जय श्री कृष्ण दोस्तों आज हम एक नहीं 11 शिवलिंगों के दर्शन आपको कराएंगे तथा यह भी बताएंगे कि अलग-अलग शिवलिंग पर अभिषेक करने से क्या लाभ होते है। क्योंकि शिवपुराण में ऋषियों के पूछने पर स्वयं भगवान शिव ने अभिषेक का महत्व बताते हुए कहा है कि सभी प्रकार की आसक्तियों से रहित होकर जो मेरा अभिषेक करता है वह सभी कामनाओं को प्राप्त करता है।शिव में अनन्त शक्तियांहै शिव ही महाकाल है,जो अकाल मृत्यु से भी व्यक्ति को वापस ला देते है। शास्त्रों में अनेकों कामना की प्राप्ति के लिए अनेक प्रकार के द्रव्यों से अनेक प्रकार के शिवलिंगों पर अभिषेक का वर्णन और फल बताया है।
Shivling Abhishek इन 11 शिवलिंगों पर अभिषेक करने से मिलता है अलग-अलग फल जाने 11 शिवलिंगों का महत्व एवं विशेषताएं
शिव पुराण के अनुसार शिव-शक्ति का संयोग ही परमात्मा है।जो भी मनोभाव से शिव को भजता है या अभिषेक करता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं । शिव की जो पराशक्ति है उससे चित् शक्ति प्रकट होती है। चित् शक्ति से आनंद शक्ति का प्रादुर्भाव होता है, आनंद शक्ति से इच्छाशक्ति का उद्भव हुआ है, इच्छाशक्ति से ज्ञानशक्ति और ज्ञानशक्ति से पांचवीं क्रियाशक्ति प्रकट हुई है। इसीलिए आज हम आपके लि 11 शिवलिंगों के महत्व और शुभ फल को बताएंगे वे 11 शिवलिंग अलग-अलग धातुवें के बने है - सोने का शिवलिंग, नीलम शिवलिंग, चांदी शिवलिंग, स्फटिक शिवलिंग, पुखराज शिवलिंग, मोती शिवलिंग, पारद शिवलिंग, कांस्य शिवलिंग, तांबे का शिवलिंग, पीतल का शिवलिंग, लोहे का शिवलिंग इन सभी शिवलिंगो का अपना अलग महत्व है। इन्हीं से निवृत्ति आदि कलाएं उत्पन्न हुई हैं।
चित् शक्ति से नाद और आनंदशक्ति से बिंदु का प्राकट्य बताया गया है। इच्छाशक्ति से 'म' कार प्रकट हुआ है। ज्ञानशक्ति से पांचवां स्वर 'उ' कार उत्पन्न हुआ है और क्रियाशक्ति से 'अ' कार की उत्पत्ति हुई है। इस प्रकार प्रणव (ॐ) की उत्पत्ति हुई है। आइए जानते है इन 11 शिवलिंगों पर अभिषेक करने से क्या फल प्राप्त होता है।
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