Wednesday 26 August 2020

श्राद्ध पक्ष में कैसे करें पित्रों की शान्ति /How to comfort the fathers in Shraddha Paksha /पितृ शान्ति के आसान उपाय व समाधान /Easy solutions and solutions for father peace/ { पितृ गायत्री पाठ }

श्राद्ध पक्ष में कैसे करें पित्रों की शान्ति /How to comfort the fathers in Shraddha Paksha /पितृ शान्ति के आसान उपाय व समाधान /Easy solutions and solutions for father peace

{ पितृ गायत्री पाठ }

ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्य महायोगिभ्य एव च |

नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः ||

अर्थात  -  यह पितृ गायत्री मंत्र पितरों की शांति के लिए और उनकी भटकती हुई आत्माओं को स्थिरता देने के लिए इसका जाप किया जाता है, यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र है और सुख समृद्धि प्रदान कराने वाली है।

दोस्तों श्राद्ध पक्ष भारत में एक ऐसा पर्व है जो कयी आस्थाओं से जुडा हुआ है,और लोग भक्ति-भाव एवं सात्विक भोजन-भजन के साथ अपने पूर्वजों, पितरों की शान्ति करते है। यह पर्व भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से ही पितृ पक्ष शुरू हो जाता है, पितृदोष का निवारण इन श्राद्धों में करवा लेना है. जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो जाता है ,उनके बनते कार्य बिगड जाते है, पारिवारिक क्लेशों, झगडा-अपवादों आदि में फस जाते है। कार्य में उन्नति नहीं  हो पाती है। रोगों से घिर जाते है, कोट कचहरी के चक्करों में पढे रहते है। तो उनको अपने पितरों की शान्ति करनी चाहिए। उनके पितर उन्हे आशीर्वाद देकर सुख समृद्धि प्रदान करेंगे ।

दोस्तों अगर पितृ दोष के कारण नौकरी, व्यापार आदी में रुकावटें,आ रही है तो करें ये आसान उपाय जिससे आपके जीवन सुख ही सुख उत्पन्न होगा।

कुंडली में पितृदोष होना मतलब व्यक्ति के पिछले जन्म से जुड़ा होता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान है और आपकी कुंडली में भी पितृदोष उत्पन्न होता है। तो पितर तर्पण, व अनुष्ठान तथा दान करने से यह दोष शान्त हो जाता है । अमूमन यह देखा जाता है कि लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। यही कारण है कि बहुत से लोगों अपने पूर्वजों को मोक्ष नहीं दिला पाते। 

तो चलिए आज हम आपको बताएंगे इस लॉकडाउन पीरियड में कि आखिर पितृ दोष क्या होता है? पितृ दोष क्यों होता है? पितृ दोष कब आता है? पितृ दोष कैसे दूर करें? पितरों की शान्ति कैसे करें? और इसके कुंडली में होने से कैसे-कैसे प्रभाव देखने के मिलने लगते हैं।उनको शान्ति कैसे दिलाए आदी सभी समाधानों के लिए हम लेकर आए हैं पितृ दोष निवारण के आसान व लाभकारी उपाय एवं टोटके।

पितृ दोष निवारण के अचूक उपाय /Surefire remedies for Pitra Dosha

दोस्तों हम आपको बता रहे है कुछ पितृदोष से मुक्ति के उपाय जो आपको पितृ दोष मुक्ति के लिए इन उपायों का इस्तेमाल कर आप पितृ दोष से छुटकारा पा सकते हैं। सुख समृद्धि का एक ही मार्ग है जो आपके पितर आपको को अच्छा अशीष प्रदान करें। 

1- प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष दूर होगा ।


2- जो लोग समय पर अपने पूर्वजो का श्राद्ध नहीं कर पाते हैं उनको “त्रपिण्डी श्राद्ध” करना चाहिए दोष से मुक्ति मिलती है ।


3- घर के सभी बुजुर्गों को हमेशा सम्मान दें और उनकी कद्र कीजिए, घर के मामलों में उनको पूरा अधिकार दिया जाए और किसी भी कार्य को करने से पहले उनकी सलाह जरू ली जाए ।


4- उसी तारीख व तिथि को श्राद्ध करें जिस दिन आपके पूर्वजों का देहांत हुआ हो,इसका जादा असर होगा।


5- अगर कोई आपके ऐसे भी पूर्वज होंगे जिनकी अकाल मृत्यु हुयी होगी और आपको पता नहीं है,उनकी मृत्यु अज्ञात है, तो आप उनके लिए भी श्राद्धों मे तर्पण करें, आपको ऊच्च आशीर्वाद प्राप्त होगा।


6- पितृ शान्ति के लिए हमेशा बरगद के पेड़ को पानी दें इससे भी दोष से मुक्ति मिलेगी ।


7- सोमवती अमावस के दिन पूर्वजो के श्राद के कुछ दिनों तक लगातार जल चढ़ाने से मुक्ति मिलती है।


8- अमावस्या या श्राद्ध पक्ष में गरीबों व ब्राह्मणों को भोजन करवाने से भी बहुत पुण्य मिलता है ।


9- प्रत्येक अमावस और एकादशी और पूर्णिमा को मंदिर व अन्य धार्मिक  भोजन या खाद्य सामग्री प्रदान करें ।


10- पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन शिव लिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए ।


11- आप जब भी घर में या अन्य कहीं भी भोजन कर रहे हो तो सर्वप्रथम पित्तरों के नाम का परोसा अवस्य रखें। 


पितृदोष शान्ति के लिए महत्वपूर्ण मंत्र जाप /Important chants for Pitridosh Shanti

दोस्तों आप इन मंत्रों से भी पितृ दोष से मुक्ति पा सकते है। इनका नियमित जाप करने से और पूजन करने से भी शान्ति व समृद्धि मिलती है । यह मंत्र राशी के अनुसार ही दिए गये है,आपकी जो राशी है आप उस राशी का जाप करके अपने पितरों की शान्ति कर सकते है। ये मन्त्र 12 राशियों के अनुसार दिए गये है,जो  निम्न प्रकार से है --


1- मेष राशि

मंत्र  - ऊं आदित्याय नम:।


2- वृषभ राशि

मंत्र  -  ऊं आदिदेव नम:।


3- मिथुन राशि

मंत्र  -  ऊं अचला नम:।


4- कर्क राशि

मंत्र  -  ऊं अनिरुद्ध नम:।


5- सिंह राशि

मंत्र  -  ऊं ज्ञानेश्वर नम:।


6- कन्या राशि 

मंत्र  -  ऊं धर्माध्यक्ष नम:।


7- तुला राशि

मंत्र  -  ऊं सत्यव्त नम:।


8- वृश्चिक राशि

मंत्र  -  ऊं पार्थसारथी नम:।


9- धनु राशि 

मंत्र  -  ऊं बर्धमानय नम:।


10- मकर राशि 

मंत्र  - ऊं अक्षरा नम:।


11- कुंभ राशि 

मंत्र  -  ऊं सहस्राकाश नम:।


12 - मीन राशि 

मंत्र  -  ऊं आदिदेव नम:।


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