Friday 11 June 2021

Boys' pain, know which pains the boys keep hiding

 लडकों का दर्द, जानिए कौन से दर्द छुपाए रहते है लडके 

दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं कि दर्द सिर्फ लडकियों का ही नहीं लडकों का भी होता है,न जाने कितने दर्द सहता है,अगर उसे रोना भी पढे तो लोग यही कहते है कि लड़का हो कर रोते हो। इसी वजह से उसकी आदत हो जाती है अपने दर्द को छुपा लेने की। दर्द कितना भी बढा क्यों न हो सीने में लेकिन फिर भी लाख तरह से पूछो पर कुछ कहता नहीं। शायद वह समझ लेता है कि वह लडका है। उसे दर्द छुपाना पढता है। इसका नतीजा यह हुआ कि वह अपनी छोटी-छोटी बीमारी को भी छुपाने लगा। बीमार पड़ता तो चुपचाप सोया रहता परिवार को तकलीफ नहीं देता। धीरे-धीरे वो अपनी दुनिया में मगन रहने लगता है।हम यही सोचते है कि वो लड़का है इसलिए अपना दर्द छुपाता है। हम सभी सिर्फ महिलाओं के दर्द की बात करते है लेकिन पुरुष के अन्दर भी जज्बात होते है,ख्वाईश होती है,जो अपनों की खुशी के लिए वह सबकुछ अपने अन्दर ही दबाकर रखता है और दुनियाँ यही कहती है कि वह तो लडका है?वह तो पुरूष है?उसकी तो आदत है? 

तो आज हम अपने मन के विचारों  को आपके सामने रख रहे है,हर कोई लडकियों के दर्द?महिलाओं के दर्द के बारे में कहते रहता है,लेकिन मै आपको लडकों का वो दर्द बताने जा रहा हूँ जिसे सुनकर आप यही कहेंगे कि सच में पुरूष होना?लडका होना आसान नहीं है।

1- Money Problems पैसों की दर्द 

लडके कभी किसी को अपना दर्द बयां नहीं करते शायद वो जानते है कि परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं की है। परिवार के खर्चा मैनेजमेन्ट को संभालना । हर समय यही सोचता रहता है। मेरी सैलरी यहाँ खर्च हुई,वहाँ खर्च हुई,बाकी पैंसे कहाँ गये कुछ पता नहीँ आगे के खर्चे का क्या होगा। अगर महीना समाप्ति पे पैंसों की दिक्कत होने लगे तो वह फिर भी मैनेज कर लेते है लेकिन परिवार को इसका एहसास ही नहीं हो पाता है।  

2- Time Management  समय को मैनेज करना

लडकियां जहाँ घंटों अपने फेसल मे समय गवां देते है 2 मिनट बोलकर 20 मिनट में आती है। वही लडकों के पास समय ही कहाँ होता है अपने लिए उन्हें पता है कि कितने बजे उठना है,कितने मिनट में तैयार होकर नास्ता करना है और समय से ऑफिस भी जाना है। कुल मिलाकर कोलू की बैल की तरह दिनभर काम करता रहता है। लेकिन बेचारे के दर्द को फिर भी कोई समझ नहीं पाता है। इसीलिए पुरूष समय मैनेजमेंट करने में माहिर होते है।

3- Torture तकलीफें 

लडका समझकर सभी यही सोचते है की कर लेगा घर के सभी छोटे-बडे का लडके से ही कराते है। घर का दूध लाना,सब्जी लाना,आदी लेकिन हमने कभी यह नहीं सोचा की उसे भी तकलीफें होती है। काया लडकों के कोई अरमान नहीं होते है,क्या उनकी कोई इच्छाएं नहीं होती है। बात ये है कि हमने कभी लडकों की परेशानी को समझने का प्रयास ही नहीं किया। नहीं तो उसके सीने में भी दर्द होते है।

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