Thursday 20 February 2020

क्रोध को शान्त कैसे करें? ,क्रोध शान्त करने के उपाय व समाधान ?

क्रोध को शान्त कैसे करें?
क्रोध शान्त करने के उपाय व समाधान ?

How to calm angerWays and solutions to calm anger?

क्रोध वह शत्रु है जो मनुष्य की इन्द्रियों को विवश करके, तथा ज्ञान को शून्य करके उसे विनाश की ओर ले जाता है।
जी हां हम बात कर रहे है, how to control angar यानी क्रोध जो है ,इसको शान्त करना मुश्किल हो सकता है लेकिन असम्भव नही। हर कोई इस समस्या जूझ रहा है कि how to control your angr या how to reduce angr क्रोध से कैसा जीता जा सके यह बुद्धि और विवेक दोनों का नाश करता है।cause of anger

 हमारे शास्त्रों में कहा गया है---
क्रोधो हि शत्रुः प्रथमो नराणां,देहस्थितो देह विनाशनाय ।
यथा स्थितः काष्ठगतो हि वह्नि, स एव वह्नि  दहते शरीरम् ।।

अर्थात- मनुष्य के शरीर के विनाश के लिए शरीर में स्थित क्रोध प्रथम शत्रु होता है,जैसे लकडी में स्थित आग लकडी को जला देती है,उसी प्रकार शरीर में स्थित आग शरीर को जला देती है।

क्रोध या गुस्सा (couse of anger) एक भावना है। दैहिक स्तर पर क्रोध करने/होने पर हृदय की गति बढ़ जाती है। मनुष्य को अपने पर कन्ट्रोल नही हो पाता है, रक्त चाप बढ़ जाता है। यह भय से उपज सकता है। भय व्यवहार में स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है,कितना भी छुपाने की कोशिश करो how to control your anger नही छुपा पाता है। जब व्यक्ति भय के कारण को रोकने की कोशिश करता है। क्रोध मानव के लिए हानिकारक है। यह जब अन्दर उमडता है तो इसे शान्त होने तक वह अपनी इन्द्रियों पर कन्ट्रोल नही कर पाता है।how to control anger क्रोध कायरता का चिह्न है।सनकी आदमी को अधिक क्रोध आता है, उसमे परिस्थितीयों का बोझ झेलने का साहस और धैर्य नही होता।क्रोध anger आने के बादवह खुद की परवाह भी नहीं करता है, क्रोध anger संतापयुक्त विकलता की दशा है।

क्रोध मे व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता लुप्त हो जाती है और वह समाज की नजरों से गिर जाता है।पश्चाताप होता है किन्तु तब बहुत देर हो चुकी होती है, क्रोधanger आने का प्रमुख कारण व्यक्तिगत या सामाजिक अवमानना है। यह वंशानुक्रम भी हो सकता है,लेकिन इसे बीमारी का नाम नही दे सकते,उपेक्षित तिरस्कृत और हेय (Neglected disparaged and hey) समझे जाने वाले लोग अधिक क्रोध करते है। क्रोध आने के कयी कारण हो सकते है।how to control anger क्योंकि वे क्रोध जैसी नकारात्मक गतिविधी के द्वारा भी समाज को दिखाना चाहते है कि उनका भी अस्तित्व है। क्रोध का ध्येय किसी व्यक्ति विशेष का नही होता है। यह एक भाव है जो कभी-कभी अधिकता से उत्पन्न हो जाता है।

मनुष्य सामाजिक प्राणी है,और समाज में ही उसकी गतिविधि अधिक होती है समाज भी उस व्यक्ति को महत्व नही देता जिसके अन्दर क्रोध हो वह अपने को हीन मानने लगता है। बहुत कोशिश करता है कि( how to control anger) उसका क्रोध कैसे शान्त हो,वह क्रोध पर काबू कैसे पाये, क्रोध से निजात कैसे मिले, क्रोध से कैसे बचा जाए (how to control anger) आदी समस्या से जूझने लगता है। मन मे सवाल आता है कि क्रोध कैसे दूर किया जाए,क्रोध दूर करने के उपाय ढूढता है। how to reduce anger क्योंकि समाज ऐसे व्यक्तियों से बचना चाहता है।

शास्त्रों में भी कहा गया है---
रसस्यभेदो याच्ञा च नैष्ठुर्य चलचितता ।
क्रोधो निःसत्यता द्यूतमेतन्मित्रस्य दूषणम् ।।

अर्थात-- गुप्त बातों से मित्रता करना,धनादि मांगना, निर्दयता, चित्त की चंचलता, क्रोध और झूठ बोलना तथा जुआ खेलना ये सब मित्र के दोष है और असफलता का भी कारण है।

क्रोध शांत करने के बेहतरीन उपाय

Best ways to calm anger


Cause of anger
हर कोई यही सोचता है कि मै अपने गुस्से पर काबू कसे करे How to control anger  न चाहते हुए भी व्यक्ति उस पर क्रोध कर बैठता है जो उसके काफी करीबी होता है। उसकी इन्द्रियां खुद अपने पर काबू नही कर पाती है, How to control your anger विवश होकर बाद में पछताना ही पढता है। हर किसी व्यक्ति के क्रोध करने के पीछे एक शारीरिक प्रतिकिया होती है। इस बात पर ध्यान दें कि आपका शारीर आपसे क्या बोल रहा है, और शांति से काम लें।How to reduce anger आपको नीचे कुछ आसान से टिप्स को ध्यान से पढ़ें और समझें। मनन जरूर कीजिए  मैं गारंटी के साथ कह सकता हूँ इससे आपको जरूर अपने गुस्से या क्रोध को काबू करने में मदद मिलेगी।
याद रखिए यह वह शत्रु है जिसे हम न चाहते हुए भी उसे अपने अन्दर पाले रखा है


           How to control your anger

(1)- अपने क्रोध आने वाले कारणों को                  पहचाने
        (Identify the reasons for                   your anger)

क्रोध को शान्त वही व्यक्ति कर सकता है,क्योंकि उसे मालूम होता है कि किन कारणों से उसे क्रोध आ रहा है, ऐसी कौन सी बात है जो उसको बार-बार प्रेरित कर रही  है।couse of anger इस कारण यह भी है,ज्यादातर लोगों को गुस्सा आने से पहले – दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है, कन्धों में टेंशन के कारण हलचल होने लगता है, मुट्ठी बंद होने लगता है। हमारे अन्दर हलचल होने लगती है मन बार-बार प्रेरित करता है की इसको शान्त किया जाए उसका नर्वश सिस्टम बेकाबू हो जाता है। जरूरी है इसे समय पर शान्त करना अन्यथा अनहोनी होने में देरी नही लगती है।


             समस्या समाधान--

● अपने शरीर में हो रहे शारीरिक उत्तेजना को समझें।
● एक लम्बी सांस लेकर होश में रहें और सोचें जरूर।
● जितना हो सके अपने कन्धों को घुमाएँ तथा गर्दन और सर की मालिश करें।
● धीरे-धीरे एक से दस तक गिनती गिनने का प्रयास करें।


(2)- क्रोध को समाप्त करने का समाधान ढूंढें
       Find a solution to end anger

क्रोध आना स्वाभाविक है किन्तु ऐसा नही कि इसका कोई समाधान न है, इसके कयी आशान समाधान है, यह कदापि न सोचे कि कौन से कारण आपको गुस्सा दिलाता है, बल्कि यह सोचने का प्रयास कीजिए कि अपने गुस्से को आप कैसे काबू कर सकते हैं। How to control your anger  गहराई से सोचे कि अगर कोई समस्या है तो उसका समाधान भी होगा, याद रखिए वह खुद शान्त होने वाला नही है,आपको प्रयत्न तो करना ही होगा। यह भी हो सकता है आपका साथी आपको समय ना दे पा रहा हो अपने ऑफिस क कुछ कामों के कारण तो साथ बिताने के लिए हफ्ते में कुछ विशेष समय फ़िक्स करें। पर गुस्सा होने से इसका कोई फल नहीं निकलने वाला है। आप जितना शान्त रहेंगे क्रोध स्वतः ही शान्त हो जाएगा।


(3)- व्यायाम को नियमित करें
       Regularize exercise

दोस्तों भारत ही नहीं पूरा विश्व मान चुका है कि योग सभी रोगों,मानसिक पीड़ाओं का एक समाधान है।अगर आपको लगता है कि आपका गुस्सा आप पर हावी हो रहा है,आप तमाम योजनाओं को अपना कर भी खुद पर काबू नहीं कर पा रहे है,तो यो (व्यायाम) को  अवश्य अपनाएं आप किसी भी प्रकार का व्यायाम कर सकते है, जैसे प्राणायाम यह बहुत ही कारगार साबित होगा। अन्य-- दौड़, साइकिलिंग, योग, मार्सल आर्ट्स, स्विमिंग, नाचना, बॉक्सिंग, ध्यान लगा कर या अन्य किसी भी प्रकार का व्यायाम नियमित रूप से प्रतिदिन करें। शाररिक गतिविधि आपके मन में उत्पन्न होने वाले तनाव को कम करता है।और आप स्वयं को हल्का महसूस करने लगेंगे आपको लगेगा कि आपका मन सही राह पर चल रहा है।
व्यायामों के बारे मे विस्तृत जानकारी व योग मुद्राएं
यहाँ क्लिक करे
योग साधना

(4)- ॐ ध्वनि का उच्चारण करें
Pronounce ॐ sound

 जी हां हम भले ही मेडिकल साइंस पर जादा भरोसा करते होंगे किन्तु आध्यात्म की कोई बराबरी नही कर सकता,आध्यात्म अपने आप में श्रेष्ठ है। इसीलिए अगर क्रोध पर विजय प्राप्त करनी है,तो नियमित सुबह उठकर सुद्ध मन,शरीर तथा आत्मा के साथ शान्त भाव से ॐ ध्वनि का उच्चारण करें यथा सामर्थ अनुसार। अगर आप कुछ समय के लिए या नियमित रूप से इसे अपनी दिनचर्या मे बिठाते हो तो आप पर कभी क्रोध हावी नही होगा और साथ ही साथ आपके अन्दर तेज की प्राप्ति भी हो जाएगी। इन सभी क्रिया को करने से पहले मन की पवित्रता होनी आवश्यक है,क्योकिं जब तक हमारा भाव नहीं होगा कार्य सफल नहीं  होगा।
ॐ की महता को अधिक जाने
ॐ ध्वनि का लाभ व महत्व



(4)- क्रोध को दूसरों के सामने अभिव्यक्त करें
       Express anger to others


आपने सुना होगा और महसूस भी किया होगा कि जब हम अपना दुख दूसरे के सामने अभिव्यक्त करते है तो ऐसा अनुभव होता है मानो दुख स्वतः ही कम हो गया हो। ठीक वैसा ही क्रोध भी है जितना छुपाओगे, वह बढता ही जाएगा,अभिव्यक्त करोगे तो वह धीरे-धीरे कम होता जाएगा।
क्रोध को अपने अन्दर छुपाना आपके लिए अच्छा नहीं है। इसलिए हमें इसके विषय में बात करने के लिए संकोच नहीं करना चाहिए। क्या पता यह समस्या उस व्यक्ति की भी हो जिससे आप समान मांग रहे है,वह आपको सही सलाह देगा क्योंकि वह उस समस्या से जूझ रहा है।How to control your anger आप किसी भी प्रकार से अपने क्रोध को अभिव्यक्त कर सकते हैं चाहे वो मुहँ के द्वारा बोल कर हो या हाथ से लिख कर। माध्यम कोई भी हो आपको शान्ति और निजात दोनों का फायदा अवश्य होगा।


भगवान श्रीकृष्ण ने दिया है क्रोध पर उपदेश
Lord Krishna has preached anger


मनुष्य अपेक्षाओं से बंधा हुआ है,अपेक्षा ही उसकी उन्नति का कारण भी बनता है,और वहीं से उत्पन्न होता है संघर्ष। उसी में वह कर्म रत रहता है ,तो क्या वह सुखी जीवन नही है।
मनुष्य सम्बन्धों से बंधा हुआ है,वह कभी नही चाहता कि उसे दुख प्राप्त हो, वह सुख ही जीवन मे चाहता है ,इसीलिए संबंधों को अपनाता है। इन्हीं सम्बन्धों मे जब मनुष्य संघर्षों को स्वीकार करता है तो सुख उत्पन्न होता है जितना अधिक संघर्ष उतना ही अधिक सुख। स्वीकार ही सम्बन्धों काअसली सुख है। जहां कोई मतभेद होता है, वहीं क्रोध जन्म लेता है।क्रोध का कारण भी मन की संतुष्टि न होना ही है,इसीलिए सम्बन्धों में प्रांगणता रखे स्वयं ही आप अपने को शान्ति महसूस करेंगे और क्रोध कभी जन्म नही लेगा।



क्रोध आने के प्रमुख कारण (घटक) सावधानियां
Major Causes of Anger (Component) Precautions


दोस्तों ईश्वर ने मनुष्य को बहुत से संवेग (Emotions) दिए हैं।कोई भी ऐसा प्राणी नही है जिसमें कोई संवेग, भाव न हो हां किसी में अधिकता होती है,How of anger इसमें हंसना, खेलना, रोना, दुखी होना, डरना और गुस्सा होना भी शामिल है। जब हमारे साथ कुछ गलत होता है तो हम गुस्सा,क्रोध (Anger) दिखाकर अपना विरोध प्रदर्शित करते हैं।How to control your anger यदि कोई काम गलत होता है और तब आपको क्रोध आता है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। यह पूरी तरह सामान्य है। हां समस्या तब है जब इसमें अधिकता हो,क्योंकि अधिकता कहीं भी समायोजित नही हो पाती है।How to control anger क्रोध से सम्बन्धित हम कुछ महत्वपूर्ण घटक लेकर आए हैं आप इनको पहचान एवं समझ करके अपने क्रोध पर काबू पा सकते है।

How to control your anger

(1)- आनुवंशिक कारण को पहचाने
        Identify the genetic cause


दोस्तों यह सत्य है कि बच्चे के अन्दर 90% गुण वंशानुक्रम से ही आते है ,अन्य वह खुद से सीखता है,क्रोध आने का कारण भी वंशानुक्रम हो सकता है,और यह जरूरी नही है कि आप इसे बदल नही सकते आप इसमें परिवर्तन भी कर सकते है। यदि आप के माता पिता, दादा-दादी या पूर्वज बहुत गुस्से वाले थे तो बच्चों में गुस्सा होने का गुण प्राकृतिक रूप से आ जाता है। इस तरह इस समस्या को दूर करना बहुत कठिन हो सकता है। लेकिन असम्भव नहीं क्योंकि कोई भी गतिविधि ऐसी नही है जिसे मानव नहीं कर सकता। इस तरह की समस्या को सुलझाने के लिए आपको धैर्य (Patiness) से काम लेना होगा। और उन कारणों की पहचान करके खुद में बदलाव करने की आवश्यकता है। आप स्वयं ही पाएगें कि आप में कुछ बदलाव हुआ है।

(1)-  तामसी भोजन का त्याग करना
        Renounce tamasic food


कहा भी गया है जैसा अन्न वैसा मन जी हां गलत खाने का प्रभाव सीधे हमारे मन,वचन और क्रिया पर पडता है। जो लोग मांसाहार, लहसुन, प्याज, अदरक, अधिक मसाले करते है उनमे यह क्रोध का गुण अधिक पाया जाता है। क्योंकि यह सभी चीजें व्यक्ति के शरीर में गर्मी को बढ़ाती हैं।  इसलिए जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है उन्हें सादा और बिना तेल मसाले का भोजन करना चाहिए। दूध से भी ऐसे लोगो को बचना चाहिये। इसलिए तामसिक भोजन का प्रयोग न करें

(3)- गहरी और लंबी सांसे लें
       Take deep and long breaths


जब भी आपको बहुत गुस्सा आता है तो तुरंत ही लंबी और गहरी सांसे लेनी चाहिए जिससे आपके मस्तिष्क में अधिक से अधिक ऑक्सीजन जा सके। गहरी साँसे लेना वैसे भी एक बहुत ही बढ़िया आदत है जो हमारे शरीर के लिए सही होता है. इससे हम शांत होते है और बाकी की फ़ालतू की चीजे हमसे दूर चली जाती है.

(4)- किसी एकांत सुन्दर जगह पर जाये
Go to a secluded beautiful place

प्रकृति का हम पर बहुत प्रभाव पढता है, जैसा पर्यावरण होगा मन भी शान्त होगा और विचारों में भी श्रेष्ठता आएगी। अलग अलग लोग अलग तरह से अपना गुस्सा दिखाते हैं। कुछ लोग अपने कपड़ो को फाड़ देते हैं, कुछ लोग अपना फोन उठा कर जमीन पर पटक देते हैं। कुछ लोग घर का सामान तोड़ डालते हैं और कुछ लोग घर के सदस्यों के साथ मारपीट करते हैं। यह सभी तरीके नकारात्मक हैं। जब भी आप पर क्रोध हावी हो आप ऐसी एकान्त व सुन्दर जगह को चुन ले जब आपका गुस्सा शान्त हो जाए वापस आ जाइए। यह बहुत ही कारगर साबित होगी।और आप इस समस्या से निजात पा सकोगे।


(5)- संगीत सुने या गुनगुनाएं
       Listen to music or hum


आपने आजमाया होगा कि जब भी आप कोई गाना सुनते है या गुनगुनाते है तो आपके अन्दर नयी ऊर्जा आ जाती है आप खुशी महसूस करते है,आपका मन प्रफुल्लित हो जाता है।
कई लोग गुस्सा आने पर अपने मनपसंद गीत Music सुनते हैं। इस विधि को “म्युसिक थेरेपी” कहते है। यह युक्ति भी बहुत अच्छी है। इस तरह आप आसानी से अपने गुस्से को काबू कर सकते हैं। साइकैटरिस्ट भी इस तरह का परामर्श देते हैं। म्यूजिक आपको जितना सुकून देता है उतना ही यह आपके मन को शांत कर देता है जिससे आपको एक बहुत बढ़ि या फीलिंग आती है और आप फिर से तरोताजा हो जाते हो।आपका क्रोध भी शान्त होगा और विचारों में शुद्धता आएगी।


क्रोध के दुष्प्रभाव (गलत परिणाम)
Side effects of anger (wrong result)


How to control your anger
हम बात कर रहे हैं, कि क्रोध कैसे शान्त हो?
क्रोध हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक क्यों है?
सामान्यतः मुख्य रूप से यह हृदय गति, रक्तचाप और तनाव के स्तर में वृद्धि का कारण ही क्रोध बनता है।  जब क्रोध की आवृत्ति बार-बार  और अप्रबंधित होती है, तो शरीर के उपापचय में परिवर्तन तीव्र हो जाते हैं जो अनिवार्य रूप से न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि जीवन की समग्र गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं। क्रोध जब अधिक होता है तो  उसके दुष्प्रभाव की सीमा भी बड जाती है। वे

  दुष्प्रभाव निम्न प्रकार से है--

  • ह्रदयघात              (Heart attack)
  • आघात                 (the strokes)
  • अपनी रक्षा में कमी (Lack in your                                             defense)
  • त्वचा संबंधी समस्याएं (skin problems)
  • अनिद्रा                   (Insomnia)
  • मानसिक तनाव       (mental stress)
  • उच्च रक्त चाप        (high blood pressure)
  • कब्ज़ की शिकायत (digestive problems)
  • सिरदर्द                  (Headache)
 __________________________________
__________________________________
अन्य सम्बन्धित लेख--

0 comments: