Tuesday 21 September 2021

कुण्डली में सूर्य ग्रह का सम्पूर्ण अध्ययन सूर्य के गुण, दोष, प्रभाव, स्वभाव, दान, विशेषताएं तथा मजबूत करने के आसान उपाय importance of sun in Astrology

नमस्कार दोस्तों आज हम सूर्य ग्रह के सम्पूर्ण अध्ययन के बारे में बात कर रहे है। जैसा कि सूर्य ग्रह के गुण और स्वभाव क्या है? सूर्य ग्रह के दोष क्या है? सूर्य ग्रह को मजबूत कैसे किया जाए? सूर्य ग्रह को शक्ति देने प्रभावशाली बनाने के उपाय? आदि विषय पर बात करने वाले है। हमारे ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रह का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। इसके पीछे कयी सारी वजह है। सूर्य ऊर्जा का स्रोत,शक्ति तथा प्रभावशाली का स्त्रोत माना जाता है और इन्हीं गुणों के कारण सूर्य ग्रह तीनों लोकों में संचालित भी होते हैं। इसीलिए सूर्य को मुखिया यानी राजा भी माना गया है। सूर्य का रथ सात घोड़े खींचते हैं, जो सात चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यानी सूर्य में जितना तेज होता है उसी के अनुसार यह व्यक्ति पर भी प्रभाव डालता है।

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सूर्य देव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। सूर्य को जगत पिता कहा गया है,और यह ग्रह पिता की तरह ही गुणों को समेटे हुआ है।  सूर्य को जिसने प्रसन्न या खुश कर दिया तो समझ लीजिये कि आपको सांसारिक किसी भी प्रकार की कमीं नहीं होगी आपका नाम दशों दिशाओं में गूंजेगा और धन-सम्पदा व मान सम्मान में वृद्धि होगी। तो आइए आज आपको सूर्य ग्रह का सम्पूर्ण अध्ययन के साथ सूर्य ग्रह की शक्ति का वर्णन करते है,सूर्य ग्रह का महत्व और उससे जुड़ी हर बात बताएं।और आपको बताएंगे कि सूर्य के दुष्प्रभाव या अवगुणों  कैसा बचा जाए। साथ ही यह भी जानें कि सूर्य को कैसे मजबूत किया जा सकता है।सूर्य को मजबूत करने के आसान व सरल उपाय --

कुण्डली में सूर्य ग्रह का सम्पूर्ण अध्ययन सूर्य के गुण, दोष, प्रभाव, स्वभाव, दान, विशेषताएं तथा मजबूत करने के आसान उपाय importance of sun in Astrology

दोस्तों जोतिष शास्त्र  में हर ग्रह का अपने-अपने गुण, धर्म व विशेषताएं होती है। उसी प्रकार सूर्य को विशाल हृदय वाला भी कहा जाता है। क्योंकि सूर्य पिता होने के कारण जिम्मेदार ग्रह भी माना जाता है जो पिता की तरह वक्ति का भला ही करता है। तो आइए आज हम आपको कुण्डली में सूर्य ग्रह का सम्पूर्ण अध्ययन सूर्य के गुण, दोष, प्रभाव, स्वभाव, दान, विशेषताएं तथा मजबूत करने के उपाय तथा कयी सारे विषयों पर बात करने वाले है --

1- प्रथम भाव कारक सूर्य  के गुण-दोष एवं स्वभाव --

अगर कुण्डली में सूर्य ग्रह शुभ स्थान पर हो तो जातक राजशाही ठाट-बाट व सानो सौकत से जीवन व्यतीत करते है। इस ग्रह के अन्य गुण है - सम्पूर्ण शरीर, काम धन्धा, सुख, दुख, अभिमान, जरावस्थाज्ञान,यश,बल, जन्मस्थान, गौरव, आरोग्यता, राज्य, नम्रता, स्वभाव, आकृति, आयु, मस्तिष्क, प्रतिष्ठा, शक्ति, तेज, जिज्ञासा,विवेक, दादि, पति, जपमान, पत्नी का दादा, प्रारब्ध, दूसरों का धन हरना, नींद, निशान, बुद्धि,  शरीर, में चिन्ह आदी सूर्य के गुण है।

कुण्डली में सूर्य के मजबूत होने पर प्रभाव -

कुण्डली के अनुसार बली यानी बलवान सूर्य तथा सूर्य की शुभ स्तिथी जातक को लक्ष्मी प्राप्ति,  आनंद,दयालुता, साहस,प्रतिष्ठा,  प्रतिभा, आत्मविश्वास वृद्धि, सांसारिक मामलों में हर प्रकार की सफलता, वफादारी, कुलीन, यश, आदि प्रदान करता है। सूर्य  सरकारी नौकरी व प्रमोशन के बारे में विचार किया जाता है। 

कुण्डली में सूर्य खराब होने के लक्षण -- 

● घर में गाय की मृत्यु हो जाना ।

● गुरू पिता और देवता का साथ छोड देना ।

● पिता का सम्मान न करना,या झगडा करना ।

● राजा की आज्ञा का उल्लंघन करना ।

● बार-बार बिना गलती के भी सजा या अपमान होना ।

● सूर्य और शनि का एक ही भाव में होने से सत्री या पत्नी को कष्ट होना ।

● मानसिक तनाव तथा वेवजह परेशानियों से घिर जाना ।

सूर्य ग्रह को मजबूत व बलवान बनाने के जबरदस्त उपाय --

● भोलेनाथ की विधि विधान से पूजार्चना करना क्योंकि सूर्य शिव के साथ विचरण करते है।

● बिष्णु भगवान् की पूजा-अर्चना करना क्योंकि बिष्णु सूर्य के आराध्य देव है ।

● गुरू और सूर्य परम मित्र माने जाते है। इसीलिए गुरु की शान्ति व पूजार्चना करना ।

● सूर्य को रोज अर्घ्य देना।

● पिता का सम्मान करके रोज उनके पैर छूना ।

● सूर्य के वैदिक मंत्र का विधिवत जाप करना । मंत्र  -- ( ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवशयन्न मृतं मर्त्त्यञ्च हिरण्येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन) 

● सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करना ( आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि तन्नों सूर्य प्रचोदयात ) ।

● सूर्य ग्रह का व्रत करना ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष से आरम्भ करना। 

●11 या 21 दिनों तक रविवार को गणेश जी को लाल फूल अर्पण करना।

● सूर्य के मंत्र (ॐ घृणिः सूर्याय नमः) एक माला रूद्राक्ष या चंदन की माला पर जाप करने से धनागमन होता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है। 

● सूर्य देव को खुशकरने के लिए रविवार का व्रत रखें। 

लाल किताब के अनुसार सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय -

● सूर्य के इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

● बेल मूल की जड धारण करें। 

● लाल मिर्च के कुछ बीज जल में डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।

● सूर्य को मजबूत करने के लिए लाल वस्त्र, लाल धातु, लाल फल का दान करें। 

● मुंह में मीठा और पानी डालकर ही घर से चलें। 

● घर की पूर्व दिशा का वास्तु ठीक करवाएं।

● माणिक्य रत्न को धारण कीजिए।

● रविवार को केसरिया रंग धारण करें। 

● गायत्री मंत्र का जाप रोज जाप करें। 

● हमेशा गुरू तथा बडों का सम्मान करें।

● बहती नदीं में तांबे के सिक्के प्रवाहित करें। 

● तांबे को शरीर पर धारण करने से भी लाभ होता है।

खराब सूर्य से उत्पन्न होने वाली बीमारियां -

● मानसिक तनाव से घिर जाना ।

● आंखों सम्बन्धित विकार उत्पन्न होना।

● शरीर में अकड़न आना,और कष्टों से जूझना।

● व्यक्ति का विवेक, विचार, और भावनाएं लुप्त हो जाना।

● दांतों सम्बन्धित विकार उत्पन्न होना। 

● हृदय सम्बन्धित विकार उत्पन्न होना या गहन चोट से पीड़ित रहना।

● सूर्य के प्रभाव से दिमाग सहित दाहिना भाग पूरा प्रभावित हो जाता है।

● याददाश्त कमजोर हो जाना।

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