Friday 23 April 2021

There are four types of sons in hindi शास्त्रों में है चार प्रकार के पुत्र?जानिए आपका पुत्र कौन और कैसा होना चाहिए ?

There are four types of sons in hindi शास्त्रों में है चार प्रकार के पुत्र?जानिए आपका पुत्र कौन और कैसा होना चाहिए ? 

नमस्कार दोस्तों आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर बात कर रहे है।हम सभी चाहते है,कि हमें पुत्र प्राप्त हो और उसके अन्दर सभी अच्छे व संस्कारी गुणों का विकास हो। वह माता-पिता की सेवा करे और आज्ञाकारी एवं चरित्रवान बने। तो इसके लिए हमारे शास्त्रों में चार प्रकार के पुत्र बताए गये है। four types of sons in hindi1- ऋणानुबन्ध पुत्र (Rinanubandh meaning in hindi) 2- शत्रु पुत्र (Enemy son in hindi) 3- उदासीन पुत्र (Nostalgic son in hindi) 4- सेवक पुत्र (Servant son in hindi) ए चारों पुत्र हमारे कर्म के अनुसार हमें प्राप्त होते है।आप अपने पुत्र के बारे में जान सकते हैं,कि आपका पुत्र किस प्रकार(Category)का है। वह किस राह पर जायेगा, कितना विद्वान होगा,आचरण कैसा रहेगा आदी। चलिए इन चारों पुत्रों के बारे मे विस्तृत से जानते है।

1- ऋणानुबंध पुत्र Rinanubandh son 

ऋणानुबंध का अर्थ है कि जिससे आपका पिछले जन्म का ऋण(कर्जा) बंधा हो,या उससे आपका कुछ सम्बन्ध हो। हमारे पूर्व जन्मों का कर्ज हमें इस जनम में भुगतना पढता है। हम उस व्यक्ति का कर्जा उस जन्म में नहीं चुका पाते है,इसलिए हमें इस जन्म में उसकी सेवा करके उसका कर्जा उतारना होता है।यानी वह आपका पुत्र नहीं बल्कि आप उसके कर्जदार हो। और यह भी सत्य है कि जब तक आपने उस पुत्र या पुत्री का कर्जा न चुकाया तब तक वह आपके धन को बर्बाद करेगा या खूब धन खर्चा करायेगा चाहे माध्यम कुछ् भी हो। इसीलिए यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि आप अपने बच्चों की सेवा कर रहे हो बल्कि आप तो अपना कर्जा उतारने पर लगे हो।It should never be thought that you are serving your children, rather you are engaged in taking off your debt

2- शत्रु पुत्र Shatru putr 

किसी व्यक्ति को शत्रु पुत्र प्राप्त हो जाता है। शत्रु पुत्र का अर्थ है - ऐसा पुत्र जिसे हमने जाने अनजाने में पूर्व जन्म में कोई दारूण दुख (असहनीय दुख) पहुँचाया हो,और वह बदला लेने के लिए पुत्र बनकर आपके जीवन में आया है। कर्मों की गती कभी नहीं थमती है।उसकी कुछ दमित इच्छा या बदला जो उस जन्म में नहीं ले पाया हो। इसीलिए वह पुत्र बनकर आया है और अपने लक्ष्य में कामयाब ही होगा,यानी वह पुत्र आपसे बदला लेकर ही रहेगा, चाहे माध्यम कोई भी हो।इसीलिए अगर आपका पुत्र आपकी बात नहीँ सुन रहा है,या आपके आचरण के विरुद्ध चल रहा है तो समझो वह आपसे बला ले रहा है।If your son is not listening to you, or is going against your conduct, then think he is cheating on you

3- उदासीन पुत्र Udaseen putr 

उदासीन पुत्र का अर्थ है- माता-पिता के प्रति उदासीनता दिखाना,या उसका होना न होना। आप ऐसे पुत्र से कुछ आशायें नहीं पाल सकते ,आपकी सभी उम्मीदे धरी की धरी रह जाएगी। और यह आपको कोई नुकसान भी नहीं देते है।ऐसे पुत्र न सुख देते है न दुख । और ऐसे पुत्र तब तक साथ रहते है जब तक वह अपने कदमों पर खडा न हो जाए,उसके बाद वह आपको पूछता भी नहीं। इसीलिए उदासीन पुत्र का होना न होना बराबर है।The absence of an indifferent son is equal

4- सेवक पुत्र Servant Son 

सभी प्रकार के पुत्रों में यह पुत्र सबसे अच्छा माना गया है। सेवक पुत्र का अर्थ है - ऐसा पुत्र जिसकी आपने पिछले जन्म में निस्वार्थ भाव से सेवा की होऔर उसका फल आपको इस जन्म में मिल रहा है। शाब्दिक अर्थ है कि आपके पिछले अच्छे कर्मों का अच्छा फल आपको प्राप्त हो रहा है। आपने जो बोया था उसे आप इस जन्म में प्राप्त कर रहे है।और ऐसा पुत्र आपका कर्जा नहीं बल्कि वह पुत्र अपना कर्जा उताने आया है।

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