Wednesday 22 February 2023

Essay in Hindi : निबंध लेखन विधि टॉपिक्स, भाषा कौशल, लिखने का तरीक़ा जानें

Essay in Hindi : निबंध लेखन विधि टॉपिक्स, भाषा कौशल, लिखने का तरीक़ा जानें

(विचारात्मक, विवरणात्मक, वर्णनात्मक अथवा आत्मकथात्मक शैली)

प्रिय विद्यार्थियों आज हम निबंध लेखन पर बात करने वाले है Essay-writing-in-Hindi-Topics-for-class-6-7-8-9-10-11-12-all-exams-important निबंध लेखन विधि प्रकार अर्थ टाॅपिक्स, भाषा कौशल, लिखने का तरीक़ा जानें

उत्तम निबन्ध कैसे लिखें - what is the best essay

निबन्ध का अर्थ - essay meaning- थोड़े, किन्तु चुने हुए शब्दों में किसी विषय पर अपने विचार प्रकट करने के प्रयत्न को 'निबन्ध' कहते हैं। निबन्ध के विषयों की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। चींटी से लेकर स्यूतनिक तक किसी भी विषय पर निबन्ध लिखे जा सकते हैं।

निबन्ध का आरम्भ - essay introduction- निबन्ध का आरम्भ ऐसे सुन्दर ढंग से होना चाहिए कि उसे पढ़नेवाले की उत्सुकता बढ़े और पाठक उसे पूरा पढ़ने को तैयार हो जाए। मौलिकता, सरसता तथा विचारपूर्णता निबंध के आवश्यक गुण है।
 
साधन -Resource- पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन निबन्ध लेखन का अचूक साधन है। जितना ही अधिक अध्ययन किया जाएगा, उतना ही विषयों का विस्तृत ज्ञान प्राप्त होगा और निबन्ध लेखन का कार्य सुगम हो जाएगा हैं।

निबन्ध के अंग- parts of essay-
निबन्ध के तीन अंग हैं- 
(1) प्रस्तावना, 
(2) विस्तार (मध्य भाग),
(3) उपसंहार (निष्कर्ष)

इन सभी का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है- 
(1) प्रस्तावना - प्रस्तावना में निबन्ध की भूमिका रहती है। इसमें विषय का परिचय दिया जाता है। इस स्थल पर लेखक यह बता देता है कि वह विषय के सम्बन्ध में क्या कहना चाहता है और वह किस ढंग से उसे कहेगा।

(2) विस्तार (मध्य भाग) – इसमें निबन्ध का कलेवर या शरीर रहता है। यह निबन्ध का सबसे विस्तृत अंश होता है। इसमें निबन्ध लेखक को विषय के सम्बन्ध में अपना पूरा ज्ञान संक्षेप में तथा मनोरंजक शैली में प्रस्तुत करना होता है।

(3) उपसंहार - निबन्ध का अन्तिम भाग उपसंहार है। इसमें निबन्ध के सम्पूर्ण तर्कों, विचारों तथा समाहित भावनाओं का निचोड़ प्रस्तुत किया जाता है। इस स्थल पर निबन्ध का सिंहावलोकन भी किया जाता है।

निबन्ध के प्रकार types of essay-

 हिन्दी भाषा में निबन्ध तीन प्रकार के होते हैं— 
(1) वर्णनात्मक
(2) आख्यानात्मक
(3) विचारात्मक 

निबन्ध के इन तीनों प्रकारों का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है-

(1) वर्णनात्मक निबन्ध -
वर्णनात्मक निबन्ध में किसी वस्तु, पदार्थ, स्थान, यात्रा, घटना या दृश्य आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें प्रमाण आदि नहीं दिए जाते, केवल वर्ण्य विषय का यथार्थ चित्रण किया जाता है।

(2) आख्यानात्मक निबन्ध - इस प्रकार का निबन्ध किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के जीवन को आधार बनाकर लिखा जाता है। आख्यानात्मक निबन्ध में व्यक्ति के शारीरिक, पारिवारिक, सामाजिक एवं आर्थिक परिचय के साथ-साथ उसके व्यक्तित्व और उसके गुण-दोषों पर भी प्रकाश डाला जाता है। 

(3) विचारात्मक निबन्ध- विचारात्मक निबन्ध में किसी विचार अथवा भाव को लेकर निबन्ध की रचना की जाती है। दर्शन, अर्थशास्त्र, राजनीति, धर्म, संस्कृति, सभ्यता, विज्ञान, इतिहास आदि से सम्बन्ध रखनेवाले विषय विचारात्मक निबन्ध के अन्तर्गत आते हैं। 
विचारात्मक निबन्ध के दो भेद हैं—
(क) भावनाप्रधान निबन्ध
(ख) तर्कप्रधान निबन्ध

इनका संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

(क) भावनाप्रधान निबन्ध - इसमें अपने मन की भावनाओं में बहता हुआ लेखक में अपनी बात कहता है। वह अपने भावों को सही मानते हुए, जो कुछ भी भाव उसके मन में उत्पन्न होते हैं, उन्हीं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त कर देता है।

(ख) तर्कप्रधान निबन्ध - तर्कप्रधान निबन्ध में विचार को तर्क अथवा प्रमाणों के आधार पर सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है। कभी-कभी किसी विचार का विश्लेषण या विवेचन भी किया जाता है। इसमें किसी भाव या विचार पर वाद-विवाद भी प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रकार के निबन्ध के अन्तर्गत किसी वस्तु, विषय या रचना की आलोचना या प्रत्यालोचना भी की जाती है।

kvs tgt हिन्दी प्रश्नोत्तर

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