Saturday 12 June 2021

सभी प्रमुख देवी-देवताओं के गायत्री मंत्र | पढें 23 विशेष संकट हरण मंत्र

सभी प्रमुख देवी-देवताओं के गायत्री मंत्र | पढें 23 विशेष संकट हरण मंत्र 

सभी भक्तों को प्रणाम राधे-राधे आज हम आपको गायत्री मंत्र के अलावा गायत्री के ये 23 अन्य मंत्र भी हैं जिनमें हैं 23 देवताओं का वास,आप इन मन्त्रो को ध्यान, जप,वन्दन करके सौभाग्य को प्राप्त कर सकते है। इन मंत्रों के जप से हो जाता हैं सभी कष्टों का नाश । दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है,घर में भूत प्रेत, चोर डाकू, राज कोप, आशंका, भय,पितृ दोष, अकाल मृत्यु, रोग,व्याधी और अनेक प्रकार की बाधाओं का निवारण करके मनुष्य को सदैव तेजश्वी बनाय रखता है ।ये मन्त्र सभी प्रमुख ईष्ट देवी-देवताओं के है, आप इन्हें अपने नित्यक्रम में अपना सकते है।

1- गणेश - एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती प्रचोदयात् । 

2- मातृका - देव्यै ब्राह्माण्य विद्महे कन्याकुमार्यै धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।

3- शंख - पाशजन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि । तन्नः शंखः प्रचोदयात् ।

4- हनुमान - आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि । तन्नो वीरः प्रचोदयात् ।

5- रुद्र - तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।

6- नर्मदा - नर्मदायै विद्महे मेकलकन्यायै धीमहि । तन्नो रेवा प्रचोदयात् ।

7- दत्त - दिगम्बराय विद्महे अवधूताय धीमहि । तन्नो दत्तः प्रचोदयात् ।

8- बिष्णु - नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ।

9- राम - दाशरथाय विद्महे सीतावराय धीमहि । तन्नो रामः प्रचोदयात् ।

10- सीता - जनकात्मजायै विद्महे रामप्रियायै धीमहि । तन्नः सीताः प्रचोदयात् ।

11- लक्ष्मण - दाशरथाय विद्महे उर्मिलेशाय धीमहि । तन्नो लक्ष्मणः प्रचोदयात् ।

12- सूर्य - भास्कराय विद्महे सहस्रकराय धीमहि । तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।

13- लक्ष्मी - महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।

14- राधा - नन्दात्मजाय विद्महे कृष्णवल्लभायै धीमहि । तन्नो राधा प्रचोदयात् ।

15- गरूड - वैनतेयाय विद्महे स्वर्णपक्षाय धीमहि । तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ।

16- कृष्ण - देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि । तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ।

17- नन्दी - तीक्ष्णशृङ्गाय विद्महे वेदपादाय धीमहि । तन्नो वृषः प्रचोदयात् ।

18- गुरू - परब्रह्मणे विद्महे गुरुदेवाय धीमहि । तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ।

19- कुबेर - वैश्रवणाय विद्महे धनाध्यक्षाय धीमहि । तन्नः कुबेरः प्रचोदयात् ।

20- सर्प - भुजङ्गेशाय विद्महे सर्पराजाय धीमहि । तन्नः सर्पः प्रचोदयात् ।

21- रंग अवदूत - पाण्डुरङ्गाय विद्महे अवधूताय धीमहि । तन्नो रणः प्रचोदयात् ।

22- ब्रह्मा  - वेदान्तनाथाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि । तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात् ।

23- नृसिंह - नृसिंहाय विद्महे वज्रदन्ताय धीमहि । तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात् ।

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