Wednesday 7 July 2021

national emblem of india in hindi भारत के 7 प्रभावशाली राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह जो देते है शान्ती,समृद्धि और पवित्रता का संदेश

national emblem of india in hindi भारत के 7 प्रभावशाली राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह जो देते है शान्ती, समृद्धि और पवित्रता का संदेश

नमस्कार दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं अपने भारत के राष्ट्रीय चिन्हों national emblem of india in hindi के बारे में दोस्तों हर राष्ट्र की अपनी एक निश्चित पहचान होती है उसके राष्ट्रीय प्रतीकों से।हर देश अपने राष्ट्रीय चिन्हों से ही पहचाना जाता है।इसीलिए पूरी दुनियाँ में national emblem of india भारत की अलग छवि है। यहां बहुत सारे राष्ट्रीय प्रतीक हैं जिनके अपने अलग अर्थ हैं, और हर प्रतीक चिन्ह अपना एक अलग महत्व रखता है। और यह हम सभी देशवासियों के सौभाग्य,एवं समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है हम सभी का परम कर्तव्य है की हम अपने देश के राष्ट्रीय चिन्हों का सम्मान करे।कहा भी गया है --

" अशोकमुद्रा कमलं च हिन्दी, 
   ध्वजस्त्रिवर्णो निजराष्ट्रगानम् ।
    व्याघ्रो मयूरश्च भवन्ति सप्त,
    राष्ट्रस्य चिन्हानि तु भारतस्य ।।

अर्थात -
हमारे देश के सप्त यानी 7 प्रतीक चिन्ह माने गये है जो इस प्रकार है -जैसे राष्ट्रीय चिन्ह् 1-अशोकस्तम्भ शक्ति, हिम्मत, गर्व और विश्वास आदि का प्रतीक है, राष्ट्रीय पशु 2-बाघ जो मजबूती को दिखाता है,3- राष्ट्रीय फूल (कमल) जो शुद्धता का प्रतीक है, 4- राष्ट्रीय पक्षी (मोर) जो सुन्दरता को दिखाता है, 5- राष्ट्रीय फल (आम) जो देश की उष्णकटिबंधीय जलवायु को बताता है। 6-राष्ट्रगान,7-राष्ट्र भाषा आदी गौरवान्वित प्रतीक चिन्ह है। राष्ट्रीय चिन्ह उस देश की विचार सैली तथा स्वरूप को प्रदर्शित करता है। हमारे भारतवर्ष में राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीयभाषा, राष्ट्रीयपक्षी, राष्ट्रीयपशु, राष्ट्रीय मुद्रा, राष्ट्रीय पुष्प और राष्ट्रीय  चिन्ह है।

हमारे देश के 7 गौरवशाली प्रतीक चिन्ह  --7 proud symbols of our country

1- राष्ट्रीय ध्वज -National flag in India 

हमारे राष्ट्र ध्वज में तीन रंग है इसीलिए इसे तिरंगा भी कहा जाता है इसके ऊपरी भाग यानी सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है। जो त्याग का प्रतीक है। और बीच भाग में सफेद रंग है, जो सत्य का प्रतीक है। और सबसे नीचे हरा रंग होता है जो समृद्धि का प्रतीक माना गया है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज के सबसे बीच में विराजमान नीले रंग का अशोक चक्र होता है। जो धर्म, सत्य तथा अहिंसा का प्रतीक माना जाता है। इसके बीच में 24 तीलियां होती है जो हमारे देश को हर समय चौबीसों घंटे निरंतरता देता है ।

2- राष्ट्रगान  national anthem of India

भारत देश का राष्ट्रगान है (जन गण मन) आदी है इस गान के रचयिता कवि श्री रविंद्र ठाकुर जी है। प्रत्येक राष्ट्र का अपना राष्ट्रगान होता है जिसका सभी लोग सम्मान करते है। सभा के समापन में इस राष्ट्रगान को गाया जाता है और विद्यालय में प्रार्थना के बाद भी इस राष्ट्रगान को सम्मान के साथ गायन करना अनिवार्य है।

3- राष्ट्रभाषा  national language of India

हमारे राष्ट्र की संपर्क भाषा यानी बातचीत करने की भाषा हिंदी है। जो पूरे भारतवर्ष में समान रूप से बोली व लिखी जाती है। हिंदी भाषा संस्कृत भाषा का अनुरूप है इसकी लिपि देवनागरी लिपि है। और यह लिपि हमें निरंतरता वैज्ञानिक तथा सर्व दोस्तों को समाप्त करने वाला माना गया है। और हमें ज्ञान प्रदान कराने वाली है।

4- राष्ट्रीय पक्षी  national bird of India 

मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है,  इसके सिर पर चोटी होती है और यहां बहुत सुंदर नृत्य करता है। यह सुन्दरता तथा कला को प्रतीक माना गया है। मोर बादल को देखकर नाचने लगता है और यह सर्प का भक्षण भी करता है। यह मानव को संदेश देता हैशकि हमे निरन्तरता से आगे बढना चाहिए और अपने ज्ञान से सबको प्रेरित करना चाहिए। 

5- राष्ट्रीय पशु National Animal of India 

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। यहः पशु बहुत सूरवीर होता है। जो भारत वर्ष को शक्ति सम्पन्न बनाने में प्रेरित करता है।

6- राष्ट्रीय मुद्रा National currency of India 

भारत की राष्ट्रीय मुद्रा में सारनाथ स्थित प्रख्यात विश्वविख्यात अशोक स्तम्भ को दिखाया गया है। राष्ट्रीय मुद्रा में शेर को दिखाया गया है तथा भारत सरकार के सभी राजकीय पत्रों में तथा धातु में और राष्ट्रीय मुद्रा में इन सभी चिन्नों को अंकित किया गया है।

7- राष्ट्रीय पुष्प national flower of India 

कमल हमारे देश का राष्ट्रीय फूल है यहा कीचड़ में उत्पन्न होते हुए भी स्वच्छ एवं सुंदर होता है।यह सौंदर्य तथा समृद्धि को देता है।यह शांति, कोमल,और निर्मलता का प्रतीक माना गया है जो भारत वश को यह संदेश देता है।
इसीलिए हम सभी को इन सभी राष्ट्रीय चिन्हों का सम्मान करना चाहिए किसी को भी इन चिन्हों का अपमान करने का अधिकार नही है। इससे हम अपने धर्म, तथा माता के अपमान का भागी बनते है।

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