Tuesday 7 September 2021

Pitrdosh Nivaran in hindi पितृदोष दूर करने के आसान उपाय?इन 3 वृक्ष और 3 पशुओं को पूजने से दूर होगा पितृदोष।

 दोस्तों भारतीय परम्परा और सभ्यता का बोलबाला पूरे विश्व में हैं हम पत्थर को भी पूजते है और पेड-पौधों को भी क्योंकि हमारी आस्था और विश्वास इन सभी से जुडा होता है। बात करें अगर ज्योतिष की तो इसमें पितृदोष का बहुत महत्व है और आज से नहीं प्राचीन काल से पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। यह तब होता है जब हम अपने पित्रों, पूर्वजों की शान्ति नहीं कर पाते।या हम उन्हें भूल जाते है।या हम उनको महत्व नहीं देते। तो  इससे व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय और दरिद्रता पूर्ण हो जाता है। क्योंकि हमारे पित्र भी हम पर ही निर्भर है। जिसकी कुंडली में यह दोष होता है वह मानसिक शारीरिक,रोगों से पीड़ित रहता है। पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है। किस्मत के दरवाजे बंद सो जाते है। तो आज हम यह जानने का प्रयास करेंगे की कैसे पितृ दोष दूर हो? पितृ दो दूर करने के उपाय क्या है?हम आपको कुछ ऐसे आसान उपाय बताएंगे जिससे आपके पित्रों की शान्ति हो जाए।

Pitrdosh Nivaran in hindi पितृदोष दूर करने के आसान उपाय?इन 3 वृक्ष और 3 पशुओं को पूजने से दूर होगा पितृदोष।

पितृदोष एक अदृश्य बाधा है।अक्सर हम केवल श्राद्ध पक्ष में ही पित्रों को याद करते है बाकी भूल जाते है यह बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है। लेकिन हम इसे या तो महत्व नहीं देते या बहुत बोझ मान लेते है।हमें इसका समाधान ढूंढना चाहिए।  पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे आपके आचरण से, किसी परिजन द्वारा की गई गलती से,श्राद्ध आदि कर्म न करने से,इच्छा पूर्ति न होने से,अंत्येष्टि न होने से,हत्या होने से, आत्महत्या करने से आदि में हुई बाधा के कारण हो सकते है।इन सभी समस्याओं के अंत का समाधान लेकर आए हैं।  आप इन उपायों को अपनाकर अपने पित्रों की शान्ति कर सकते है।

पितृदोष निवारण - तीन वृक्ष

पितृ दोष दूर करने में इन तीन वृक्षों की पूजा करने से शान्ति प्राप्त होगी।

1- बरगद वृक्ष - बरगद वृक्ष में साक्षात बिष्णु और शिव का वास माना जाता है। भारतीय परम्परा में यह वृक्ष अत्यंत पूजनीय है।बरगद के नीचे शिव की आराधना पूजार्चना एवं दीपदान करने से पित्रों की शान्ति मिलेगी।

2- पीपल वृक्ष - पीपल वृक्ष भी बड वृक्ष की तरह ही पवित्र और पावन माना जाता है।इस वृक्ष में बिष्णु का वास होता है और साथ में पित्रों का निवास भी इस वृक्ष में माना जाता है।पितृ पक्ष में इस वृक्ष के नीचे उपासना करने से पित्रों को शान्ति णिलती है।

3- बेलपत्र वृक्ष - इस वृक्ष में शिव का वास होता है। बेलपत्र का वृक्ष लगाने से भी पित्रों की शान्ति होती है। एकादशी और अमावस तिथि को इस वृक्ष पर जल चढाने से और पूजार्चना करने से पित्रों को मुक्ति मिलती है। 

पितृदोष निवारण - तीन पशु

पितृदोष निवारण के लिए इन तीन पशुओं का भी अहम योगदान है। 

1- कुत्ता - कुत्ते को साक्षात पित्रदेव ही माना जाता है,इसमें पित्रों का वास होता है। कुत्ते को वफादार भी माना जाता है। कुत्ते को भोजन देकर तथा कुत्ते को पालकर आप पितृ ऋण से मुक्ति पा सकते है। कुत्ते को कभी झाडू या लात नहीं मारना चाहिए इससे पित्र नाजाज होकर अनहोनी करते है।

2- कौवा - कौवे को भी पित्र ही माना जाता है यह हमारे घर का रक्षक भी होता है। इसको अथिति आगमन का सूचक और पित्रों का आश्रम स्थल भी माना जाता है। हमारी परम्परा के अनुसार श्राद्ध पक्ष में हम पित्रों के निमित्त कौवे का ग्रास भी निकालते है। कौवे को दाना या भोजन खिलाने से पित्रों को मुक्ति मिलती है। 

3- गरूड - यह भगवान बिष्णु का वाहन माना जाता है और इस पक्षी में भगवान बिष्णु की अपार श्रद्धा रहती है। इस पक्षी के नाम से गरूड पुराण विख्यात है। गरड पुराण सुनने और उसके अनुसार नियमों से पित्रों को मुक्ति मिलती है तथा गरूड की सेवा भाव से भी पित्रों की शान्ति होती है।

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