पूजा करते समय ध्यान रखने योग्य 24 आसान नियम/24 घण्टों के 24 महानियम
नमस्कार दोस्तों हमारे शास्त्रों में नियम पूर्वक पूजा-पाठ करने का विधान माना गया है। सनातन धर्म में हर व्यक्ति पूजा अवश्य करता है। चाहे उसका स्वरूप कुछ भी हो, लेकिन पूजा करते समय कुछ बातों की पूरी जानकारी न होने की वजह से या भूलवश हम कुछ गलतियां कर देते हैं,जिसका अंजाम उसे भुगतना पढता है, पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है,और आत्मा पवित्र होती है, सभी लोग अपने धर्म और आस्था के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं। पूजा करते समय कई सावधानियों का ख्याल रखना जरूरी होता है,हम आपके लिए 24 पूजा करने के ऐसे नियम लेकर आए है,जो आपके जीवन में खुशियाँ ला देगी। हिंदू धर्म में पूजा पाठ करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? पूजा के कौन से नियम है? किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आदि बातों पर हमारा ध्यान नहीं जाता है लेकिन पूजा साधना की दृष्टि से यह बातें अति महत्वपूर्ण हैं, आपको को हर क्षेेत्र मे सफलता अवश्य मिलेगी।
1- पूजा करते समय आसन के लिए ध्यान रखें कि बैठने का आसन ऊनी होगा तो श्रेष्ठ रहेगा ।
2- घर के मंदिर में सुबह एवं शाम को दीपक अवश्य जलाएं । एक दीपक घी का और एक दीपक तेल का जलाना चाहिए ।
3- पूजन - कर्म और आरती पूर्ण होने के बाद उसी स्थान पर खड़े होकर 3 परिक्रमाएं अवश्य करनी चाहिए ।
4- रविवार , एकादशी , द्वादशी , संक्रान्ति तथा संध्या काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए ।
5- भगवान की आरती करते समय ध्यान रखें ये बातें- भगवान के चरणों की चार बार आरती करें , नाभि की दो बार और मुख की एक या तीन बार आरती करें । इस प्रकार भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करनी चाहिए ।
6- पूजाघर में मूर्तियाँ 1,3,5,7,9,11 इंच तक की होनी चाहिए , इससे बड़ी नहीं तथा खड़े हुए गणेश जी , सरस्वतीजी , लक्ष्मीजी , की मर्तियाँ घर में नहीं होनी चाहिए ।
7- सूर्य , गणेश , दुर्गा , शिव और विष्णु , ये पंचदेव कहलाते हैं , इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए । प्रतिदिन पूजन करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए । इससे लक्ष्मी कृपा और समृद्धि प्राप्त होती है ।
8- शिवजी , गणेशजी और भैरवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए ।
9- मां दुर्गा को दूर्वा ( एक प्रकार की घास ) नहीं चढ़ानी चाहिए । यह गणेशजी को विशेष रूप से अर्पित की जाती है ।
10- सूर्य देव को शंख के जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए ।
11- तुलसी का पत्ता बिना स्नान किए नहीं तोड़ना चाहिए । शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बिना नहाए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ता है तो पूजन में ऐसे पत्ते भगवान द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं ।
12- मंदिर और देवी - देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए ।
13- केतकी का फूल शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए ।
14- किसी भी पूजा में मनोकामना की सफलता के लिए दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए । दक्षिणा अर्पित करते समय अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए । दोषों को जल्दी से जल्दी छोड़ने पर मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी ।
15- दूर्वा ( एक प्रकार की लंबी गांठ वाली घास ) रविवार को नहीं तोडनी चाहिए ।
16- मां लक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल अर्पित किया जाता है । इस फूल को पांच दिनों तक जल छिड़क कर पुन : चढ़ा सकते हैं ।
17- शास्त्रों के अनुसार शिवजी को प्रिय बिल्व पत्र छह माह तक बासी नहीं माने जाते हैं । अत : इन्हें जल छिड़क कर पुन : शिवलिंग पर अर्पित किया जा सकता है ।
18- तुलसी के पत्तों को 11 दिनों तक बासी नहीं माना जाता है । इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर पुन : भगवान को अर्पित किया जा सकता है ।
19 - गणेश या देवी की प्रतिमा तीन तीन , शिवलिंग दो , शालिग्राम दो , सूर्य प्रतिमा दो , गोमती चक्र दो की संख्या में कदापि न रखें ।
20 - मंदिर के ऊपर भगवान के वस्त्र , पुस्तकें एवं आभूषण आदि भी न रखें मंदिर में पर्दा अति आवश्यक है अपने पूज्य माता -पिता तथा पित्रों का फोटो मंदिर में कदापि न रखें , उन्हें घर के नैऋत्य कोण में स्थापित करें ।
21- विष्णु की चार , गणेश की तीन , सूर्य की सात , दुर्गा की एक एवं शिव की आधी परिक्रमा कर सकते हैं ।
22- तांबे के बर्तन में चंदन , घिसा हुआ चंदन या चंदन का पानी नहीं रखना चाहिए ।
23- बुधवार और रविवार को पीपल के वृक्ष में जल अर्पित नहीं करना चाहिए ।
24- पूजा हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर करनी चाहिए । यदि संभव हो सके तो सुबह 6 से 8 बजे के बीच में पूजा अवश्य करें ।
अन्य सम्बन्धित लेख साहित्य---
अंग्रेजी सूक्तियां हिन्दी अर्थ सहित
- संस्कृत सुभाषितानी, संस्कृत सुविचार
- समय के सदुपयोग पर सुविचार
- 12 प्रेरणादायक कहानियाँ
- सफलता एवं जीत पर सुविचार
- क्रोध पर सुविचार
- आत्मविश्वास कैसे बढाये
- कम समय में कैसे करें परीक्षा की तैयारी
- आपका सबसे बडा दुश्मन आलस्य
- सफलता पाने के सूत्र, कामयाबी निश्चित होंगी
- अपने लक्ष्य को कैसें पहचानें
- सफलता का रहस्य
0 comments: