Friday 27 August 2021

Wumen sad poem in hindi नारी के दर्द पर कविता/शायरी !! तुम नारी हो आखिर तुम्हें यहाँ सबकुछ जो सहना हैl

नमस्कार दोस्तों नारी को समाज का एक अभिन्न अंग माना जाता है जिसके बिना सृष्टि का सृजन हो पाना असम्भव है।नारी के अंदर अथाह प्रेम व त्याग छुपा हुआ है, जिसे अधिकतर लोग समझ नहीं पाते है। wumen sad poem in hindi उनके रिश्ते में दरार आ जाती है। Pati Patni Ke Jhagde Ki Shayari आज हम आपको एक ऐसी कविता बताएंगे जो आपके अंदर नारी के प्रेम को बाहर निकाल देगा। ( नारी पर दर्द भरी कविता, विचार,शायरी ) अगर आपके रिश्ते में एक दूसरे से नाराज़ हो गये है तो आप इस पोस्ट को अवश पढें। ( Pati Patni Shayari ), पति पत्नी इमोशनल कविता, सुविचार,शायरी ( wumen sad poem and Emotional Shayari ),नारी के लिए शायरी ( nari Ke Liye Shayari ),इस पोस्ट में हमने हर उस महिला की व्यथा ,दुख,दर्द को कविता के रूप में उकेर रखा है।

Women sad poem

Wumen sad poem in hindi नारी के दर्द पर कविता/शायरी !! तुम नारी हो आखिर तुम्हें यहाँ सबकुछ जो सहना हैl

जिंदगी में अहमियत हम आपकी बयां नहीं कर सकते !!
जगह इतनी है दिल में कि हम आपको दिखा नहीं सकते !!
तुम खिलना तो चाहती हो दरख्तों की ऊंची शाखाओं पर !!
लेकिन जिम्मेदारियों की बेडी ने जकडा है पांवों को !!
रूप अनेकों है तुम्हारे, तुम कब किरदार बदल लेती हो !!
भर के सिंदूर से मांग जब तुम औरत बन जाती हो !!
सच कहें तो शादी के बाद कब दीदी से आंटी बन जाती हो !!
कब शादी के बाद तुम रसोई की मालकिन बन जाती हो !!
लाख गलती हो पती की फिर भी अपनी ही गलती बताती हो !!
नजरें उठी समाज में तो तुम्ह तिर्यचरित्र कहलाती हो !!
मां भी हर पल तुम्हें समझौता करने को कहती है !!
जब मायके के लिए किसी की इजाजत जरूरी हो जाती है !!
तुम्हारी इच्छा के विरुद्ध तुम से हर काम लिया जाता है !!
जब हर रात को तुम्हारे हसीन सपनों से खेला जाता है !!
दर्र होता होगा तुम्हें जब तुम्ह खुद से ही नजरें मिलाती हो !!
कसूर इतना है कि तुम इस दुनियां अबला दुखयारी हो !!
सबको सुलाकर सोना सुबह सबसे पहले उठ जाती हो !!
तुम नारी हो इसलिए धर्म नियम सिर्फ तुम पर भारी है !!
क्यों रोती हो इस शमशान में जहाँ कद्र न तुम्हारी हो !!
जलाके अपने सपनों को जब सहेली याद दिलाती है !!
शादी उतनी सरल नहीं होती जितनी नजर आती है !!
उसकी आँखों के काले घेरे उसका हर दर्द बयां करता है !!
बताकर वह अपना दुख कोई उसका भाव समझ ना पयेगा !!
वो नारी है आखिर उसको कोई समझ ना पायेगा !!
जिसे न समझा मां ने उसकी तुम क्या खाक समझ पाओगे !!
नजर अंदार करो हर दुख को आखिर हमने भी तो सहा है !!
नारी की मुस्कान के पीछे जाने कौन सा तूफान गुजरा होगा !!
कौन समझेगा दर्द तेरा यहाँ हर मर्द की आंखें कातिल है !!
तुम नारी हो आखिर यहाँ तुम्हें सबकुछ जो सहना है !!

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