Thursday 16 September 2021

Vastu tips: वास्तुशास्त्र के अनुसार करें घर में मंदिर की स्थापना बरसेगी खुशियाँ बनोगे मालामाल 10 महत्वपूर्ण नियम व उपाय

 दोस्तों Vastu Shastra के अनुसार घर में पूजा-घर यानी  मंदिर स्थापित करने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा को ही चुनना चाहिए,क्योंकि यह दिशा देवताओं के लिए शुभ मानी जाती है। ईशान कोण का स्वामी ईश्वर ही माने जाते है। लेकिन वास्तु की मानें तो कुछ ऐसी भी चीजें हैं, जिन्हें पूजा घर में रखना शुभ नहीं माना जाता। क्योंकि शास्त्रों में के अनुसार इस स्थान पर व्यक्ति आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है,व्यक्ति को सुख शान्ति मिलती है। इसलिए इस स्थान के निर्माण के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और विशेष ध्यान भी रखना चाहिए।यदि आप घर में मंदिर का निर्माण  तो इन नियमों का पालन अवश्य करें ।

Vastu tips: वास्तुशास्त्र के अनुसार करें घर में मंदिर की स्थापना बरसेगी खुशियाँ बनोगे मालामाल 10 महत्वपूर्ण नियम व उपाय

यह प्राचीन धर्म ग्रंथों में भी माना गया है कि घर में धन धान्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके तथा विशेष ज्ञान प्राप्ति के लिए लिए पूर्वं दिशा की ओर मुख करके ही करना चाहिए तभी शुभ फल प्राप्त होता है। 

पूजघर से सम्बन्धित 10 ध्यान देने योग्य बातें  

- अगर आप दुर्गा मां की स्थापना पूजाघर में करवाना चाहते हैं तो आश्विन माह में ही करवाएं,इस माह में नवरात्र भी आते है यही शुभ दिन होता है।

- पूजा-घर में हवन आदि की व्यवस्था मंदिर के आग्नेय कोण में ही करनी चाहिए। 

- पूजा घर में हनुमान जी स्थापित करना हो तो उनका मुख नेर्ऋत्य कोण में ही होना शुभ रहेगा।

-  पूजा घर में कभी भी 7 से 9 इंच बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। अन्यथा दोष उत्पन्न होते है।

- पूजा-घर में कभी भी शयनकक्ष नहीं होना चाहिए और अगर ऐसी व्यवस्था न हो पाए तो मंदिर को चारों ओर से पर्दे से ढकना चाहिए। 

- घर के पूजा-घर में कभी भी मूर्ति स्थापना नहीं करनी चाहिए लेकिन आप छोटी सचल मूर्ति को स्थापित कर सकते है।

- घर में दो शंख, तीन देवी प्रतिमा, दो शिवलिंग, तीन गणेश  और दो शालिग्राम एक साथ रखने से गृहस्वामी को अंशाति मिलती है। तथा परिवार संकट में पढता है।

- पूजा घर जितना साफ-सुथरा होगा वहाँ निश्चित ही मां लक्ष्मी और देवता का वास रहेगा तथा घर में सुख शान्ति रहेगी।

- पूजा-घर में रंग करते समय यह विशेष ध्यान दें कि दीवारों का रंग सफेद या हल्का पीला या नीला ही हो,अन्य कोई नहीं। 

- पूजा घर के द्वार पर दहलीज पूजा के दौरान मूर्ति के आमने सामने नहीं बल्कि दाएं कोण में बैठना चाहिए। 

१० - पूजा-घर में इन्द्र, सूर्य, बिष्णु, कार्तिकेय और ब्रह्मा का मुख हमेशा पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर ही हो।

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