ब्राह्मण ही सृष्टि का आधार है?जानिए ब्राह्मण की 15 विशेताएं एवं महत्व
दोस्तों हम यह सोचते है कि इस सृष्टि का पालन पोषण करने में ईश्वर का अहम योगदान है, और यह सत्य भी है किन्तु हमने साक्षात कभी ईश्वर नहीं देखा, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि ईश्वर नही बल्कि ईश्वर तो अनंत है वह तो सभी जगह विराजमान है। इस धरती पर ईश्वर का रूप ब्राह्मण को माना गया है। ब्राह्मण में ही ईश्वर का साक्षात वास होता है। और पूरी सृष्टि केवल ब्राह्मणों के तप और ऋषि मुनियों के तल बल पर ही टिकी हुयी है। अन्यथा सृष्टि कब की नष्ट हो गयी होती। इसीलिए ब्राह्मण का ऊंचा स्थान है और जो इस संसार में ब्राह्मण और ऋषि मुनियों का अपमान करता है उसका कभी उद्धार नही हो पाता है। आईये आज के आर्टिकल मे हम ब्राह्मण ही सृष्टि का आधार है?जानिए ब्राह्मण की 15 विशेताएं एवं महत्व जानेंगे।
1- ब्राह्मण जप से पैदा हुई एक अनंत शक्ति का नाम है।
2- ब्राह्मण त्याग से जन्मी भक्ति का धाम है ।
3- ब्राह्मण ज्ञान के दीप जलाने का नाम है ।
4- ब्राह्मण विद्या का प्रकाश फैलाने का काम है ।
5- ब्राह्मण स्वाभिमान से जीने का ढंग है, अनुशासन है।
6- ब्राह्मण सृष्टि का अनुपम अमिट अंग है ।
7- ब्राह्मण विकराल हलाहल पीने की शक्ति है, कला है ।
8- ब्राह्मण कठिन संघर्षों को जीकर ही पला है,जीने की एक कला है।
9- ब्राह्मण ज्ञान , भक्ति , त्याग , परमार्थ का प्रकाश है ।
10- ब्राह्मण शक्ति , कौशल , पुरुषार्थ का आकाश है ।
11- ब्राह्मण न धर्म , न जाति में बंधा इंसान है बल्कि ब्राह्मण मनुष्य के रूप में साक्षात भगवान है ।
12- ब्राह्मण संस्कारों, आदर्शों, नियम, योग और सृष्टि निर्माण का आधार है।
13- ब्राह्मण अपने कंठ में शारदा लिए ज्ञान का संवाहक करता है।
14- ब्राह्मण हाथ में शस्त्र लिए आतंक का संहारक व आतंक का खात्मा करने वाला है।
15- न तो ब्राह्मण मंदिर में पूजा करता हुआ पुजारी है,न ब्राह्मण घर-घर भीख मांगता भिखारी है,बल्कि ब्राह्मण तो गरीबी में सुदामा - सा सरल है,सरस है।
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