Ghar Wastushastr in hindi घर के मुख्य द्वार पर जरूर लगाएं इन शुभ चिन्हों को दस्तक देगी खुशियाँ घर में होगी पैसों की वर्षा
नमस्कार दोस्तों हमारे शास्त्रों और भारतीय संस्कृति के अनुसार घर को मंदिर माना जाता है। और घर का वास्तुशास्त्र ही हमारे भाग्य और दुर्भाग्य का कारण बनता है।अगर आपके जीवन में आर्थिक समस्याएं हैं,घर में क्लेश होता है,पारिवारिक जीवन दुखी है,घर रोगों से घिर जाता है,जीवन में अनेकों समस्याएं हैं, जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। या फिर अधिक प्रयास करने के बाद भी आय के साधनों में किसी तरह की वृद्धि नहीं हो रही है। तो समझ जाइए कि आपके घर का वास्तुशास्त्र सही नहीं हैं। नकारात्मक ऊर्जा घर को घेरे रहती है। और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश मुख्य द्वार ही माना जाता है। अगर आप वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के मुख्य इन प्रमुख चिन्हों को लगाते हैं तो आपके घर की तमाम नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा। साथ ही घर की तमाम समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। घर खुशियों से महकने लगेगा। आर्थिक संकटों से छुटकारा मिल जाएगा साथ ही घर में धन-धान्य के भंडार लग जाते हैं। तो आइए इन प्रमुख चिन्हों के बारे में विस्तार से जानते है अगर पोस्ट आपको अच्छी लगे तो कमेन्ट अवश्य करें।
1- ॐ का चिन्ह
दोस्तों ॐ नाम ईश्वर का है,और हिन्दू धर्म में इसका उच्चारण अत्यंत पवित्र और पावन माना जाता है। ॐ तीन अक्षरों से मिलकर बना है - अ+उ+म् जो कि ब्रह्मा, बिष्णु और शिव का प्रतीक है। और इसके साथ-साथ इस ॐ मंत्र ध्वनि में ती वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) समाए हुए है। ॐ मंत्र ध्वनि का प्रयोग प्रत्येक शुभ और मांगलिक कार्यों में किया जाता है। लगभग सभी मंत्रों से पहले ॐ मंत्र ध्वनि का उच्चारण होता है। इसीलिए ॐ को सर्वश्रेष्ठ सर्व शक्तिशाली माना जाता है। इसमें तीनों श्रेष्ठ देवताओं का वास होने के कारण इस ॐ चिन्ह को पवित्र व शक्तिशाली माना जाता है। इस ॐ चिन्ह का प्रयोग देवताओं ने भी अपने अनुष्ठानों में चिन्ह तथा उच्चारण के रूप में प्रयोग किया है। इसे मुख्य द्वार पर स्थापित करने से घर की रक्षा करता है और अशुभ शक्तियों से बचाता है।
2- नारियल और कलश चिन्ह
हिन्दू धर्म में नारियल और कलश को पवित्र माना जाता है। नारियल देवताओं का प्रिय भोग भी माना जाता है। लगभग सभी पूजा-अनुष्ठानों में बिना कलश नारियल के पूजा सम्पन्न नहीं मानी जाती है। खासकर गृह प्रवेश के समय स्त्रियाँ पानी से भरे कलश और नारियल रखकर सर्वप्रथम घर में ले जाती है। जिसे लक्ष्मी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। घर के मुख्य द्वार पर कलश का प्रतीक चिन्ह शुभ और शान्ति का घोतक माना जाता है। विशेष मान्यता यह है कि नारियल सुख सौभाग्य का तथा पानी से भरा कलश धन धान्य का प्रतीक है।
3- स्वास्तिक चिन्ह
स्वास्तिक चिन्ह बहुत ही प्राचीन माना जाता है। लोग प्राचीन काल में भी धन-धान्य वृद्धि व समृद्धि के लिए घरों के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग करते थे। इस शुभ चिन्ह का प्रयोग देवताओं ने भी अपने धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। इस स्वास्तिक चिन्ह को हिन्दुओं के प्रत्येक शुभ, मांगलिक और धार्मिक अनुष्ठानों के अवसर पर यथा स्थान अंकित किया जाता है। इस स्वास्तिक चिन्ह से सभी अमंगल और विघ्न बाधाएं दूर होती है। बहुत सी हिन्दु स्त्रियाँ इस शुभ चिन्ह को ताम्र चांदी या सोने पर अंकित कराकर अपने बच्चों के गले में पहना देते है, और घर के मुख्य द्वार पर भी टांग देते है। ताकि ऊपरी बाधाओं और कष्टों से सुरक्षित रह सके।
4- ॐ श्री गणेशाय नमः
हिन्दु धर्म में प्रत्येक मांगलिक व शुभ कार्य को करते समय, सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। वहीं इन्हें अति शुभकारी व मंगलकारी कहा जाता है। यही कारण है कि हर शुभ कार्य से पहले इनका स्मरण ज़रुरी है। गणेशजी को आठों सिद्धियों और नौ निधियों का दाता माना जाता है। इसी तरह घर के मुख्य द्वार पर भी गणेश जी की प्रतिमा ज़रुर रखें या बनवाएं। इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है। गणेशजी को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है,इसीलिए लोग भवन निर्माण कराते समय उसके मुख्य द्वार पर गणेश जी की मूर्ति लगवाते है।
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