Monday 18 October 2021

Vastu tips for Home जानिए किस दिशा में कौन सा सामान रखने से होगी तरक्की व आएगी घर में सुख समृद्धि। भवन पर दिशाओं का प्रभाव एवं सम्बन्ध

नमस्कार दोस्तों हमारे भारत वर्ष में वास्तुशास्त्र का बडा महत्व माना गया है और अगर घर वास्तु शास्त्र के अनुसार हो तो फिर जीवन में कोई परेशानी नहीं रहती वह घर मंदिर बन जाता है।अक्सर इस संबंध में सभी लोग जानता चाहते हैं कि वास्तु अनुसार घर के भीतर 8 दिशाओं में से किस दिशा में कौन सा सामान रखना चाहिए? क्योंकि हर किसी सामान वस्तु को रखने की एक निश्चित दिशा व जगय होती है तभी उसका शुभ प्रभाव पढता है अन्यथा घर संकटों से घिर जाता है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आपने भी कोई ऐसी वस्तु गलत जगह या दिशा में रखी हो जिसके चलते नुकसान हो रहा हो?आपके बनते कार्य बिगडरहे है,आपको हम यह बताएंगे की 8 दिशाओं में आपको कौन सी वस्तु कहाँ रखनी है,लेकिन उससे पहले ये जान लेते है कि वे आठ दिशाएं कौन सी हैं- उत्तर, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्‍चिम और वायव्य। आप इन दिशाओं को पहचान कर ही घर की सजावट करे और सामान को यथा स्थान पर रखें।

Vastu tips for Home जानिए किस दिशा में कौन सा सामान रखने से होगी तरक्की व आएगी घर में सुख समृद्धि। भवन पर दिशाओं का प्रभाव एवं सम्बन्ध 

वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह निर्माण उन्ही दिशाओं व उप दिशाओं में के अनुसार व अनुकूल कराना चाहिए अर्थात जैसे -

पूर्व दिशा में लक्ष्मी का घर ।

पश्चिम दिशा में रसोई घर ।

उत्तर दिशा में स्नानघर व द्रव्य पदार्थघर ।

दक्षिण दिशा में शयनकक्ष ।

आग्नेय कोण में रसोईघर ।

वायव्य कोण में तिजोरी, धनगृह ।

ईशान कोण में देवालय,मंदिर  ।

नैर्ऋच्य कोण में शास्त्रादि, पुस्तक, स्टडी रूम ।

पूर्व और आग्नेय कोण के बीच में खिलौने दूध दही रखने का स्थान। 

दक्षिण और आग्नेय कोण में घी रखने का स्थान। 

आदि कुल मिलाकर के भवन निर्माण के 16 विधान है लेकिन अधिकतर लोग किराये के मकान पर रहते है जहाँ ये सब कर पाना सम्भव नहीं हो पाता है। लेकिन यह भी सत्य है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बने घर में जो भी रहता है उसका जीवन सुखी सम्पन्नता से व्यतीत होता है। आइये आप भी अपने सपनों के घर को इसी वास्तुशास्त्र के अनुसार ही बनाए --

वास्तुशास्त्र के अनुसार भवन के विभिन्न कक्षों की स्तिथि इन दिशाओं में होनी चाहिए 

* उत्तर-पूर्व दिशा में   -   बालकनी

* पूर्व, दक्षिण पूर्व,उत्तर-पश्चिम दिशा में  -   स्नानघर या शयनकक्ष 

* उत्तर पूर्व दिशा में    -  तलघर 

* उत्तर, उत्तर-पूर्व दिशा में  -  दरवाजे 

* उत्तर-पश्चिम दिशा में   -  बालकक्ष या बच्चों का कमरा 

* उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व दिशा में   -  ड्राइंग रूम 

* उत्तर-पश्चिम दिशा में   -  मनोरंजन कक्ष 

* दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व दिशा में   -  ड्रेसिंग रूम

* उत्तर-पश्चिम दिशा में   -  गैराज

* दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम दिशा में  -  भोजन कक्ष

* उत्तर-पश्चिम दिशा में   -   भण्डार गृह

* दक्षिण-पूर्व दिशा में   -  खुला स्थान 

* उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व दिशा में   -  अतिथि गृह

* दक्षिण-पूर्व, पश्चिम दिशा में   -  रसोईघर 

* दक्षिण-पूर्व दिशा में   -  बिजली के उपकरण

* दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम दिशा में   -  सर्वेन्ट क्वार्टर 

* दक्षिण-पश्चिम दिशा मे  -  सीढियां 

* उत्तर पूर्व दिशा में    -   गैराज

* उत्तर दिशा में    -   तिजोरी

* उत्तर, पूर्व,पश्चिम दिशा में   -  अध्ययन कक्ष

* उत्तर-पूर्व में    -  पूजाघर, मंदिर

* उत्तर-पूर्व, दक्षिण और पश्चिम दिशा में   -  पेड-पौधे,  बगीचा

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