Saturday 24 April 2021

Kalsarpdosh niwaran in hindi कालसर्प दोष क्या होता है?कालसर्प दोष के 11प्रकार नाम लक्षण एवं शांत करने के अचूक उपाय

Kalsarpdosh niwaran in hindi कालसर्प दोष क्या होता है?कालसर्प दोष के 11प्रकार नाम लक्षण एवं शांत करने के अचूक उपाय 

नमस्कार दोस्तों आज हम एक विशेष तथ्य पर बात कर रहे काल सर्प दोष जी हां यह एक ऐसा दोष हर जो हमारे सभी कार्यों की गति अवरूद्ध कर देते है, अगर आपके विवाह मे हो रही देरी,अगर नौकरी में आ रही है बाधा,अगर घर में बेवजह हो रहा है क्लेष,अगर पूरे परिवार का स्वस्थ्य है खराब, अगर बनते कार्य बिगड रहे है, तो जान लीजिये कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष का योग बन रहा है।यही कालसर्प दोष के लक्षण होते है अगर आपको लगातार मेहनत करने पर असफलता मिल रही है। या फिर किसी बीमारी के बेहतर इलाज के बाद भी आप ठीक नहीं हो पा रहे हैं तो इस तरह के लक्षण कुंडली में कालसर्प दोष को दर्शाते हैं।आपकी जीवन चर्या ही अस्त-व्यस्त हो जाती है। कालसर्प दोष के लक्षण होने पर राहु केतु की दशा तथा व्यक्ति को मानसिक रूप से नींद में सांप और मृत्यु के लगातार सपने आना भी कालसर्प दोष होने का लक्षण है। हम आपको कालसर्प दोष के कयी प्रकार ,कयी नामों के बारे मे बता रहे है।

कालसर्पयोग का सामान्य प्रभाव लक्षण General effect and Symptoms of Kalasarpa Yoga

सन्तान प्राप्ति में अवरोध , गृहस्थ जीवन में प्रतिक्षण कलह , धन प्राप्ति में बाधा , मानसिक अशान्ति , विद्या प्राप्ति एवं भाग्योदय में बाधा , वात - पित - कफ त्रिदोषजन्य रोग , विद्या प्राप्त कर लें भी तो प्राप्त विद्या का उपयोग न होना , जीवन भर संघर्ष , संकटों की धारा चलना , रिश्तेदारों से व्यर्थ का विरोध , लोगों में गलतफहमी , दोस्तों द्वारा विश्वासघात , भूत - प्रेतादि का बाधा , तान्त्रिक प्रयोग , मिथ्या अभियोग में फंसकर जेल यात्रा , वैवाहिक सुखाभाव , व्यर्थ की कोर्ट - कचहरी में खर्चा , कर्ज का लगातार बढ़ना , घर में बरकत नहीं , वास्तुदोष वाले घर में रहना पड़ता है , स्वपरिवार के लोगों का वरताव अच्छा नहीं रहना , संतान के विवाह में देरी , परिवार के प्रिय / प्रमुख व्यक्ति का वियोग , घर के किसी व्यक्ति का अकारण घर का छोड़ना तथा उसका वर्षों तक पता न चलना , परिवार के किसी व्यक्ति का दुर्घटना / अपघात / आत्महत्या में मृत्यु होना , स्वयं दूसरों के काम में आगे किन्तु स्वयं की सहायता कोई न करे , धन्धे में दिवाला होना इत्यादि । 

सभी कालसर्प योग का संक्षिप्त फलादेश एवं विवरण Brief description and details of all Kalasarpa Yogas

( १ ) अनन्त कालसर्पयोग 

ऐसे जातक को व्यक्तित्व निर्माण करने एवं आगे बढ़ने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है । गृहस्थ जीवन विगड़ा हुआ एवं अशान्तिपूर्ण होगा । वैवाहिक जीवन अंसतोषजनक रहता है । स्वपरिवारजनों से नुकसान झेलना पड़ता है । मानसिक अशान्ति एवं रोजी - रोटी के लिए परेशान रहना पड़ता है । एक के बाद एक अनन्त मुसीबतें आती रहेगी इत्यादि । 

( २ ) कुलिक कालसर्पयोग

धन के कारण जीवन में संघर्ष रहेगा । धन / , सम्पति के कारण अपयश , परेशानियां एवं खर्च की अधिकता बनी रहती है । स्वास्थ्य में नरमा - गरमी बनी रहती है । दिमाग गरम रहता है । यह योग अत्यन्त पीड़ादायक है । चिड़चिड़ापन स्वभाव में रहता है । कुलीन धनी परिवार के होते हुए भी कंगाल रहेगा । 

( ३ ) वासुकी कालसर्पयोग स्वकुटम्ब एवं भाई 

बहिनों की ओर से परेशानी रहती है । मित्रों से धोखा , नौकरी - धन्धे में उलझनें , भाग्य का पूर्ण सुख नहीं । धन कमाता है पर साथ में बदनामी भी । स्वजनों के कारण मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं । किसी भी प्रकार के काम से यश नहीं मिलता । 

( ४ ) शंखपाल कालसर्प योग

इस योग के कारण सर्व सुख में बाधा । माता , वाहन , नौकर - चाकर को लेकर परेशानी रहेगी और इनसे अनावश्यक लड़ाई - झगड़े होंगे । पिता या पति की और से कष्ट एवं वैमनस्य रहेगा । व्यापार - व्यवसाय में नुकसान झेलना होगा । अपनों से विश्वासघात होगा । दिमागी परेशानी एवं तनाव सदा रहेगा । सुख के लिए किये गये सभी प्रयास निरर्थक होगा , निरन्तर बाधा व संघर्ष करती रहनी पड़ेगी । 

( ५ ) पद्म कालसर्प योग

इस योग वाले व्यक्ति को विद्या अध्ययन एवं सन्तान प्राप्ति | में रुकावट आती है । विशेषतः पुत्र प्राप्ति की चिन्ता रहेगी । गुप्त शत्रु बहुत होते हैं । परिवार में अपयश एवं जीवनसाथी द्वारा विश्वासघात होगा । लाभ प्राप्ति में रुकावट अथक प्रयास भी विफल होगा । जिस कार्य में हाथ डालें उसमें असफलता ही होगी । 

( ६ ) महापद्म कालसर्प योग

इस योग के कारण व्यक्ति रोगी बना रहता है । जातक का चरित्र संदेहास्पद रहता है । प्रेम प्रणय विफल होगें । सफल भी हो जायें तो टिकेगी नहीं , तलाक / मृत्यु जरुर होगा । आत्मबल कमजोर रहता है , अतः निराशावादी रहेगा । यात्रायें बहुत करने पर भी सफलता नहीं मिलेगी । कार्य में स्थिरता का अभाव रहेगा । गुप्त शत्रु अनेक होगें । जीवन कष्टमय रहेगा । 

( ७ ) तक्षक कालसर्प योग 

जातक का वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण रहेगा । जीवनसाथी से बिछोह , प्रेम प्रंसग में असफलता मिलेगी । बनते कार्य बिगड़ेंगे । बड़ें पदों की प्राप्ति से वंचित रहेगा । गुप्त प्रसंग एवं भागीदारों से धोखा ही होगा । मानसिक अशान्ति कभी भी दूर नहीं होगी । 

( ८ ) कर्कोटक कालसर्प योग 

इस जातक को अल्पायु और दुर्घटना से भय रहेगा । स्वास्थ्य की चिन्ता बनी रहेगी । बात - बात पर धनहानि तथा उधार दिया हुआ धन डूबेगा । वाणी अनियत्रित एवं दूषित रहेगी । परिश्रम के अनुसार फल नहीं मिलेगा । अपनों में अपयश और इष्टजनों में मानहानि मिलेगी । 

( ९ ) शंखनाद / शंखचूड़ कालसर्पयोग

इस जातक का भाग्योदय में परेशानी एवं नौकरी की प्राप्ति व आगे बढ़ने में रुकावटें होगी । मित्रों द्वारा कपट व्यवहार , व्यापार में घाटा , सरकारी कामकाज एवं नौकरी आदि से च्युति होगी । अदालत से दण्डित होगा । भाग्योदय के लिए सभी प्रयत्न विफल होंगे । बहनोई एवं मामा पक्ष से धोखा होगा । 

( १० ) पातक / घातक कालसर्पयोग

इसके कारण व्यापार में घाटा , भागीदारी में मन - मुटाव , सरकारी संबध खटाई में पड़ना । सुख के सभी प्रयास व्यर्थ होगा । परिवार में सदा कलह होगा । निरन्तर चिन्ता एवं परेशानी सतायेगीं । व्यवसायिक एवं गृहस्थ जीवन कष्टमय होगा । पैतृक सम्पति की प्राप्ति में अवरोध एवं पिता से अमृदु संबंध रहेगा । 

( ११ ) विषधर ( विषाक्त ) कालसर्पयोग

इस योग में जन्मे जातक को ज्ञानार्जन में दुविधा होगी । उच्च शिक्षा में बाधा , स्मरण शक्ति का ह्मस होगा । दादा - दादी एवं नाना - नानी से पूर्ण सहयोग की संभावना रहते हुए भी हानि ही होगी । चाचा एवं चचेरे भाइयों से झगड़े होगे । सन्तान सदा बीमार रहेगी । लाभ में बाधा के कारण व्यक्ति चिन्तातुर रहेगा । धन निमितक बदनामी प्राप्त होगी ।

अन्य सम्बन्धित लेख साहित्य---

0 comments: