ घर में था उसकी बीमारी में लग गया । जब उसे अपने किए हुए दोषों का पता लगा तो उसने पश्चाताप किया । गणेश जी की प्रार्थना करते हुए विधि विधान से पुनः चतुर्थी का व्रत करना आरम्भ कर दिया और श्रद्धानुसार सबका आदर करते हुए सबसे आशीर्वाद ग्रहण करने में ही मन को लगा दिया । 

इस प्रकार उसके श्रद्धा - भक्ति सहित कर्म को देख कर भगवान् गणेश उस पर प्रसन्न हो गए और उसके पति को जीवन दान देकर उसे आरोग्य करने के पश्चात् धन सम्पत्ति से युक्त कर दिया ।इस प्रकार जो कोई छल कपट को त्याग कर श्रद्धा भक्ति से चतुर्थी का व्रत करेंगे वे सब प्रकार से सुखी होते हुए क्लेशों से मुक्त हो जाएंगे।Krwachauth poojan in hindi

कैसे  करे करवा चौथ का उद्यापन/How to promote Karva Chauth

यह व्रत बहुत ही पवित्र माना गया है जिस श्रद्धा भाव के साथ आप करवा-चौथ का व्रत करते हो अगर उसी प्रकार से उसका उद्यापन सही प्रकार से न हो तो अशुभ संकेत मिलते है। उद्यापन करने के लिए सबसे पहले एक  थाली में तेरह जगह चार-चार पूडी और थोडा सा सीरा रख लें।  Krwachauth poojan in hindiउसके ऊपर एक साडी,ब्लाउज और रूपये जितना चाहें रख लें।  उस थाली के चारों ओर रोली ,चावल से हाथ फेर कर अपनी सासू जी के पांव छूं कर उन्हें दे दें ।उसके बाद तेरह ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा देकर तथा विंदी लगाकर उनका आशीर्वाद ले और उन्हें खुशी-खुशी विदा करें।


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