Monday 6 September 2021

Lahsuniya Ratn in hindi केतु रत्न लहसुनिया किसे पहनना चाहिए किसे नहीं और किसे मिलेगा लाभ-हानि, धारण करनें की विधि व समय

केतु ग्रह का रत्न लहसुनिया प्रभावशाली होता है लेकिन अगर कुण्डली में केतु अनुकूल स्थिति में  हो तभी इसको धारण करें अन्यथा चर्म रोग या स्नायु तंत्र की समस्या हो सकती है। वैसे तो हमें कोई भी रत्न बिना ज्योतिष परामर्श के नहीं पहनना चाहिए क्योंकि हर रत्न हर किसी पर सूट नहीं करता। केतु रत्न लहसुनिया को संस्कृत में वैदुर्य कहते है जो विशेष कर व्यापार और कार्यक्षेत्र मे वृद्धि करता है। यह रत्न सफलताओं को दिलाता है तथा यह रत्न ऊपरी बाधाओं जैसे जादु, टोना, खिलाना, मंत्र,  तंत्र से भी रक्षा कवच का काम करता है। हमें वैदिक ज्योतिष के अनुसार ही नवग्रहों के रत्न धारण करना चाहिए हर रत्न अपना अलग प्रभाव डालता है।जो किसी न किसी प्रकार से हमें ग्रहो से जोडे रखता है। ये 9 रत्न माणिक्य रत्न,  मोती रत्नपुखराज रत्नहीरा रत्न, मूंगा रत्नपन्ना रत्ननीला पुखराज या नीलम रत्न, गोमेद रत्न या लहसुनिया रत्न इन रत्न को धारण करके हम ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच सकते है। 👉👉 केतु रत्न लहसुनिया यहाँ से खरीदें 

Lahsuniya Ratn

Lahsuniya Ratn in hindi केतु रत्न लहसुनिया किसे पहनना चाहिए किसे नहीं और किसे मिलेगा लाभ-हानि, धारण करनें की विधि व समय

लहसुनिया रत्न से निकलने वाली दूधिया सफेद, नीली, हरी या सोने जैसी किरणें इसकी विशेषताओं का उल्लेख करती है।इससे निकलने वाली किरणें पेग्मेटाइट, नाइट तथा अभ्रकमय परतदार पत्थरों में देखने को मिलता है। लहसुनिया के अनेकों विलक्षण गुण है, जब भी आपके बने बनाए काम में अड़चन पड़ जाए? आपको चोट लग जाए? मानसिक पीढाओं से छूझना पढे? मन में दुर्घटना का भय बना रहे? और जीवन में उन्नति के सभी मार्ग बंद हो जाए? तो समझ लीजिये कि केतु आपकी कुण्डली में भारी है।आपको तुरन्त ज्योतिष परामर्श के अनुसार लहसुनिया रत्न धारण करना लाभप्रद होगा। केतु का रत्न लहसुनिया अचानक  आने वाली समस्याओं से निजात दिलाता है,आप पर रक्षा कवच बनाए रखता है तथा फायदा भी कराता है। इस रत्न की वजह से व्यक्ति के जीवन को परेशाानियों से मुक्ति मिल जाती है। और कुण्डली में शुभ ही शुभ योग बनते है। 👉👉 केतु रत्न लहसुनिया यहाँ से खरीदें 

लहसुनिया पहनने के फायदे

● जिन लोगों को भय सताता है भूत प्रेत से डरता है या अंधेरे में डरता है,उन्हें लहसुनिया आंतरिक शक्ति देगा।

● बच्चों पर जादू टोना करना या बच्चों को नजर लग जाना आदि समस्याओं के लिए बच्चे के गले में चांदी के लाॅकेट में लहसुनिया धारण करना चाहिए। 

● भक्ति भाव के लिए और आध्यात्म भाव जागृत करने के लिए लहसुनिया अवश्य पहनना चाहिए। 

● जन्म देने वाली माताओं केशलिए यह लहसुनिया बहुत ही लाभदायक होता है क्योंकि यह प्रसव पीडा को कम करने में मदद करता है।

● लहसुनिया के प्रभाव से शारीरिक रोग दूर होते है और मिर्गी,कैंसर और लकवा जैसे बीमारियों से लाभ मिलता है।

● लहसुनिया उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक होता है जो भाग्य भरोसे शेयर बाजार में पैसा लगाते है। 👉👉 केतु रत्न लहसुनिया यहाँ से खरीदें 

लहसुनिया में क्या वर्जित है और किसके लाए होगा हानिकारक

* जिस लहसुनिया पर जाल दिखायी दे तो वह पत्नी कष्ट देता है।

* बिना चमक वाले लहसुनिया धारण करने से धन की हानि होती है। 

* दाग धब्बा वाला लहसुनिया धारण करने से शारीरिक रोगों में वृद्धि होती है। 

* लहसुनिया के साथ कभी मोती, माणिक्य,मूंगा, और पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए। 

* लहसुनिया को हीरे के साथ पहनने से दुर्घटना के योग बनते हैं। 

* अगर ज्तक की कुण्डली में छटे भाव में केतु हो तो लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए।  👉👉 केतु रत्न लहसुनिया यहाँ से खरीदें 

लहसुनिया धारण करने की विधि 

लहसुनिया को हमेशा अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र में ही पहनना चाहिए।  इस रत्न को पारातः सूर्योदय काल ही शुभ माना जाता है। लहसुनिया को अष्टधातु या सोने की अंगूठी में गुरूवार या शनिवार को पहनना चाहिए ।इससे पूर्व विधि विधान से षोडषोपचार पूजा करके ॐ कें केतवे नमः मंत्र का का यथा शक्ति जाप करना चाहिए। 👉👉 केतु रत्न लहसुनिया यहाँ से खरीदें 

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