Thursday 23 February 2023

Essay on Diwali in hindi :दीपावली पर निबंध

Essay on Diwali in hindi :दीपावली पर निबंध 

प्रिय विद्यार्थियों आज हम निबंध लेखन पर बात करने वाले है Essay-writing-in-Hindi-Topics-for-class-6-7-8-9-10-11-12-all-exams-important निबंध लेखन विधि प्रकार अर्थ टाॅपिक्स, भाषा कौशल, लिखने का तरीक़ा जाने आज हम दिवाली पर निबंध Diwali Essay in Hindi, Best trick for Diwali Essay in Hindi यह निबंध हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध Diwali Essay in Hindi से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध Diwali Essay in Hindi लिखना चाहते हैं। हमने Diwali Festival के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। जिसे सीखकर आप लाभ उठा सकते हैं और वाक्यों को कैसे बनाए जाएँ और किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जानी चाहिए। 

रूपरेखा - 

(1) प्रस्तावना   
(2) दीपावली का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व
(3) वैज्ञानिक दृष्टि से महत्त्व
(4) व्यावसायिक महत्त्व
(5) दार्शनिक महत्त्व
(6) दीपावली से लाभ
(7) दीपावली से हानि
(8) उपसंहार

प्रस्तावना-Preface -

प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन हिन्दू-समाज में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ है 'दीपों की पंक्ति'। इस दिन घर-घर को दीपों से सजाया जाता है। इसीलिए इस पर्व को दीपावली कहते हैं। इस दिन रात्रि के समय एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती पंक्तियों से सम्पूर्ण वातावरण प्रकाशित उठता है। दीपमालाओं की प्रज्वलित शिखाओं की छटा देखते ही बनती है। घर-घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। लोग इस दिन आपसी द्वेष को भुलाकर एक-दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है। वे रंग-बिरंगे वस्त्र पहनकर पटाखे छोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिलकर मिठाइयाँ खाते हैं। दीपावली के मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारम्भ हो जाती है। लोग अपने घरों एवं दुकानों की सफाई करवाते हैं तथा नया रंग-रोगन करवाकर उन्हें सजाते हैं।

दीपावली का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व — दीपावली का अपना पौराणिक महत्त्व है। इसका सम्बन्ध पुराणों में वर्णित भारतीय समाज के प्राचीन इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामक उस दुष्ट राक्षस का संहार किया था, जिसके अत्याचार से सम्पूर्ण देव समाज त्रस्त था। • उस दुष्ट राक्षस के संहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दीपक जलाए थे। इस मंगलकारी घटना की स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्योहार मनाया जाता है।

लंका - विजय के बाद जब भगवान् राम अयोध्या लौटे थे तो इसी दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था और सम्पूर्ण भारतवर्ष में इस उपलक्ष्य में दीपक जलाकर खुशियाँ मनाई गई थीं। कुछ लोग दीपावली का प्रारम्भ इसी दिन से मानते हैं, किन्तु अनेक विद्वानों का मत है कि दीपावली का त्योहार इससे भी अधिक प्राचीन समय से मनाया जाता रहा है।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्त्व - दीपावली का पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व तो है ही, इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्त्व है। वर्षा ऋतु में उत्पन्न कीड़ों-मकोड़ों, जल में घास-फूस एवं गन्दगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैसों तथा घरों में व्याप्त सीलन को दूर करने की दृष्टि से भी दीपावली के त्योहार की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। लोग दीपावली का त्योहार आने के बहुत पूर्व से ही अपने घर एवं उसके आस-पास की सफाई प्रारम्भ कर देते हैं। घर एवं दुकानों पर नया रंग-रोगन करवाते हैं। इससे घर की सीलन एवं उसके कोनों आदि में छुपे हुए कीड़े-मकोड़ों का नाश हो जाता है। प्राचीनकाल में दीपावली के दिन सरसों के तेल या घी के दीप जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था और कीड़े-मकोड़े इसकी दीपशिखाओं पर जल मरते थे।

व्यावसायिक महत्त्व - 

दीपावली के दिन व्यवसायी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यावसायिक कार्य का आरम्भ शुभ समझा जाता है। इसके पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण रहे हैं। इस 'काल में वर्षा ऋतु पूर्णतया समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्यों के लिए यह समय उपयुक्त होता है। प्राचीनकाल में किसानों के घर भी धान की फसल कटकर आनी आरम्भ हो जाती थी । उन्हें अपनी कृषि सम्बन्धी आवश्यक सामग्रियों का क्रय इसी समय करना होता था। इन कारणों से प्राचीनकाल में इसका एक व्यावसायिक महत्त्व मान्य हो गया, जो परम्परागत रूप से आज तक - प्रचलित है।

दार्शनिक महत्त्व - दीपावली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यह अँधेरे पर प्रकाश की तथा असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि अँधेरा कितना भी घना हो, ज्ञान और कर्त्तव्य का सामूहिक दीप, उस अँधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

 किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाणी देते हुए दीपमालाओं की अनगिनत शिखाएँ हमसे यह कहती प्रतीत होती हैं कि तुम भी हमारी तरह जलकर देखो, तुमसे भी प्रकाश की ऐसी ही किरणें बिखरने लगेंगी, जो समाज में छाए अँधेरे को मिटा देंगी।

दीपावली से लाभ - दीपावली मात्र एक त्योहार ही नहीं है, अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं। घर-मुहल्लों की सफाई, वातावरण की शुद्धि, आपसी सद्भाव की भावना का विकास तथा नए कार्य व प्रारम्भ नई योजनाओं करने है। की प्रेरणा के साथ-साथ दीपावली हमें अँधेरे से लड़ने का भी सन्देश देती

दीपावली से हानि - मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने ईर्ष्या-द्वेष पर आधारित विचारों एवं अज्ञानतापूर्ण व्यवहार के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाज को भी हानिकारक बना देता है। दीपावली के दिन जुआ खेलने, मदिरापान करने और अशिष्ट आचरण से विनाश को आमन्त्रित करनेवालों की आज भी कमी नहीं है। ऐसे लोगों के लिए दीपावली का त्योहार लाभ के बदले हानि ही आमन्त्रित करता है। इस दिन देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपये का बारूद फूँक दिया जाता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था तो प्रभावित होती ही है, वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण होनेवाली दुर्घटना से ग्रसित होकर अपनी जिन्दगी को नरक बना लेते हैं ।

उपसंहार — दीपावली हिन्दुओं का एक सबसे बड़ा और पावन त्योहार है। धार्मिक, सांस्कृतिक - सामाजिक आदि विभिन्न दृष्टियों से इस पर्व का विशिष्ट महत्त्व है। मानव-जीवन में सुख, शान्ति और समृद्धि लाने में सहायक अनेक मंगलकारी प्रेरणाएँ इस पर्व के महत्त्व की पृष्ठभूमि में छिपी हुई हैं; अत: हमें किसी भी त्योहार को मनाते समय उसमें निहित कल्याणकारी भावों को भी समझना चाहिए। दीपावली के त्योहार के लिए भी हमें यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनन्द प्राप्त कर सकते हैं।

kvs tgt हिन्दी प्रश्नोत्तर

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