लड्डू गोपाल (श्रीकृष्ण) को प्रिय है ये पांच चीजें? जिसे चढाने से होती है हर मन्नतें पूरी? 

नमस्कार दोस्तों लड्डू गोपाल जी श्रीकृष्ण का बाल रूप को सभी पसंद करते है।श्रीकृष्ण भगवान विष्णु का पूर्णावतार है।और श्रीराम जी भी इनके ही अवतार है आप किसी भी रूप, किसी भी भाव में अगर इनकी भक्ति, पूजा-पाठ, आराधना करते है तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।श्रीकृष्ण अवतार से जुड़ी हर घटना और उनकी हर लीला निराली है,और इनको कुछ चीजें बेहद पसंद है,जो लोग इन पांच चीजों को श्रद्धा और विश्वास के साथ समर्पित करते है वे सुखी जीवन भोगते है। श्रीकृष्ण के मोहक रूप का वर्णक कई धार्मिेक ग्रंथों में किया गया है। खासकर भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण के अलौकिक दर्शन और ज्ञान को दर्शाया गया है।लड्डू गोपाल यानी श्रीकृष्ण को इन चीजों को चढाकर सिर पर मुकुट, मुकुट में मोर पंख, पीतांबर, बांसुरी और वैजयंती की माला अर्पित करने से मोक्ष तथा सुखी जीवन प्राप्त होता है।
1- बांसुरी
लड्डू गोपाल जी श्रीकृष्ण को बांसुरी अत्यधिक पसंद है? बिना बंशी के कृष्ण अधूरे माने जाते है। क्योंकि कृष्ण की बंशी की धुन तीनों लोको को मोहि कर देती है। कृष्ण की बंसी में तीन महत्वपूर्ण गुण विद्यमान है -- पहला - इस बंशी में गांठ नहीं है। जो संदेश है कि मन में किसी भी प्रकार का बंधन न रखो।दूसरा - बिना बजाये नही बजती । जो संदेश है कि हमें फालतू नहीं बोलना जब जरूरत हो तभी बोलना।तीसरी - बजने पर मधुर बजती है। यानी जब भी बोलो तो प्रिय बोलो अप्रिय हमेशा अपने को और दूसरे को कष्ट देता है। बांसुरी भेंट करने से हमारे कष्टकारी ग्रह भी शान्त हो जाते है।2- मोर
मोर समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इसे चिर ब्रम्हचर्य प्राणी समझा जाता है। अपने अन्दर उस परमात्मा का अखंड भाव रखके और ब्रह्मचर्य का भाव रखकर अपने ईष्ट की आराधना करना यह मोर पंख सीख देता है। मनुष्य चाहे तो अपनें ज्ञान, भक्ति, प्रेम, अनुराग को मोरपंख धारण करके अपने अन्दर स्थापित कर सकता है। यह संकेत हमारे पाप तथा कष्ट ग्रहों के प्रभाव से भी बचाता है।3- गाय
हमारे धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार गाय हिन्दुओं का एक पवित्र तथा पूजनीय पशु है। जो श्रीकृष्ण को अति प्रिय थी, गाए के अंदर सभी देवी-देवता निवास करते है, इसीलिए गाय से निर्मित हर वस्तु पदार्थ पवित्र व पूजनीय माना जाता है। गाय में समस्त सांसारिक गुणों का समावेश है जो हमें सिखाता है कि आप हमेशा दूसरों के अवगुणों को दूर करो और हमेशा सदगुणों का प्रसार करो। किसी भी पूजन कार्य से पहले गौ मूत्र, गाय गोबर, गाय दूध, गाय घी,सभी पवित्र और पावन मानी गयी है। इन सभी के उपयोग तथा फलों की कोई गणना नहीं कर सकता।4- वैजयंती माला
इस माला को कमल की माला भी कहा जाता है क्योंकि यह वैजयंती माला कमल के बीजों की बनी रहती है। भगवान श्रीकृष्ण को अत्यधिक पसंद है। कमल के बीजों की खाशियत यह है की यह बहुत कठोर होते है,कभी सडते नहीं है, टूटते नहीं है। और इन बीजों की चमक सबको मोहित करती है। जो यह सीख देती है कि तुम अपने गुणों से अपने आप को निखार सकते हो और अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकते हो।5- माखन-मिश्री
यह तो सभी को पता है कि श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री बहुत पसंद है और जो भी श्रद्धा भाव से भगवान को भोग लगाते है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। माखन से अभिप्राय है कि हमेशा कोमल मन से कार्य करो और मिश्री का भाव है कि सभी के साथ प्रेम का भाव रखो और समस्त संसार मे मिठास व प्रेम का प्रसार करो।
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