Saturday 12 October 2019

--क्या सपने होते है हकीकत,? --कैसे आएगी घर मे खुशहाली ? --कैसा होता है स्त्री का स्वभाव ?

--क्या सपने होते है हकीकत,?
--कैसे आएगी घर मे खुशहाली ?

--कैसा होता है स्त्री का स्वभाव ?
--सभी अनसुलझे सवालों का उत्तर ?


कहा जाता है कि सपने तभी आते है जब हमारे मन कोई बात घर कर जाती है। हम उसे अपने हृदय से निकाल नही पाते है , तभी वह सब हमे सपने मे भी दिखाई देने लगते है।
लेकिन एक सत्य  यह भी है कि सपने मे हमे अपने द्वारा व्यतीत किये हुए पूर्व जन्मो के कर्म भी याद आते है। वह भी हमारे द्वारा ही किये गये है। यानी जोभी हमे दिखाई देता है वह हमारे साथ घटित हो चुका है।और कभी-कभार सपना इतना भयावह होता है कि हम घबरा जाते है जबकि ऐसा हमारे साथ हो चुका है।

ऐसे ही कुछ सपनों का अर्थ यानी मतलब हम आपको समझा रहे है। जो पूर्ण रूप से सत्य तो नही कहा जा सकता है लेकिन 95% सत्य है।

(1)--खुद की मृत्यु देखना--
मृत्यु वाला सपना हमेशा विपरीत प्रभाव डालता है। यानी जब भी आपको अपनी या किसी की भी मृत्यु होती दिखाई दे तो घबराएं नही बल्कि खुशी व्यक्त कीजिये की आपके साथ कुछ अच्छा होने वाला है।या उस व्यक्ति के साथ अच्छा होने वाला है।
क्योंकि मृत्यु सफलता का प्रति रूप माना गया है। यह शुभ संकेत भी माना जाता है।

(2)---अगर कोई पीछा करता दिखाई दे---

अगर आपको ऐसा सपना आता है , तो संकोच मत करे क्योकि यह भी शुभ संकेत ही है। जिसका मतलब है कि आप अपने किसी घनिष्ट को नजरअंदाज कर रहे है।जबकी उसको आपकी जरूरत है। वह संकट मे है अगर आपको उसकी सहायता करनी है। आपको उससे भागना नही बल्कि उसकी मदद करनी चाहिए।

(3)--पानी देखना ---
अगर आपको सपने मे पानी दिखाई दे तो समझो आप उन्नति की ओर अग्रसर है। अगर आपको ठहरा हुआ पानी दिखे तो समझे कि आपका आपका जीवन स्थिरता की ओर उन्मुख है। और अगर नदी या बहता हुआ जल दिखाई दे तो समझो कि आप सकारात्मक भाव की ओर अग्रसर है आपके अन्दर की ऊर्जा आपको कुछ अच्छा करने को प्रेरित कर रही है। और अगर झरना या गिरता हुआ पानी दिखे तो समझो कि आप ऊंचाईयों को छूने वाले हो।

(4)--ऊंचाई से गिरना---
ये जो सपना है यह आपको इशारा कर रहा है। कि आप कठिन समस्या मे घिरने वाले हो। क्योंकि जो गलत काम आपने किया है। वह आपको बार-बार  इशारा कर रहा है कि आपने उसे सुधारने का प्रयास करे बल्कि उससे भागने या टालने की कोशिश न करे।

(5)---टूटे दांत देखना---
अगर आपको ऐसे सपने आते है तो कही न कही आप को अपनी खूबसूरती पर अभिमान है। यानी आप अपने बारे मे गलत नही सुनना चाहते क्योंकि आपको लगता है कि आपके बारे मे लोग गलत सोचे है। इसीलिए ऐसे सपने आते है।

(6)---सपने मे समुन्दर दिखना---
अगर आपको ऐसा सपना दिखाई दे रहा है तो आप निश्चिंत हो जाइए क्योकि इसका मतलब है कि आप किसी विकट समस्या से निजात पाने वाले हो। और गंदा पानी दिखे तो समझो कि आप गलत संगती मे फसने वाले हो।

सपने देखने का शुभाशुभ फल---
(1)--अनाज भरना---
अगर आप सपने मे देखते है कि आप बहुत सारा अनाज भर रहे है। आपको चिन्तित होने की आवश्यकता नही है। क्योंकि आपको संकेत दिया जा रहा है, कि आपको धन लाभ होने वाला है या आपका दिया हुआ धन वापस आने वाला है।

(2)---अन्न बेचना---
अन्न को घर की लक्ष्मी ही माना जाता है, क्योकि अन्न के लिए ही मनुष्य कर्म करता है। यानी अगर आप सपने मे अन्न बेच रहे है। तो आपको संकेत है कि आपकी आर्थिक स्थिति संकट मे आने वाली है या आपका धन सम्बन्धित नुकसान होने वाला है।

(3)---आग उठाना--
 संकेत है कि आपको कष्ट प्राप्त होगा।

(4)--आंधी देखना---
यानी आपको सफर की चिन्ता सता रही है।

(5)--इमारत देखना--
यानी संकेत है कि आपको इमारत की तरह ही अनेकों जगह से धन लाभ होने वाला है।

(6)---ऊंट देखना---
यह सपना भी धन लाभ का संकेत देता है।

(7)--बिल्ली देखना--
यानी आप तरक्की की ओर अग्रसर है।

(8)--कुत्ते का काटना--
यह अशुभ संकेत है , क्योंकि यह शत्रु भय देता है।

(9)---दूध पीना--
यह शुभ संकेत है, क्योंकि  आपको खुशी प्राप्त होनी वाली है।

(10)--बांसुरी बजाना--
आप तरक्की की ओर अग्रसर है।

(11)--डोली देखना--
यानी आप परेशानी को प्राप्त करने वाले है।

(12)--बंदर देखना---
यह भी शुभ संकेत ही है, क्योंकि  आप धन को प्राप्त करने वाले है।

(13)--बारात देखना---
रोग को प्राप्त करना।

(14)---नाव देखना---
यानी आप परेशानी को प्राप्त करने वाले हो।

(15)चीख मारना--
यानी आप संकट को प्राप्त करने वाले होले हो।


खाना खाते समय विशेष ध्यान ----
(1)--इस उपाय से बडेगी आयु----
अगर आप जीवन को बेहतरीन समझते है तो लम्बी उम्र के लिए खाना बहुत महत्वपूर्ण है। और उसके साथ अगर आपने खाने के नियमों का पालन भी किया तो आप सुखी एवं लम्बी उम्र जी सकोगे।
सबसे पहले खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ मुँह को धोना चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों मे कहा गया है कि अगर भीगे हुए पैरों के साथ भोजन किया जाये तो यह बहुत शुभ माना जाता है और साथ मे पाचन क्रिया मे भी मदद मिलेगी।क्योंकि इससे शरीर का तापमान सन्तुलन मे रहता है। खासकर यह गैस की परेशानी वालों को मदद करता है।

(2)---भोजन करते समय रखे दिशा का धयान---
भोजन मनुष्य के महत्वपूर्ण है इसीलिए इसमे दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए कि कौन सी दिशा भोजन के लिए उपयोगी है।
पूर्व दिशा और उत्तर दिशा की ओर भोजन के लिए उपयोगी है। इससे भोजन से मिलने वाली ऊर्जा हमे प्राप्त होती है। दक्षिण तथा पश्चिम दिशा भोजन के लिए अशुभ मानी जाती है।

(3)--कहां भोजन करना वर्जित है---
हमेशा ध्यान रखे कि कभी भी बिस्तर पर भोजन नही करना चाहिए।
कभी भी थाली उठाकर भोजन नही करना चाहिए।
भोजन हमेशा पालथी मारकर ही ग्रहण करना चाहिए क्योंकि यही स्थिति भगवान की भी हुआ करती थी।
थाली को कभी लकडी के ऊपर रखकर कभी भोजन नही करना चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।
खाने के बर्तन साफ होने चाहिए तथा टूटे फूटे बर्तन मे भोजन करने से दरिद्रता आती है।
भोजन के बाद कभी भी थाली मे हाथ नही धोना चाहिए ।

(4)---भोजन ग्रहण करने से पहले उपाय---
भोजन करने से पहले उस परब्रह्म परमात्मा का स्मरण करने तथा अन्न माता का स्मरण करना चाहिए।
देवी देवताओं का स्मरण करना चाहिए।
भोजन से पहले एक ग्रास अपने ईष्ट के लिए निकालना चाहिए।
भोजन से पहले देवताओं से प्रार्थना करनी चाहिए कि जो भी भूखे हो उन्हे भी मेरी तरह ही भोजन मिल सके।
कभी भी भोजन की निन्दा नही करनी चाहिए ।

(5)---इन विचारों के साथ भोजन ग्रहण न करे---
भोजन करते समय नकारात्मक भाव मन मे न लाए तथा किसी के प्रति बुरी भावना न रखे।डरते हुए कभी भोजन नही करना चाहिए तथा क्रोध मे कभी भी भोजन नही करना चाहिए।
इन भावो के साथ किया गया भोजन मनुष्य को नष्ट कर देता है।

नींद उडने के चार प्रमुख कारण---
(1)---काम भावना जागृत होना--
नींद न आने का प्रमुख कारण है कि आदमी के अन्दर कामवासना जाग उठना क्योकि यह मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति कमजोर कर देती है। वह तबतक सन्तुष्ट नही हो पाता जबतक की वह उसकी तृप्ति पूर्ण न करदे।  और यही भावना मनुष्य को आतंकवाद की ओर भी ले जाता है। उसके मन मे बुरे विचारों का प्रभाव अधिक होता है और यह बुद्धि को भी भ्रमित कर देता है।
कोशिश करे कि आप अधिक से अधिक अपने आप को इस भावना से दूर रखने का प्रयास करे आपको सफलता प्राप्त होगी ।

(2)--शत्रुता का भय---
चाहे कोई भी प्राणी हो डर उसे कमजोर बना देता है। जब कोई स्त्री या पुरुष किसी बलवान व्यक्ति से शत्रुता मोल लेता है तो वह हमेशा उससे दबा रहता है। उसकी शक्ति कमजोर हो जाती है। वह अपने आप को असहाय कमजोर समझने लगता है और उसे डर रहता है वह उसके मृत्यु का कारण न बन जाए।
इसीलिए अनजाने मे भी कभी किसी से दुश्मनी मोल न लें। बल्की उससे सीखते हुए जीवन को प्रबल बनाइए।

(3)---सब कुछ लुट जाने के बाद--
जब इनशान सोचता है कि उसके जीवन मे अब कुछ भी नही बचा है सब नष्ट हो चुका है तो उसकी नींदे गायब हो जाती है। उसे आर्थिक संकट तथा जीवन को तराशने का जरिया नजर नही आता है। वह विवश हो जाता है। वह अपने को दीन हीन समझने लगता है।
इसीलिए लिए कभी भी ऐसी दशा अपने जीवन मे न आने दे।

(4)--चोरी की आदत होना--
अगर किसी व्यक्ति की चोरी की आदत है तो उसे डर लगा रहता है कि कहीं न कहीं उसकी चोरी पकडी न जाये इसी कारण उसकी नींदे उड जाती है वह डर बार बार उसे सजा याद दिलाता है परन्तु जब वह सोचता है कि अब कोई खतरा नही है तो वह निश्चित हो जाता है और दूसरी चोरी की ओर आतुर होता है। लेकिन बाद मे जब वह पकडा जाता है तो उसकी सजा माफी का रास्ता भी कही नजर नही आता है।
इसीलिए कभी भी चोरी न करे क्योंकि कि यह ऐसी आदत है जो मनुष्य को संकट की ओर ही ले जाता है।


इन कामों को अपनाने से आएगी घर मे खुशहाली---
(1)--कुल देवता की पूजा--
कुल देवता यानी जिस देवता पर आपके पूरे वंश का विश्वास रह है। जिसे बरसों से पूजा जा रहा है।और जिस पर आपकी आस्था है। उस देवता की नित्य दिन आराधना करना तथा अपने घर मे उचित स्थान दिलाना या स्थापित करने से घर मे खुशहाली आती है।

(2)--श्राद्ध पूजन--
दोस्तों श्राद्ध पूजन को हमारी संस्कृति मे महत्व पूर्ण माना गया है क्योंकि मान्यता है कि श्राद्ध पूजने से हमारे पित्र देवता प्रसन्न होते है। और पितरों का आशीर्वाद  सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
श्राद्ध का अर्थ है कि श्रद्धा एवं आस्था के साथ अपने पितरों का तर्पण करना। क्यों अश्विन नवरात्रों से पहले सोलह दिन तक धरती पर केवल पितरों का वास होता है और इस समय उक्त तिथि पर अपने पित्रों  का तर्पण करके घर मे खुशहाली लाने का अहम माध्यम है।

(3)--घर को साफ-सुथरा रखें--

कहा जाता है कि--पहले आसन शुद्ध फिर मंत्र शुद्ध । यही कारण है की हमे अपने घर को साफ सुथरा रखना चाहिए। ताकी घर मे सुख समृद्धि आ सके और लक्ष्मी का वास भी वहीं होता है जहां सफाई तथा शुद्ध विचार रहते हो। बुरी भावना का जहां वास रहता है। वहां लक्ष्मी कभी निवास नही करती है।
इसीलिए जहां तक हो सके घर और आसपढोस को स्वच्छ रखे ताकि धन का आगमन भी हो और स्वास्थ्य भी अच्छा रहे। तभी  घर मे खुशहाली आती है।

(4)--अपने भोजन से पहले किसी जीव को भोजन जरूर दे--

यह मान्यता है कि जब भी हम भोजन करे। उससे पहले एक निवाला गाय,कुत्ता, कौवा,अग्नि या फिर अन्य जीव के लि अवश्य निकाले।यही प्रकिया रोज अपनाने से घर मे समृद्धि आती है।

(5)--अन्न दान---
अन्न दान का विशेष महत्व है क्योंकि सभी जीव भोजन के लिए ही परीश्रम करते है। हमारे समाज मे कयी ऐसे भी मनुष्य है जो भोजन को प्राप्त करने मे असमर्थ होते  है। उनको अन्न दान करने से खुशहाली तो आती ही है किन्तु पूर्व जन्मों का पश्चाताप भी होता है। इसीलिए अन्न दान अवश्य करें।

(6)--शास्त्र व ग्रन्थों का अध्ययन---
जिसने कभी अपने ग्रन्थों का अध्ययन नही किया उसने जीवन मे कुछ भी हासिल न कर सका। क्योंकि हमारे धर्म ग्रन्थों मे सारा ज्ञान छुपा हुवा है। सभी विद्याओं का संगम है। जीवन के रहस्य छुपे हुए है। इनका घर मे नित्य पाठ करने से घर मे खुशहाली आती है।

(7)--तप करना--
अगर ईश्वर को प्राप्त करना है तो तप उसके लिए उपयुक्त है। क्योकि इससे आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है। हम कुछ देर तक मोह माया से हट के उस परमात्मा के आधीन हो जाते है और वह परमात्मा हमारे घर तथा जीवन मे खुशहाली प्रदान करते है। इसीलिए तप करने का भी साधन हमारे शास्त्रों मे निहित है।

(8)--सदाचार अपनाना--

हमारा सही चरित्र ही हमारे भविष्य का निर्माण करता है। जितना प्रबल हमारा चरित्र होगा उतनी अधिक ही हम सफलता हासिल कर सकते है। कहीं न कहीं सदाचार हमारे सोचने समझने की दशा बदल देते है। जिसको अपनाने से घर मे खुशहाली आती है।

ज्योतिष के अनुसार पांच प्रकार की होती है स्त्रियां ---
(1)---शंखिनी---
शंखिनी स्वभाव की स्त्रियां अन्य स्त्रियों से भिन्न होती है। यह ज्यादा तर लम्बी व दुबली होती है। नाक मोटी आवा गम्भीर तथा आंखे स्थिर होती है। ये स्त्रियां अधिकतर चिडचिडे स्वभाव की होती है। तथा दूसरो को भाव नही देती है। यह पती की बातों को गुलामी समझती है। यह कभी भी अपने स्वभाव से सबकी बैरी बनती है। परिवार मे भी अनबन रहती है। इनके अन्दर दया भाव नही होता है। तथा दूसरों की चुगली करने मे ही समय व्यतीत करती है।
ऐसी स्त्रियां अन्त समय मे बहुत कष्ट भोगती है।

(2)--चित्रिणी---
चित्रिणी स्त्रियां स्वभाव से बहुत प्रसन्नचित्त होती है। पती को ईश्वर समझती है। तथा दूसरो को सम्मान देती है।इनमे भोग-विलास की भावना कम होती है। और अपना काम बहुत जल्दी पूरा करती है।इनसे जादा भारी काम नही होता किन्तु हर काम करने मे सक्षम होती है।ये बुद्धिमानी होती है व गाना तथा संगीत बजाना इनका शौक होती है। ये कोयल की तरह सुरीली आवाज की होती है।
इस जाती की स्त्रियां बहुत कम होती है। अगर इनका जन्म गरीब घर मे हो जाए तो भी वो वहां रानी जैसा जीवन व्यतीत करती है।

(3)---हस्तिनी ---
इस स्वभाव की स्त्रियां मे भोग-विलास  अधिक होता है इनके स्वभाव बनने मे समय नही लगता है। ये भोजन प्रिय होती है तथा आलसी भी होती है। इन्हे गुस्सा अधिक आता है व शरीर से गोरी होती है। इन्हे रोग घेरे रहते है। तथा इनको पती बहुत ही गुणवान मिलता है। परिवार मे चिडचिडे पन्न के कारण क्लेश होता रहता है। शादी के 8,12,16 वर्ष मे पती का भाग्योदय हो जाता है।

(4)---पुंश्चली ‌----
इस स्वभाव की स्त्रियां अपने परिवार के लिए दुख का कारण बनती रहती है। इनमे लज्जा तनिक मात्र भी नही होती है।इनका मन दूसरे पुरूषो पर अधिक होता है।यह स्वभाव इनमे 12 सालो मे ही दिखाई देने लगता है। जिससे लोग इनका मान सम्मान नही करते है।यह अगर किसी से प्रेम से बात भी करती है तो ऐसा लगता है की किसी से झगड़ा कर रही हो। इनके जीवन मे भाग्य तथा पुण्य का कोई स्थान नही होता है।

(5)---पद्मिनी ----
इस प्रकार की स्त्रियां धर्म आस्था परोपकार तथा पूजा-पाठ मे विस्वास रखने वाली होती है।माता-पिता की सेवा करने वाली तथा बहुत ही सुंदर होती है। सबका सम्मान करने वाली होती है।तथा सभी के दिलों मे राज करती है।यह बडो को पिता के समान तथा समान वर्ग के लोगो को भाई के समान तथा छोटे को पुत्र के समान समझती है

इन कामों मे छुपी है बुरी आदतें 
इनसे हमेशा बचना के रहिये---
(1)--शिकार खेलना---
शिकार करना या खेलना बडी बुरी आदत है। क्योंकि हमे यह हक नही है कि हम किसी की हत्या कर सके। इससे मनुष्य पर बुरे प्रभाव पडते है। तथा नकारात्मक भाव मन मे आते है। ये काम अधिकतर वही लोग करते है जो कामवासना से ग्रसित होते है।

(2)---जुआ खेलना---
जुआ खेलना बडी बुरी आदत है । क्योंकि इससे मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति गायब हो जाती है।  उसकी मानसिक स्थिति इस तरह बदल जाती है कि वह अपने तथा अपनो की खुशी भी कुर्बान कर देता है। उसे जीतने की इतनी ललक लगी रहती है की वह अपनों की जिन्दगी भी दाव पर लगा देता है।यह एक सामाजिक बुराई है जिससे हमे बचना चाहिए ।
यह बहुत ही बुरी आदत है अपने लिए ना सही अपनो के लिए इस आदत को बदल दीजिए।

(3)--- सोते समय कामवासना के विचार मन मे लाना---
यह भी एक बुरी आदत है क्योंकि  इससे मनुष्य की भावना सिर्फ उसी मे लगी रहती है वो कही न कही मन वचन शरीर से दुर्बल हो जाता है। उसकी नीद भी गायब हो जाती है। और किसी काम के प्रति उसका मन सही प्रकार से काम नही कर पाता है। उसे न तो परिवार की चिन्ता रहती है और नाही अपनों की खुशी की परवाह होती है। ऐसे लोग जीवन मे कभी आगे नही पहुंच पाते है।

(4)---दूसरों की निन्दा करना---
दूसरों की निन्दा करना भी एक प्रकार की बुरी आदत ही है। क्योकि यह हमारे मन को कही नही बुरी ओर ही इंगित करती है। हम अपने आपको तो संतुष्ट कर सकते हैं परन्तु जिसके बारे मे हमे बुरा सोचते हैं उसका कुछ भी नुकसान नही होता है  बल्कि हमारा ही नुकसान हो जाता है।

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