Sunday 30 May 2021

Man ki dardbhari kahani in hindi माँ की दर्द भरी कहानी जिसे सुनकर रो पढ़ोगे

 माँ की दर्द भरी कहानी जिसे सुनकर रो पढ़ोगे 

नमस्कार दोस्तों आज एक ऐसी माँ की दर्द भरी कहानी लेकर आया हूं जिसे पढकर आपके अन्दर का प्रेम जाग उठेगा। दोस्तों मां शब्द ही अपने आप में बहुत बड़ा है जिसके बिना दुनिया अधूरी सी लगती है।इस मां शब्द में स्नेह, ममता, प्रेम, त्याग,  बलिदान,  तपस्या, सहयोग,  समर्पण, आदि न जाने कितनी ऐसी अनेकों विशेषताएं छुपी हुयी है,जिसे बयां कर पाना सम्भव नही है। मां ममता की मूरत होती है मां जो आपको ना सिर्फ जन्म ही देती है बल्कि आपके जीवन को भी सवार देती है। मां बच्चे के हर सुख दुख में अपना सुख दुख भूल जाती है और अगर मां ही आपके जीवन से दूर हो जाएं तो मानो सब अस्त व्यस्त सा हो जाता है। एक मां अपने कलेजे को सीने से लगाए रखती है और दुख का साया भी उस पर पढने नही देती। मां बच्चे को नौ माह तक पेट मे रखकर न जाने कितना दर्द सहती है। लेकिन हमें कभी माँ का दर्द महसूस ही नहीं हो पाता है।मां के लिए बेटा हमेशा बच्चे की तरह ही होता है चाहे बच्चे कितने भी बडे क्यों न हो जाए। मां हर दिन,हर समय, हर पल अपने बच्चों के लिए सोचती और चिंतित रहती है।

लेकिन आजकल के बच्चे अपनी माँ का दर्द नही समझ पाते। मां हमेशा अपने बच्चों का बचाव करती है किन्तु बुढापे में उस मां की रक्षा के लिए उसका बेटा खडा नही होता है। फिर भी उस माँ के दिल में अपने बच्चे के लिए प्रेम और ममता ही उमडती है।

आज हम आपको ऐसी ही मां के बारे में बताएंगे जिसने अपने सपनों को अपने बच्चे के भविष्य में देखा है। अपनी जिन्दगी दाव पर लगा करके अपने बच्चे को जन्म देती है। लेकिन दोस्तों कहानियां तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन कभी मन में विचार कीजियेगा कि आखिर हमारे अन्दर बदलाव क्यों नहीं आया। क्यों आज मां बाप लाचार है? क्यों आज मां-बाप परिवार से अलग है? क्यों आज मां बाप ठोकरें खा रहे है? क्यों आज बच्चों को मां बाप बोझ लग रहे है? क्यों आज मां बाप वृद्धाश्रम में पल रहे है? क्यों आज मां बाप अपने बच्चों से दूर है? कभी किसी के मन में ऐसे सवाल नहीं आते। आज मै आपको ऐसी माँ की दर्द भरी कहानी सुनाऊंगा जिसे पढकर आपके अन्दर जरूर बदलाव आएगा और आप अपने माता पिता का सहारा बनोगे।

माँ की दर्द भरी कहानी 

दोस्तों कहानी इस प्रकार से है कि एक समय रात करीब 01 बजे बेटे को मां का फोन आता है। 
माँ = बेटा हैप्पी बर्थडे आज तुम्हारा जन्मदिवस है आज ही तुम पैदा हुए थे तुमको ढेरों शुभकामनाएं। 
बेटा = मां ये कोई टाइम है फोन करने का रात की 1 बजी है आज सुबह तक इन्तज़ार नहीं कर सकती थी। मेरी नींद खराब कर दी ।
माँ = मां ये सुनकर फोन काट देती है। लेकिन कुछ देर बाद ही पिता का फोन आता है।
पिता = पिता की आवाज सुनकर बेटा कुछ नहीं बोलता है बस इतना कहता है ।
बेटा = आपने भी बर्थडे विश करने के लिए फोन किया है।
पिता = नहीं मैंने बर्थडे विश करने के लिए फोन नहीं किया है। बल्कि मैने तो तुमसे माफी मांगने के लिए फोन किया है,तुम्हारी माँ ना समझ है ना कुछ नहीं समझ पाती भला कोई इतनी रात को फोन करता है। बेवकूफ है ना उसे पता नहीं की तुम गहरी नींद में होंगे। लेकिन एक बात बताऊँ तुम्हारी तो एक ही दिन नींद खराब हुयी है और मेरी तो साल में 365 दिन हर रात 01 बजे तुम्हारी माँ उठा करके नींद खराब करती है। और कहती है कि इसी समय हमारे बेटे का जन्म हुआ था।  बर्थडे विश करती है।
पिता = फिर से कहते है जानते हो जब तुम्हारा जन्म हुआ था तो तुम्हारी माँ ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तुम्हें इस दुनियाँ में लाने को कहा। क्योंकि डाॅक्टर ने साफ कह दिया था कि इसमें मां की जान भी जा सकती है। लेकिन तुम्हारी माँ ने अपनी जान की परवाह नहीं की और मुझसे बार-बार कहती रही कि सुनो अगर डाॅक्टर कहे कि दोनों में से एक हीबचेगा तो तुम मेरे बच्चे को ही बचाना। और मेरे से जब डाॅक्टर ने साइन करने को कहा तो मैने भी काॅपते हुए तुझे ही बचाने को कहा और तू कहता है कि मां ने तेरी नींद खराब की सोजा बेटा अब तेरी माँ कभी तेरी नींद खराब नहीं करेगी और फोन काट देता है।
बेटा = अरे मैने ये क्या कर दिया जिस मां ने मेरे लिए इतना बलिदान दिया मै उसी के उपचारों को भूल गया। क्या मै आज इतना बडा हो गया हूँ, उसे रात भर नींद नहीं आती है। और सुबह दौडता हुआ घर पहुंचता है और मां के कदमो में गिर जाता है। माँ मुझे माफ कर दीजिए ये मैने क्या कर दिया।
पिता = जा तू यहाँ से मेरे कंधों में जबतक ताकत है तबतक मै तेरे मां की सेवा कर सकता हूँ। 
माँ  = माफी तो माँग रहा है ये मान लीजिए ना।
पिता = देखा ये होती है माँ बेटे की लाख गलती होते हुए भी अपने बच्चे का बचाव करती है। अरे मां के जैसा हृदय तो इस दुनियाँ में किसी का नहीँ है। कितना दर्द और दुख सहती है फिर भी अपने बच्चो की खातिर कभी थकती नहीँ है माँ तो बच्चों की रक्षा के लिए खुद की जान भी दाव पर लगा लेती है।

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