Saturday 18 September 2021

जानिए श्राद्ध पक्ष में क्या करें क्या नहीं करें। कौन से दान व कार्य करना रहेगा शुभ देगा सुख व धन वृद्धि

नमस्कार दोस्तों आश्विन मास में पितृ पक्ष प्रारम्भ होते ही हम तामस चीजों और मांस मदिरा का त्याग करने लगते है। और मन में भय भी लगा रहता है कि कहीं हमसे कोई गलती न हो जाए जिससे हमारे पित्र देवता हमसे नाराज हो जाए। श्राद्ध पक्ष में लोग अपने पितरों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करते हैं।पिण्डदान या फिर पितृ तर्पण करते है,और जो लोग ऐसा नहीं कर पाते है या पितृ पक्ष में पित्रों को भूल जाते है उन्हे दोष भी लगता है। 

श्राद्ध से जुड़ी कई ऐसी कई बातें हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं। मगर ये बातें श्राद्ध करने से पूर्व जान लेना बहुत जरूरी है,अन्यथा इसका परिणाम व बुरा प्रभाव भी पढता है।जैसे करोबार में कमी आना? आर्थिक पक्ष कमजोर होना? पारिवारिक क्लेष होना? रोग व्याधिः से घिर जाना? कोट कचहरी में फस जाना आदि ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार विधिपूर्वक श्राद्ध न करने से पितृ श्राप भी दे देते हैं। इसीलिए आज हम आपको श्राद्ध से जुड़ी कुछ विशेष बातें बता रहे,कुछ ऐसे उपाय व नियम आपको बताएंगे जो आपको श्राद्ध पक्ष में नहीं करना हैं। तभी आप और आपके परिवार पर पित्रों का आशीर्वाद बना रहेगा।

Sradh tarpan

जानिए श्राद्ध पक्ष में क्या करें क्या नहीं करें। कौन से दान व कार्य करना रहेगा शुभ देगा सुख व धन वृद्धि

पितृदोष से कोई नहीँ बच पाया है उस व्यक्ति की भौतिक और मानसिक सभी सुख नष्ट हो जाते है। इसीलिए श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की आत्मा शांति, उनकी तृप्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर इंसान को अपने पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। श्राद्ध का अर्थ ही है श्रद्धा व विश्वास यानि हमसे जितना भी हो वह दिखावे या जिम्मेदारी के तौर पर न होकर श्रद्धा भाव से हो।इसीलिए आज हम आपको ये बताने जा रहे है कि श्राद्ध में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए और कौन से कार्य करने चाहिए।जिस कार्य को करने से आपके पित्र शान्ति हो पायेगी।

श्राद्ध पक्ष क्या करना चाहिए जिससे पित्रों की शान्ति हो सभी दोष मिट जाए 

1- सबसे पहला नियम यही है कि जब श्राद्ध पक्ष आरम्भ हो तो घर एकदम साफ सुथरा हो, घर में किसी भी प्रकार का मांस मदिरा का सेवन न हो और हो सके तो प्याज और लहसुन का प्रयोग भी न हो।

2- नियत तिथि के अनुसार ही अपने पित्रों का तर्ण करें और यह सम्भव न हो तो सर्वपितृ श्राद्ध यानी अमावस श्राद्ध को पितृ तर्पण अवश्य करें। 

3- घर पर किया गया पितृ तर्पण श्राद्ध का फल तीर्थ पर किये गये श्राद्ध से आठ गुना फल अधिक मिलता है।

4- भोजन ग्रहण करने से पहले गाय, कौआ, कुत्ता और अग्नि ये चार ग्रास अवश्य निकालें। 

5- श्राद्ध में तर्पण के लिए तिल,जौ, गंगाजल, चावल,हल्दी,  कुशा,सफेद फूल आदि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। 

6- श्राद्ध पक्ष में यथा सामर्थ्य के अनुसार पितृ गायत्री,  व पितर स्तोत्र का पाठ दक्षिण मुख होकर स्वयं अवश्य करना चाहिए। 

7- श्राद्ध के दिनों में ब्राह्मणों गरीबों को सोना, चांदी, तांबे का बर्तन, वस्त्र, धन आदि का दान शुभ माना जाता है।

8- श्राद्ध में खाना बनाने वाली महिला को पवित्र होना चाहिए तथा खाना पित्रों की पसंद का ही बनना चाहिए। 

जानिए श्राद्ध पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए, किसे करने से होगा बहुत बडा नुकसान 

1- श्राद्ध के दिनों में शरीर पर तेल,इत्र, क्रीम,लोसन,सोना, साबुन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

2- श्राद्ध के समय घर में किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन यानी मांस मदिरा, प्याज लहसुन का प्रयोग नहीं होना चाहिए। 

3- श्राद्ध के समय भैंस का दूध,दही,घी वर्जित है और हिरण ऊंठ भेड बकरी का दूध भी निषेध माना जाता है।

4- श्राद्ध कभी भी दूसरे के घर , दूसरे की जमीन या मंदिर में नहीं करना चाहिए। 

4- श्राद्ध श्रद्धा के साथ करना चाहिए इसमें किसी भी प्रकार की जल्दी व क्रोध कलह नहीं करना चाहिए। 

5- श्राद्ध का अधिकारी यानी पुरोहित, श्रेष्ठ ब्राह्मण का अपमान ही करना चाहिए। 

6- रात्री में  या संध्या के समय कभी श्राद्ध नही करना चाहिए यह दोष लगता है।

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