Monday 6 September 2021

ये 5 ऋण हर मनुष्य को चुकाना पढता है अन्यथा हो जाओगे कंगाल घिर जाओगे संकटों से।

इस संसार में हम सभी किसी विशेष उद्देश्य के लिए आए है क्योंकि मनुष्य जीवन ही पश्चाताप करने के लिए होता है। मनुष्य जीवन को भोग-विलासिता में नहीं गुजारनी चाहिए।  इस मानव जीवन को शक्ति प्रदान करने और अपने कर्मों को सदगति प्रदान करने के लिए हमें इन पांच ऋणों से मुक्त होना पढता है? ये पांच प्रकार के प्रमुख ऋण ही आपको मुक्ति दिला सकता है। धन-धान्य से भर सकता है। जीवन में सुख समृद्धि ला सकता है। और समस्त सांसारिक सुखों को आप भोग सकते है। लेकिन जो इन पांच महा ऋणों (कर्ज) को नहीँ चुका पाता है। उसके जीवन में अनेकों कष्ट आ जाते है।बनते कार्य बिगड जाते है। धन का अभाव रहता है और मोक्ष प्राप्त भी नहीं हो पाता है। तो चलिए हम इन पांच ऋणों के बारे में जानकर अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करेंगे। 

ये 5 ऋण हर मनुष्य को चुकाना पढता है अन्यथा हो जाओगे कंगाल घिर जाओगे संकटों से। 

भारतीय संस्कृति और शास्त्रों में कोई भी बात झूठी नहीं है। हर मनुष्य को अपने जीवन काल में 5 महा ऋणों को हर हाल में चुकाना ही पढता है। अन्यथा वह व्यक्ति किसी काम का नहीं रह पाता है। अपने जीवन को सर्वशक्तिमान बनाने के लिए इन 5 ऋणों  -- (माता ऋण, पिता ऋण, गुरू ऋण, धरती ऋण, धर्म ऋण) वैसे तो इन ऋणों को चुका हम मानव की बस की बात नहीं है किन्तु कुछ कार्य करने के बाद हम इन 5 ऋणों से मुक्त हो सकते है।लेकिन इससे पहले अपने शास्त्रों पर विश्वास होना परम आवश्यक है। नहीं यह मानव जीवन भी रेंगते हुए कीडे मकोड़े की तरह ही व्यतीत हो जाएगा आईये जानते है वे 5 ऋण कौन से है।

1- माता ऋण -

माता ऋण को चुकाना आसान नहीं है यह ती पीढियो के पूर्वजों की शान्ति करनी पढती है।माँ  का स्थान ईश्वर से भी ऊपर म्ना गया है।जो भी किसी माँ समान स्त्री का अपमान करता है। गलत शब्द बोलता है वह कभी इस ऋण से मुक्त नहीं हो पाता है। वैसे इस ऋण से मुक्ति पाने का सबसे सरल माध्यम है कन्या दान करना। ऐसा न करने पर परिवार पीढी दर पीढी कष्ट ही पाता है।

2- पिता ऋण -

पिता ऋण को चुकाने के लिए सन्तान उत्पत्ति करना आवश्यक है। पिता पक्ष के सभी पित्रों की शान्ति के लिए पिण्डदान व तर्पण करना पढता है। और पितृ भक्ति को ही सबसे बढा धर्म भी माना गया है। अगर आप पित्रों की शान्ति नहीं कर पाते है तो आपके जीवन की समस्त सुख दूर हो जाते आर्थिक संकट छा जाता है। परिवार रोगों से घिर जाता है।

3- गुरु ऋण -

गुरु ऋण चुकाने का सबसे अच्छा माध्यम है लोगों को मुफ्त में शिक्षा देना। गुरु ने जो ज्ञान हमें दिया है समाज में उसका बखान करना लोगों को ज्ञान बांट कर ही आप अपने गरु का कर्ज उतार सकते है।

4- धरती ऋण -

धरती ऋण को चुकाने का सबसे सरल माध्यम है पेड लगाना तथा कृषि करना।क्योंकि धरती को हम माता मानते है और यह माता निस्वार्थ भाव से हमारा भर पोषण करती है। धरती का हमारे ऊपर बहुत बडा कर्ज होता है। इसीलिए कभी खनन करके, पेड काट के, आग लगा के धरती को कष्ट नहीं देना चाहिए ऐसे लोग यहीं नरक जैसा जीवन भोगते है।

5- धर्म ऋण -

धर्म ऋण को चुकाने के लिए अपने धर्म का प्रचार प्रसार करना चाहिए। तभी आप अपने धर्म के कर्ज से मुक्ति पा सकोगे। क्योंकि धर्म से ही हमारा अस्तित्व बचा हुआ है और धर्म ही हमारी पहचान है। इसीलिए इसका अपमान नहीं करना चाहिए।

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