should wastushastr be home in hindi कैसे होना चाहिए आपके सपनो के घर का वास्तुशास्त्र?कौन सा कमरा किस दिशा में हो सम्पूर्ण जानकारी
नमस्कार दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं वास्तु दोष,और वास्तु के अनुसार घर की अक्सर हमारे मन में घर बनाते समय सवाल उठते है।How is the architecture of the house? Where should be the architecture of the temple? where are the Souchalayas? Where is the kitchen? Where are the bedrooms? Where are the bathrooms? Where are the stairs? Where is the place of reading? आदि वास्तुशास्त्र में दिशानुसार भवनों का निर्माण महत्वपूर्ण माना जाता है,और यह सपनों का घर भी माना जाता है।वास्तुशास्त्र के अनुसार आठ प्रमुख दिशाएं हैं जो मनुद्गय के समस्त कार्य-व्यवहारों को प्रभावित करती हैं। इन दिशाओं का प्रभाव महारे जीवन पर भी पढता है,यानी हर दिशा का विशेष महत्व है। घर या कार्यस्थल में दिशानुसार बताए गए वास्तु सिद्धांतों का पालन करने पर इसका सकारात्मक परिणाम आपके जीवन पर होता है।लेकिन वास्तुशास्त्र के विपरीत घर हो तो उस घर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। इन आठ दिशाओं को आधार बनाकर आवास/कार्यस्थल एवं उनमें निर्मित प्रत्येक कमरे के वास्तु विन्यास का वर्णन वास्तुशास्त्र में आता है।हम आपको सम्पूर्ण वास्तु शास्त्र की जानकारी देंगे।
वास्तुशास्त्र का महत्व
Home Decoration Vastu Tips घर की आंतरिक सजावट घर की सुन्दरता में तो निश्चित ही वृद्धि करती है लेकिन अगर यह वास्तु सम्मत हो तो आपके सौभाग्य में भी वृद्धि का कारण बनती है। आज की बढ़ती जनरेशन और जगह की कमी की वजह से वास्तुशास्त्रोक्त भूमि तथा भवन का प्राप्त होना लगभग असंभव-सा होता जा रहा है।फिर भी हमें अपने सपनों के घर की पूरी जानकारी और वास्तु के अनुसार निर्माण करना चाहिए।घर अनेकों शक्तियों का संग्रह होने से हमारे घर में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा प्रवेश करती है, जैसे कि सूर्य से सौर ऊर्जा, कॉस्मिक ऊर्जा, भावनात्मक ऊर्जा, चंद्र ऊर्जा, तापीय ऊर्जा, सकारात्मक-नकारात्मक ऊर्जा, चुंबकीय ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि प्रवेश करती है। इन सारी ऊर्जा की शांति, समृद्धि और सफलता को बढ़ाने के लिए वास्तु का होना बहुत जरूरी है।अन्यथा वह घर नहीं बल्कि शमशान की तरह माना जाता है।
सभी दिशाओं का सम्पूर्ण ज्ञान Complete knowledge of all directions
1- ईशान कोण में
देव गृह (मंदिर) पूजा स्थान
पवित्र पौधे खुली जगह
कुंआ पानी का स्थान
वाटर टैंक
2- पूर्व दिशा की ओर
मीटिंग कक्ष, फव्वारा, अध्ययन कक्ष,
3- आग्नेय कोण
रसोईघर, विद्युत उपकरण, गैस सिलेंडर
4- उत्तर दिशा
औषधी ग्रह
5- दक्षिण दिशा
गृह स्वामी कक्ष, ।
6- वायव्य कोण
अनाज कक जगह, पशु स्थान ।
7- पश्चिम दिशा
8- नैर्ऋत्य कोण
वृद्धजन कक्ष, स्नानघर, शौचालय ।
9- सभी दिशाओं और कमरों के बीच में
आंगन, लाॅबी, सीढियां ।
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