Monday 12 July 2021

Great Features of Ganga nadi in hindi गंगा नदी एवं गंगाजल की 5 महान विशेषताएं इसीलिए आते है पूरे विश्व के लोग भारत में?

Great Features of Ganga nadi in hindi गंगा नदी एवं गंगाजल की 5 महान विशेषताएं इसीलिए आते है पूरे विश्व के लोग भारत में?

नमस्कार दोस्तों गंगाजल व गंगा नदी के बारे मे पूरा विश्व जानता है। इसीलिए पूरे विश्व के लो भारत के तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए आते है। गंगा का उद्गम स्थल दक्षिणी हिमालय में भारतीय हिस्से से होता है। यह कयी धाराओं से एकत्रित हो करके पाँच आरम्भिक धाराओं भागीरथी, अलकनन्दा, मंदाकिनी, धौलीगंगा तथा पिंडर का उद्गम उत्तराखण्ड क्षेत्र, में समाहित होती है। दो प्रमुख धाराओं से मिलकर अलकनन्दा और भागीरथी के संगम से मां गंगा उत्पन्न होती है। गंगा का संगम स्थान है देवप्रयाग। यह हिमालय के नंदा देवी शिखर से 48 किलोमीटर दूर तथा दूसरी भागीरथी का उद्गम हिमालय की गंगोत्री नामक हिमनद के रूप में 3,050 मीटर की ऊँचाई पर बर्फ़ की गुफ़ा में होता है। गंगोत्री से 21 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व स्थित गोमुख को गंगा का वास्तविक उद्गम स्थल माना जाता है। यहीं से मां गंगा विचरण करती है। तो आइए आज हम इस पावन गंगा नदी एवं गंगाजल की 5 महान विशेषताएं इसीलिए आते है पूरे विश्व के लो भारत में? जानेंगे। अगर पोस्ट आपको पसंद आए तो कमेन्ट अवश्य करें। 

1- हिमालय से निकलती हुई जो बर्फ से कई धाराओं में निकलते हुए मां गंगा भूमि पर समान रूप से सभी का पापों का नाश करते हुए विचरण करती है, और फिर हमेशा के लिए वह इस संसार के सभी पापों का नाश करते हुए समुद्र में समर्पित हो जाती है। यह मां गंगे तुम्हारा जल जो है वह मन को पवित्र करने वाला तथा सुख देने वाला है न जाने आप के जल में क्या महत्व है छुपा है।

2- न जाने क्या पुण्य छिपा हुआ है आप के जल में जो हमेशा अच्छा ही फल प्रदान करते हो । इस भारत भूमि की बहुत मानता बताई गई है और खासकर यहां की जो गंगा नदी है उसका महत्व बताया गया है । इसीलिए तो अनेकों देशों से लोग यहां आकर के कलश में गंगाजल को एक एकत्रित करके अपने यहां ले जाते हैं। हमारे भारतवर्ष में हरिद्वार और कांशी तीर्थ स्थान का महत्व बताया गया है, और साथ में प्रयाग तीर्थ भी अतुलनीय बताया गया है। जिसका महत्व कोई बयां नहीं कर सकता ।

3- मनुष्य इस गंगाजल को अपने मन में धारण करके आंतरिक मन को पवित्र करते हैं। यह गंगाजल विशाल भारत भूमि को सींचता है। लोग यहां से नहरों के माध्यम से पूरी धरती को सींचित करते हैं।  हे मां गंगे तुम कितनी पावन हो जो तीनों लोकों में तुम विचरण करती हो इसीलिए आप शंकर के जटाओं में भी विराजमान हो बच्चे तुम्हारे जल में इस तरह के होते हैं मानो अपनी मां की गोद में खेलो हो सच में आप का महत्व बहुत महान है ।

4- हे गंगा माँ आप के जल को नहरों के माध्यम से बहुत दूर दूर तक ले जाया जाता है। और सूखी यानी बंजर धरती को फिर से हरितमय बना दिया जाता है। जहां अनेकों प्रकार के अन्न उत्पन्न होते हैं। जो लोग गंभीर प्यास के कारण आप के तट पर आते हैं उनकी प्यास बुझा करके आप उन्हें सुख शांति देते हैं। तथा जो इस भारत भूमि पर पापों का बोझ लिए फिरता है। वह अपने पापों की मुक्ति के लिए जल में स्नान करके उन पापों से मुक्त हो जाता है सच में आप धन्य  हो ।

5- हे मां गंगे आप कितनी पुण्य हो, आपके जल का महत्व समस्त संसार जो है, तथा उसको मानता है, आप जगत जननी है, पापों का नाश करने वाली मां तुम तो खेल का मैदान भी हो और पापों का नाश करने वाली भी हो, तथा हमेशा सुख प्रदान करने वाली हो, शांति प्रदान करने वाली हो, तथा सभी पापों को नष्ट करने वाली हो, तुम्हारे शुद्ध जल से अनेकों रोगों का नाश हो जाता है, सच में मां गंगे आप पवित्र हो, पावन हो, और पुण्य प्रदान करने वाली हो।

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