Wednesday 2 June 2021

Confidence in children - Try these 5 tips to increase the confidence level बच्चों में आत्मविश्वास - काॅन्फिडेंट लेवल बढाने के लिए आजमाएं ये 5 टिप्स -उपाय

बच्चों में आत्मविश्वास - काॅन्फिडेंट लेवल बढाने के लिए आजमाएं ये 5 टिप्स -उपाय 

नमस्कार दोस्तों आज हम हम आपके और देश के आने वाले भविष्य पर बात कर रहे है,जो बच्चों पर निर्भर करता है। जी हाँ बच्चों में जो चीज हम पहले भर सकते है भर लें क्योंकि यही वह उम्र है जब व्यक्ति जिज्ञासु होता हर चीज को जानने और समझने की उसकी तीव्र इच्छा होती है। ऐसे में हम अगर बच्चों से अपनी इच्छानुसार कार्य कराएंगे तो उनका सम्पूर्ण विकास होना सम्भव नहीँ है। वो बुद्धु और दब्बू पन से भी हो सकते है। क्योंकि उनका काॅन्फिडेंट लेवल अन्दर से कम हो जाता है। यह जिम्मेदारी मां-बाप की ही होती है कि अपने बच्चों को बांध कर न रखें उन्हें कुछ हद तक स्वच्छंद भी छोड दें। इससे उनका काॅन्फिडेंट लेवल ऊंचा हो जाएगा। और उनका सर्वागीण विकास होना सम्भव हो पाएगा। बच्चा क्या सीखना चाहता है?बच्चा क्या सीख रहा है? बच्चे ने कितना सीखा? यह सब उसके काॅन्फिडेंट लेवल पर निर्भर करता है। इसीलिए उसके आत्मविश्वास और काॅन्फिडेंट लेवल को बडाने के लिए ये5 उपाय अपनाएं। इन 5 बातों को अपने जीवन में उतारें सफलता आपके कदमों मे होगी।  क्योंकि कुछ बुद्धि से और कुछ आत्मविश्वास (काॅन्फिडेंट) लेवल से जीती जाती है।

1- बच्चों की कमजोरी नहीं गुणों पर ध्यान दें -

हमेशा याद रखिए कि आपकी प्रतिक्रिया आपके बच्चे पर असर करती है।इसीलिए कभी भी बच्चे की कमजोरियां न गिनाएं बल्कि  बच्चे के गुणों पर ध्यान दें। यही बच्चे का काॅन्फिडेंट लेवल हाई करता है। आप अपने बच्चे के प्रति जितना नकारात्मक बातों का प्रयोग करोगे, उतना ही बच्चे का काॅन्फिडेंट लेवल डाउन हो जाएगा। बच्चे को अपनी रुचि और प्रतिभा के हिसाब से आगे बढऩे दें और उसकी मेहनत की तारीफ करने या बधाई देने में कंजूसी न करें।बल्कि उसे उसकी इच्छानुसार पुरस्कार दें,उसे खूब सारा प्यार दें।

2- बच्चे को अपना बचाव खुद करने दें -

यह बहुत जरूरी है। आप अपने बच्चे का confidence level कैसे बडाते है। आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे को थोडी चोट लगने पर हम उसे आराम करने को कहते है और अनेकों दवा वगैरह करते है,उसे विस्तर से उठने भी नहीं देते। आपको क्या लगता है आप बच्चे की हेल्प कर रहे हैं नही आप उसकी मुसीबत को बडा रहे है। बच्चे को अपना बचाव खुद तो करने दें।  जबतक वह खुद नहीं सीखेगा,दर्द को सहन नहीं करेगा, समस्याओं से नहीं टकरायेगा,मुसीबतों का सामना नहीं करेगा तबतक उसका confidence Level नहीं बडने वाला वो कभी self-s नही हो सकता।

3- बच्चों को घर के कामों में सामिल करें -

जबतक बच्चों को यह पता न हो कि भोजन कहाँ से आता है?भोजन कैसे बनाते है? परीश्रम क्या होता है? पसीना कैसे बहाया जाता है? पैंसा कैसे कमाया जाता है? दुख क्या होता है? परेशानियों से कैसे बचा जाता है? तबतक बच्चों का confidence level नहीं बडने वाला। हम बच्चे से घर का कुछ भी काम नहीं कराते। हम खुद ही उसे पंगू बनाते है। उसे पहले से ही खाली समय पर उसे घर से सम्बन्धित सभी चीजों के बारे में बताएं, उसे बेसिक नाॅलेज दीजिए। लेकिन घर के कामों मे उसे इतना Involve भी मत कीजिए कि वह अपना बचपन भूल जाए।

4- बच्चों को खुद पर भरोसा करना सिखाएं -

भरोसा यानी विश्वास एक ऐसी चीज है जो हमें किसी भी कार्य में बनाए रखता है और हमें सफलता दिलाता है। यह माता पिता की अहम जिम्मेदारी है कि उन्हे खुद पर भरोसा देना सिखाएं।  उन्हें सिखाएं कि जबतक खुदपर भरोसा नहीं करोगे तबतक किसी भी कार्य मे जीत नहीं हो पाएँगी।बच्चा अगर गलती करता है तो उसे सच बोलना भी सिखाए। अगर वह परीक्षा में नम्बर कम भी लाता है तो उसे डाॅटने के बजाए उसे आगे बडने के लिए प्रेत करें। डांटने से उसका confidence गिर जाएगा। वह किसी विषय में कमजोर है तो उसे डराने के बजाए बार-बार कहें कि तुम कर सकते हो तुम्हारे जैसा कोई और नहीँ कर सकता। कुछ दिनों बाद वह खुद ही उसे जानने के लिए अधिक प्रयास करेगा।

5- बच्चों को गलतियों से सबक लेना सिखाएं -

बच्चे जब बी कोई गलती करें तो उसे डांटे नहीं।  उससे उसकी गलत आदत नहीं छूटने वाली बल्कि बच्चे को उस गलती से कुछ प्रेरणा दें। बच्चे को उससे सम्बन्धित दुष्परिणामों के बारे में बताएं। उससे होने वाले अवगुणों के बारे में जब बच्चा जानेगा,उसे समझेगा तो वह स्वतः ही गलत कार्यों को करने से बचेगा। बच्चों का मन बहुत चंचल व पवित्र होता है।हम किसी बात को जोर देकर या जबरदस्ती नहीं करा सकते बल्कि नये तरीको से समझा सकते है। तभी वह गलती नहीं करेगा।

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