Sunday 1 August 2021

sad poem on parents in hindi माता-पिता के त्याग व बलिदान पर अब तक की सबसे दर्र भरी प्रेरणादायक कविता/कहानी जो आपका जीवन सुधार देगी | sad poem on parents in hindi The most painful inspirational poem / story ever on the sacrifice and sacrifice of parents that will improve your life

sad poem on parents in hindi माता-पिता के त्याग व बलिदान पर अब तक की सबसे दर्र भरी प्रेरणादायक कविता/कहानी जो आपका जीवन सुधार देगी 
sad poem on parents in hindi

नमस्कार दोस्तों आज हम लेकर आए हैं एक ऐसी कविता जो पत्थर दिल को भी पिघला दें ,बिगडते बच्चों के पिता का दर्द आज यह स्थिति हर किसी की बन गयी है। हम अपने मां बाप के दर्द और त्याग को महसूस ही नहीं कर पाते। हमें जन्म देने वाले माता-पिता अपना सारा जीवन हमारी खुशियों के लिए न्यौछावर कर देते है। आज हम पिता पर एक ऐसी कविता लेकर आए है जो वर्तमान समय की सबसे दुखद घटना बन चुकी है। इस कविता में एक मजबूर माता-पिता की कहानी बताई गयी है,जो उसके बेटे को बाद में एहसास होता है,लेकिन जब अपने माता पिता के त्याग और बलिदान का पता चलता है तो पैरों तले जमीन खिसक जाती है। मां बाप धरती के भगवान होते है जो अपनी खुशी क्या है वह सब भूल जाते है। लेकिन इसका अंजाम बाद में यह होता है कि वही बेटे मात पिता के त्याग और बलिदान को तुछ बेकार मान लेते है और जब उन्हें सहारे की जरूरत होती है तब हम उन्हें बे सहारा छोड देते है। 

क्या यही हमारे संस्कार है? क्या हमारे माता-पिता ही कर्तव्य से बंधे हुए है? क्या हमारी अपने माता-पिता के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।क्या इसीलिए माता-पिता बच्चों को पालते है कि आखिरी समय में वह उन्हें बेसहारा छोड देगा। क्यों आज हर माता-पिता का बुढापा तनहाईयों मे और दुखों मे कट रहा है? क्यों आज हर माता-पिता अपने बच्चों की जिद पर मजबूर है?क्यों आज हर माता-पिता पल-पल मर रहे हैं? क्यों आज हर माता-पिता अपने बच्चों के प्यार के लिए तरस रहे है? क्यों आज हर माता-पिता वृद्धाश्रम जानें को मजबूर है? क्या इसी दिन के लिए माता-पिता ने अपने सुखों और अपनी इच्छाओं की बली दी थी? तो आइए इन सभी सवालों के जवाब हम इस कविता के माध्यम से दे रहे हैं। आपको हर सवाल का जवाब इस कविता में मिलेगा ध्यान से सुनें  अगर आपको यह कविता अच्छी लगे तो कमेन्ट अवश्य करें धन्यवाद।

हाँ मैं पिता हूँ मुझे सब सहना है

बीते वक्त का कारवां जब साथ चला ।
दिल में एक छोटा सा दर्द हर दम पला ।

जिनकी खुशियों के लिए थामा था दामन दुखों का ।
आज हम खुद की बेडियों में है जकडे हुए ।
बचपन बीता तन्हाईयों व गरीबी तपिस सहते हुए।
जवानी परिवार को निवाला खिलाने में ही गुजर गया।
जीवन में सिर्फ एक आशा बेटे के रूप में जागी 
उस बेटे ने भी रूख हालातों का मोडकर ।
नमक कुरेदा घावों पर जब सहने का हाॅसला न रहा ।
बोला बेटा एक दिन मुझे बडा मोबाइल चाहिए। 
लोगों के पिता कितना कुछ करतें है अपने बच्चों के लिए।
पैदा करना आसान है,मुश्किल तो जरूरतें पूरा करना है।
कुछ नहीं है मेरे पास सिर्फ आपकी गरीबी के पापा।
सुनकर बेटे के वचन पिता तब कितना तडपा होगा।
अरे उस पिता की आत्मा तो मानो मर सी गयी होगी ।
पर बेटे के खातिर आखिर सब सहना ही तो होगा ।
तुम पिता हो तुम्हें आखिर ये जहर पीना ही होगा ।
तोड बन्धनों को चला बेटा अब घर छोड कर ।
लाख कोशिशें भी माता-पिता की काम न आयी।
ले गया साथ डायरी पिता की भूल से ।
ना थी इजाजत जिसे किसी दूसरे को छूने की।
अक्सर पिता हर दुख दर्द उकेरा करता पन्नों पर ।
थका हारा बैठा जब बेटा दूर कहीं। 
खोल डायरी को आखिर मिल गया खजाना ।
न जाने पिता ने कितना धन कहाँ जमा किया होगा।
जो छुपाते थे मुझसे आज वो खजाना मिल गया ।
अरे डायरी के पहले पन्ने ने ही  बेटे का दम तोड दिया।
ऐसा क्या लिखा था पिता ने जो बेटा सो न सका ।
पहले पन्ने से यारों कर्जे की भरमार चडी थी।
वो पिता पहली बाइक की EMI जो भर रहा था।
दूसरे पनों पर काॅलेज उधारी फीस लिखी हुयी थी ।
किसको कितना देना है यह सब जो लिखा था ।
पैंसे लेना का तो कहीं जिक्र ही नहीं किया था ।
कौन देगा कर्जा आगे आखिरी पन्ने में लिखा था।
पढकर दर्द पिता का तब बेटे की रूह काॅपने लगी।
दौड आया घर तो देखा मां पिता कोने में दुबके बैठे हैं ।
गिरकर कदमों में बेटा आज पश्चाताप कर रहा।
सूखे हुए लफ्जों को अपने आंसुओ से सींच रहा है।
लरजते ओंठ से कहा बेटे को तुझे हर खुशी मैं दूंगा।
न जाना कभी तुम हमारे अरमानों को रौंद कर ।
जान बाकी है जिस्म में जितनी सब जुवे में लगा दूंगा।
सिर्फ हाॅसला नहीं है मुझमें तुझसे जुदा होने का ।
सुनकर दर्द पिता का जब बेटे का जी भर आया ।
कर दूंगा सबकुछ ठीक मैं तुम्हारा बेटा जो आया ।
बीते वक्त का कारवां जब साथ चला ।
दिल में एक छोटा सा दर्द हर दम पला ।

👉 हर बेटों के लिए विशेष संदेश 
Special message for every sons

दोस्तों मां-बाप हमारे जीवन के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर देते है,लेकिन हम सोचते है कि उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया। ऐसा हर कोई सोचता है लेकि अगर उसी पल हर व्यक्ति यह सोचे कि जो मैं सोच रहा हूं अगर समय आने पर मेरे साथ भी वही घटना हो तो मै समझता हूं दुनियाँ में कोई भी मां बाप दुखी नहीं होगा। और एक बात अगर आप वास्तव में मानव है तो अपनी मानवता जगाइए और अपने माता-पिता को पूजिए उन्हीं के चरणों में संसार का सुख छिपा।
अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो एक प्यारा सा कमेन्ट अवश्य करें ।

👉 क्या आप तैयार है अपने माता-पिता को खुशियाँऔर प्यार देने के लिए? क्या आपके मन में भी यह सवाल उठते है।
👉 Why today every parent's old age is being spent in loneliness and sorrow?
👉 Why today every parent is compelled on the insistence of their children? 
👉 Why today every parent is dying moment by moment?  
👉 Why is every parent today yearning for the love of their children?
👉 Why today every parent is compelled to go to old age home?  
👉 Did the parents sacrifice their happiness and their desires for this day?

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