Tuesday 4 October 2022

Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त 3 से 5 बजे के बीच उठने के लाभ ईश्वर देते है आपको ये संकेत

Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त 3 से 5 बजे के बीच उठने के लाभ ईश्वर देते है आपको ये संकेत

दोस्तों मनुष्य जीवन अनेंको उलझनों से बंधा हुआ है. वह व्यक्ति व्यस्तता के कारण कारण और परिवार की जिम्मेदारी के कारण या वो students जो हर समय study में लगे रहते है या वे wumens महिलाएं जो अपने आप को समय नहीं दे पाते है। जिस कारण उनकी दिनचर्या ही बिगड जाती है जिसका परिणाम बहुत बुरा होता है।

दोस्तों आपने यह तो सुना होगा कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने के ढेरों लाभ होते है...हमारे शास्त्रों में सुबह 3 से 5 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है. क्योंकि इस समय ब्रह्माण्डमें अलौकिक शक्तियाँ विद्यमान होती है।

सुबह 03 बजे से 05 के बीच का समय देवी देवताओं का जागने समय भी माना गया है. और इसी समय में ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना भी की थी इसीलिए इसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है. मान्यता है कि अगर आपकी रोजाना अपनेआप इसी समय पर नींद खुलती है, तो इसका अर्थ है कि दिव्यशक्ति चाहती है कि आप इस समय उठें. ईश्वर को भी आपके अंदर बदलाव देखना है ऐसे में आपको कुछ देर उठकर अपने इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए ।

विद्यार्थियों के लिए ब्रह्म मुहूर्त के लाभ. Best Study Time..

वैसे तो ब्रह्म मुहूर्त हर वर्ग के लिए लाभदायक है किन्तु students  के लिए तो यह समय अत्यधिक लाभकरी माना गया है..

क्योंकि इस समय पर अगर हम study करते है तो वह पूर्ण रूप से हमारे दिमाग में घर कर जाता है. क्योंकि इस समय हमारा दिमाग 100% काम करता है।

रोगियों के लिए ब्रह्म मुहूर्त के लाभ...

अमूमन देखा गया है कि लोग बीमारियों से ही ग्रसित रहते है. दवाईयों का असर भी नहीं हो पाता है, लेकिन हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से आप बीमारियों को भी मात दे सकते है।. क्योंकि इस समय की हवाएं संजीवनी से कम नहीं होती है।

ब्रह्म मुहूर्त में प्राणायाम करने से तथा अन्य योगों के करने से शरीर को स्फूर्ति एवं मजबूती मिलती है।

ब्रह्म मुहूर्त 3 से 5 बजे उठने के 5 लाभ. Benifits of Brahma Muhurta 

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने से हमें कयी सारे फायदे प्राप्त होते है.। खासकर इस समय मानसिक तनाव से  बचाता है। हमारे अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है.स्वास्थ्य अच्छा होता है, तथा यह समय study पढने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.आइए जानते है.. क्या क्या लाभ मिलते है सुबह उठने से...

1. सुबह जल्दी उठने से आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढता है। और मन प्रसन्न रहता है।

2. ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठने से आपके अंदर एनर्जी आती है और दिन के कामों को करने के लिए उत्सुक रहते है।

3. ब्रह्म मुहूर्त में उठने का तात्पर्य है कि रात को आप जल्दी सो भी जाते हो जिससे आपको थकान का अनुभव नहीं होता है।

4. ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शारीरिक त्वचा स्मूथली और सुन्दर होता है क्योंकि सुबह की ताजगी और हवाओं में अनेकों प्रकार के औषधीय गुण मौजूद होते है।

5. ब्रह्म मुहूर्त में सभी जीवों का जागने का समय होता है जोकि सृष्टि में अपनी अनगिनत शक्ति फैलाते है चाहे पेड पौधे हो या वनस्पतियां,  सभी अपनी एनर्जी को पर्यावरण में बिखेर देते है। और वह वायु के रूप में हमारे अंदर प्रवेश करती है।

ब्रह्म मुहूर्त में करें ये 5 आवश्यक कार्य...

हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि..."जो सोयेगा वो खोयेगा।"  अर्थात् जो ब्रह्म मुहूर्त में सोता है वह जीवन में अमूल्य चीज खो देता है.. वह भले ही पैंसा बहुत कमा दे लेकिन स्वास्थ्य केवल उन्हीं लोगों का सही रहता है जो ब्रह्म मुहूर्त में जागकर ये 5 कार्यं करते है....

1.सुनना, पढना और बोलना.listening, reading and speaking

जी हाँ ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो ये तीन कर्म करता है वह हमेशा सुखी रहता है..1- सुनना- यानी भक्ति संगीत या ईश्वर की वन्दना या धार्मिक ग्रन्थों को सुनना। 2- पढना- विद्यार्थियों के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है इसे गवांना नहीं चाहिए।  3- बोलना- शास्त्रों का अध्ययन करना धर्म ग्रंथों को पढना, और आध्यात्मिक शक्ति को बढाना।

2- ध्यान करना..to meditate

यह मनुष्य के लिए सर्वोत्तम एवं अति आवश्यक कार्य है.. यानी आप जिस भी धर्म से विलोम करते हो अपने ईष्ट की आराधना करने का सर्वोच्च समय ब्रह्म मुहूर्त  ही है।

3- गुरू माता पिता एवं बडों का स्मरण करना

यह कार्य ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए क्योंकि यही वो लोग है जिनसे हमें जीवन में कुछ सीखने को अवश्य मिलता है। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में इनका स्मरण करते है तो आपको उनका आशीर्वाद तुरन्त प्राप्त हो जाता है ।

4- नयी योजना बनाना.make new plans

बहुत जरूरी कार्य क्योंकि अगर हम किसी कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करते है तो हमारा कार्य समय पर तथा नीतिपूर्ण ढंग से हो पाता है.. बिना योजना के किया गया कार्य सफल कम होते है.. और ब्रह्म मुहूर्त में ही सही योजना का निर्माण कर सकते है।

5- आत्मनिरीक्षण करना introspect

यह भी बहुत जरूरी है अपने आपको जानने का और अपने पूर्व में किये गये कर्मों को पहचानने का..और उनसे कुछ सीखने का तथा आगे सुधारने का। 

क्योंकि इस समय हमारा मस्तिष्क मोह माया तथा सांसारिक बंधनों से दूर रहता है।

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