Wednesday 19 October 2022

Shani Sadesati and Dhaiya 2023 जाने शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या 2023 में किस राशि पर रहेंगे और किन राशि को मिलेगी मुक्ति

Shani Sadesati and Dhaiya 2023 जाने शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या 2023 में किस राशि पर रहेंगे और किन राशि को मिलेगी मुक्ति

नमस्कार दोस्तों हमारे ज्योतिष शास्त्र शनि को नौ ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। Shani 2023 in hindi शनि को कलियुग का न्यायधिकारी और कर्म फलदाता भी कहा जाता है। जिसका नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं।Shani Transit 2023 क्योंकि अधिकतर लोग इसे बुरे परिणाम देने वाला ही ग्रह मानते हैं। जबकि शनिदेव वही करते है जैसा कर्म कहता है। shani sadesati 2023 यानी अच्छे कर्मों का अच्छा फल और बुरे कर्मों का बुरा फल। 

अतः शनि मकर राशि में 17 जनवरी 2023 तक विराजमान रहेंगे। अब जानने की बात यह है कि इस अवधि में शनि की किन राशियों पर साढ़े साती और शनि ढैय्या रहेगी। और यह भी जानेंगे कि किन राशियों को shani sadesati and Dhaiya 2023 in hindi शनि की ढैय्या और साढे साती से मुक्ति मिलने वाली है।

इन राशियों को मिलेगी 2023 में शनि की साढ़ेसाती एवं ढैय्या से मुक्ति--- 

शनिदेव वर्ष 2023 की सुरूआत में ही यानी 17 जनवरी से राशि परिवर्तन करने जा रहे है। जिस कारण वर्ष 2023 में तुला और मिथुन राशि से शनि ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। और अगर बात करें शनि साढेसाती की तो वर्ष 2023 में धनु राशिय वालों को शनि का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। जिसकारण जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा उनके रूके हुए कार्य बन जाएंगे, रोग व्याधि का भय नहीं रहेगा।मानसिक तथा शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलेगा। यानी आपके अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे।

इन राशियों पर रहेगी 2023 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या----

शनिदेव का नाम सुनते है व्यक्ति के रोंगटे खडे हो जाते है, वह चिंतित होने लगता है कि शनि की दशा उस पर न जाने कैसा प्रभाव डालेगी।

इस साल यानी 2023 में शनि देव मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढेसाती आने विली है और वहीं बात करें अगर शनि ढैय्या की तो कर्क और वृश्चिक राशी दोनों पर शनि का प्रकोप रहने वाला है। 

शनि साढेसाती व ढैय्या से बचने के उपाय ---

शनि न्याय के देवता माने जाते है जो कर्म के अनुसार फल प्रदान करते है। इसीलिए शनिदेव के प्रकोप से बचने के कुछ सरल से उपाय है, shanidosh mukti upay in hindi ये कुछ आसान उपाय----

1- नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें ।
2- पीपल के पेड के नीचे नियमित रूप से शाम को सरसों का दीपक जलाएं ।
3- शनि स्तोत्र व मंत्र का जाप करें 
4- काली दाल, काले वस्त्र, काली धातु का दान करें ।

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