Saturday 6 January 2024

Shriram Mandir Poem in hindi अयोध्या श्रीराम मंदिर पर कविता

Shriram Mandir Poem in hindi अयोध्या श्रीराम मंदिर पर कविता

समर्पण लेने आए थे,अब निमंत्रण देने भी आएंगे ।
हर मोहल्ले को अयोध्या,हर मंदिर में दीप जलाएंगे ।

अयोध्या श्रीराम के पूर्वज वैवस्वत मनु ने बसाया था ।
दशरथ पुत्र श्रीराम जन्म से नगर रत्नों में छाया था ।
कुछ पाखण्डो के क्षुद्र कृत्य से काली घटा छायी रही ।
रोक सके न विध्वंशी फिर सूर्य पताका लहरायी ।
पांच सौ बर्ष बाद हिन्दू ने जीता अपना स्वाभिमान है ।
आएगा फिर राम राज ये हर हिन्दू का फरमान है ।
भगवा करदे देश को, ऐसा शासन श्रीराम चलाएंगे ।
हिन्दू चाहे कहीं भी हो हम उसमें राम बसाएंगे ।
गली मुहल्ले में ऐलान ये करदो हर मन्दिर मे राम हो ।
बस इतना ही गुणगान हो जुबां पर जय श्री राम हो ।
नित संघर्षों से हमने मंदिर का जीर्णोद्धार किया ।
अब बारी है कर्मों की,उसमें ना सुधार किया ।
राम दवा हैं रोग नहीं, राम त्याग है भोग नहीं है ।
राम दया हैं क्रोध नहीं, राम सत्य है शोध नहीं हैं ।
हिन्दू पुत्र हूँ माँ भारती का, अब मैं भी दर पर जाऊंगा ।
राम राज तो आ गया अब धरती का कर्ज चुकाऊंगा ।
समर्पण लेने आए थे,अब निमंत्रण देने भी आएंगे ।
हर मोहल्ले को अयोध्या,हर मंदिर में दीप जलाएंगे ।

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