नमस्कार दोस्तों परिवार बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है देश व समाज की तरक्की का का क्योंकि बच्चा जो घर में सीखेगा वैसा ही उसका विकास होगा। क्योंकि मूल्य, जीवन को गुणवत्ता व अर्थ प्रदान करते हैं और व्यक्ति को उसकी पहचान एवं चरित्र निर्माण हो पाता है, बच्चे अपने माता- पिता, शिक्षक और हम उम्र बच्चों से मूल्य सीखते हैं।
Seven words of 7 rounds in marriage शादी के 7 वचनों का महत्व, क्यों आ रही है समाज में सभ्यता और संस्कारों की कमीं
दोस्तों किसी गालिब ने बडे अच्छे शब्दों में कहा है --
गलती जीवन का एक पेज है,
किन्तु रिश्ते जीवन की एक किताब है ।
जरूरत पढने पर गलती का एक पेज फाड देना,
किन्तु एक पेज के लिए पूरी किताब मत खो देना ।
आज हम रोते विलखते है कि हमारे बच्चे हमारी बात नहीं मानते, हमें महत्व नहीं देते, बुढापे में बेसहारा छोड देते है। इसका कारण हम ही है। क्योंकि हमने बीज ही ऐसा बोया है। जो वचन शादी के समय सात फेरों में दिए जाते। हमने केवल उसे रीति रिवाज के तौर पल लिया जबकी हमारे शास्त्रों में उन सात वचनों का बडा महत्व है।
इसीलिए जब हमने ही उन वचनों को महत्व नहीं दिया तो फिर आज कल के बच्चे तो इक्कीसवीं शदी में जीवन जी रहे है। जहाँ आजकल के अभद्र समाज में कयी सारी अश्लीलता देखने को मिल रहा है।आजकल के बच्चे फिल्मी स्टार का अनुसरण कर रहे है जो पैंसो को कमाने के लिए अपने तन तक का व्यापार कर रहे है।
परंतु आज बहुत जरूरी हो गया है घर में बच्चों का संस्कार पक्ष मजबूत करने का, उन्हें बचपन से ही सही मूल्यों का ज्ञान दिया जाए। इस कच्ची उम्र में वे जो सीखते हैं, वह जीवन भर उनके साथ रहता है। इसका प्रभाव यह होगा की उनपर गलत चीजों का प्रभाव नहीं पढेगा। क्योंकि अगर आपसे प्रश्न पूछा जाए कि वर्तमान समाज की स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन? फिर आपके पास कोई जवाब नहीं होगा।
hello
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