Saturday 26 December 2020

सावधान कभी न करें इन 5 स्त्रियों का अपमान?वरना जीवन भर झेलनी पढेगी दरिद्रता।Never beware of insulting these 5 women, or else you will suffer poverty for life

सावधान कभी न करें इन 5 स्त्रियों का अपमान?वरना जीवन भर झेलनी पढेगी दरिद्रता।Never beware of insulting these 5 women, or else you will suffer poverty for life

दोस्तों नारी को जीवन और सृष्टि का आधार माना गया है,हिन्दू धर्म में स्त्रियों का सम्मान सबसे जरूरी और अहम है,क्योंकि यही संस्कार हमारे अन्दर ऊर्जा प्रदान करते है।स्त्रियों को हम देवी आदी शक्ति का स्वरूप मानते हैं, हमारे भारतीय समाज और हिन्दू संस्कृति में महिलाओं का सम्मान और उनका स्थान उच्च कोटि का होता है,अगर हम नारी का सम्मान करते है तो बदले में हमें बहुत शुभ लाभ प्राप्त होते है। लेकिन अब भारतीय संस्कृति और सभ्यता भी परिवर्तित होती नजर आ रही है। तमाम कुरीतियों का भी प्रचलन हुआ जिनके चलते समाज में महिलाओं के प्रति अपराध, कुदृष्टि, अपमानजनक शब्दों का प्रयोग अधिक होता दिख रहा है,जिससे हमारी संस्कृति मे द्वेश उत्पन्न हो गये है। आज स्त्री को अबला और कमजोर समझ करके उसके प्रति गलत व्यव्हार और अत्यचार करने वाले व्यक्ति कभी सुखी नहीं रहते हैं,

अगर आप भी समाज में अपनी मान प्रतिष्ठा चाहते है तो इन 5 स्त्रियों का कभी अपमान मत कीजिए, इनके सम्मान से ही आपको भी सम्मान प्राप्त होगा।

समाज में स्त्रियों की उपयोगिता /Usefulness of women in society

भारत में स्त्री को देवी का स्वरूप माना जाता है। वैसे अगर देखा जाए तो हर नारी सम्मान की पात्र है,चाहे वह किसी भी चरित्र व स्वभाव की क्यों न हो,इसीलिए  तुलसीदास द्वारा रचित राम चरित मानस में पांच स्त्रियों के सम्मान की बात को विशेष तौर पर उल्लेखित किया गया है। और कहा गया है जहाँ इन देवी स्वरूप स्त्रियों की पूजा और सम्मान होता है वहाँ सदा सुख,वैभव व समृद्धि का वास होता है। इसके मुताबिक जो भी व्यक्ति इन पांच स्त्रियों का अपमान करता है। इनके साथ दुराचार करता है। उसका जीवन हमेशा ही दरिद्रता और आर्थिक तंगी से गुजरता है।उस पर मां लक्ष्मी कभी प्रसन्न नही हो पाती है।

1- देवी स्वरूप गुरू की पत्नी /Wife of goddess swaroop guru

जी हां दोस्तों हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर अग्रेषित करने वाले उन गुरू की पत्नी को सम्मान देने से ही हमें उन्नति प्रदान हो सकेगी,और तभी हमारी शिक्षा सार्थक हो पाएगी ।जो भी गुरू की पत्नी का अपमान करता है, वह कभी सुख नहीं भोग सकता और गुरू के द्वारा दिए गये ज्ञान का भी उस पर कोई प्रभाव नहीं होता है, वह जीवन भर अनेकों कष्टों को भोगता है।

इसीलिए कभी गुरू की पत्नी का अपमान न करें?That's why never insult the Guru's wife

2- बहु के रूप में स्त्रि (Multiple as)

बहू आने से घर के सभी द्वार खुल जाते है,क्योंकि वह लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है,कभी भी उस स्त्री के प्रति कुदृष्टि नहीं रखनी चाहिए, और कभी भी उसका अपमान नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपके जीवन में हमेशा लक्ष्मी का अभाव रहेगा। आप जितना सम्मान व प्रेम इस स्त्रि को देंगे आपको सम्मान ही प्राप्त होगा।

इसीलिए कभी भी बहू का अपमान व दुराचार भाव न रखें, उसे हमेशा बेटी ही समझें(That is why never keep insulting and mistreating the daughter-in-law, always treat her as a daughter)

3- छोटे-बडे भाई की पत्नी/Younger brother's wife

हमारी मान्यता के अनुसार बडे भाई की पत्नी को भाभी कहा जाता है और भाभी मां का स्वरूप होती है,तथा मां पूजनीय मानी जाती है। जबकि छोटे भाई की पत्नी बेटी समान मानी जाती है। जिस पर हमें कभी बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए, इनका अपमान करने से किसी भी लोक में उस प्राणी को जगह नहीं मिलती है। वह समाज का दोशी होता है और पाप का भोगी होता है।

इसीलिए लिए इनके रूपों की पूजा करनी चाहिए।That is why their forms should be worshiped

4- घर की बेटी,House daughter 

बेटी चाहे किसी की भी वह उसके प्रति हमारा गलत भाव होना,उसके प्रति नकारात्मक सोच नहीं होनी चाहिए, कहते है बेटी के होने से व्यक्ति के मुक्ति के द्वार खुल जाते है, कन्या दान भी बेटी से ही पूर्ण माना जाता है। जिससे उसके मोक्ष प्राप्त होता है। 

इसीलिए कभी भी बेटी का अनादर न करें, उसे बोझ न समझें ( That's why never disrespect a daughter, don't consider her a burden)

5- प्यारी बहन (Dear sister)

बहन वह रिश्ता होता होता है, जिसमें कयी विश्वास,पवित्रता, रक्षक, स्नेह छुपा हुआ है। हम अपनी बहन को तो बहन मान लेते है किन्तु दूसरे की बहन के प्रति नकारात्मक भाव रखते है। यह विनाश का कारण हो सकता है, सभी बहनों को एक जैसा ही समझना चाहिए।  अन्यथा यह पाप आपकी तरक्की मे बाधा उत्पन्न करेंगा।

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