Monday 12 September 2022

Hindi Diwas Poem in Hindi: हिन्दी दिवस पर कविता/ मां हिन्दी तुझे पुकार रही

Hindi Diwas Poem in Hindi: हिन्दी दिवस पर कविता/ मां हिन्दी तुझे पुकार रही
Hindi Diwas Poem

नमस्कार दोस्तों आज हम एक विशेष दिन,और विशेष दिवस हिंदी दिवस पर कविता Shayari, thauds और Shubhkamnayen लेकर आया हूँ। हिंदी दिवस का त्यौहार 14 सितंबर 1953 से मनाया जा रहा है। और Hindi Diwas को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय लोगों के बीच हिंदी भाषा की जागरूकता को फैलाना है।क्योंकि आज भारत का दुर्भाग्य है कि उसकी ही गोद में अंग्रेजी का प्रचलन जादा हो रहा है। भारत में 1949 के केंद्रीय सभा बैठक के दौरान हिंदी को केंद्रीय भाषा के रूप में चुना गया था। मगर इसके बावजूद भारत में हिंदी भाषा को वह अहमियत नहीं दी जाती है जिसकी वह हकदार है जिस वजह से हिंदी दिवस हर साल पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है..

हिन्द देश के नौ जवानों, मैं उनको जगाने आया हूँ ।
जो छोडके के अपनी भाषा और,गैरों को शीश नवाते है ।
हर भाषा की जननी हिन्दी, है इसमे ममता भरी ।
गैरों को अपना कर देती,है इतना प्रेम हिन्दी में भरा ।
आन-बान और शान है हिन्दी, भारत का अभिमान है ।
त्याग-तपस्या- बलिदान सिखा दे ऐसी अपनी मां हिन्दी है ।
हिन्द देश के..................................... नवाते है ।।
कबीर,तुलसी,जायसी ने हिन्दी में अमृत घोल दिया ।
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई सब एक तराजू तोल दिया ।
धर्म-नियम का पाठ पढाए, ममता करूणा सिखलाती है ।
बच्चे की पहली भाषा हिन्दी,है जीवन में वरदान बनी ।
हिन्द देश के...................................... नवाते है ।।
मां का हृदय हिन्दी में बसा है,तभी तो सब सहलेती है ।
बैरी दुश्मन क्या करेगा जब अपने घर में कोहराम है ।
उस सुख का क्या मोल है जग में, जिसमें मां की कुर्बानी हो ।
भूल के सब दुख विपदा को मां हिन्दी तुझे है पुकार रही ।
हिन्द के नौ..................................... नवाते है ।।
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